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Sacred Mountains: ये हैं भारत के सबसे पवित्र पहाड़, जानिए इनका धार्मिक महत्व
मां नंदा देवी ( Nanda Devi ) के नाम से जाने जाना वाला यह पर्वत भारत का दूसरा और विश्व का 23वां सबसे ऊंचा पर्वत है। नंदा देवी का पर्वत भारत और नेपाल की सीमा क्षेत्र में फैला है।
India holy mountain: दुनिया में कई ऐसे पहाड़ हैं, जिनका एक खास धार्मिक महत्व है। पहाड़ों की ये चोटियां तीर्थस्थल के रूप में जानी जाती हैं। भारत में भी हिमालय, अरावली, विंध्य, सह्माद्रि, मलयगिरि, नीलगिरि, महेंद्राचल, शुक्तिमान, ऋक्ष, चित्रकूट आदि पर्वतमालाएं हैं, जिनमें कई पवित्र या ऊंचे पर्वत विद्यमान हैं। आज हम भारत के कुछ ऐसे ही पवित्र पर्वतों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जहां आपको एक बार जरूर जाना चाहिए-
कैलाश पर्वत (Mount Kailash)
हालांकि यह पर्वत भारत में नहीं आता, लेकिन यह हिन्दुओं के लिए सबसे पवित्र पर्वत माना गया है। यहां साक्षात शिव विराजमान हैं। इसी पर्वत के पास मानसरोवर स्थित है। कैलाश पर्वत समुद्र सतह से 22,068 फुट ऊंचा है और हिमालय से उत्तरी क्षेत्र में तिब्बत में स्थित है। चूंकि तिब्बत चीन के अधीन है, इसलिए कैलाश चीन में आता है।
नंदादेवी पर्वत ( Nanda Devi )
मां नंदा देवी ( Nanda Devi ) के नाम से जाने जाना वाला यह पर्वत भारत का दूसरा और विश्व का 23वां सबसे ऊंचा पर्वत है। नंदा देवी का पर्वत भारत और नेपाल की सीमा क्षेत्र में फैला है। यह पर्वत उत्तराखंड (Uttarakhand) के गढ़वाल जिले में स्थित है। यह पर्वत हिमालय के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र का प्रसिद्ध पर्वत शिखर है। चमोली से इसकी दूरी 32 मील पूर्व है। कहा जाता है कि शिव जी की पत्नी नंदा इसी पर्वत पर निवास करती हैं। यहां माता का भव्य मंदिर बना हुआ है।
माउंट आबू ( Mount Abu )
माउंट आबू ( Mount Abu ) पर्वत राजस्थान (Rajasthan) और गुजरात (Gujarat) की सीमा पर स्थित है। यह नीलगिरि पहाड़ी श्रृंखला की सबसे ऊंची जोटी है, जो राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित है। माउंट आबू हिन्दू और जैन धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है। यह प्राचीनकाल से ही साधु-संतों का निवास स्थान रहा है। कहा जाता है कि जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर भी यहां आए थे। आपको बता दें कि माउंट आबू में ही दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां शिवजी के पैर के अंगूठे की पूजा होती है।
गोवर्धन पर्वत (Govardhan hill)
गोवर्धन पर्वत (Govardhan hill) उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के मथुरा (Mathura) में स्थित है। परंपरा के अनुसार गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा लगाने का प्रचलन है। दूर-दूर से लोग गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने आते हैं। यह पर्वत भगवान श्रीकृष्ण की लीलास्थली मानी जाती है। भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में ब्रजवासियों को इन्द्र के प्रकोप से बचाने के लिए इसी गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठा लिया था। गोवर्धन पर्वत को 'गिरिराज पर्वत' भी कहते हैं।