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Saputara Hill Station: गुजरात का एकमात्र हिल स्टेशन
Saputara Hill Station: लाखों पर्यटकों को हर साल अपनी ओर आकर्षित करने वाला सापुतारा गुजरात का एक खूबसूरत हिल स्टेशन माना जाता है।
Saputara Hill Station: भारत के पश्चिमी घाटों में गुजरात राज्य के डांग जिले में स्थित सापुतारा एक खूबसूरत हिल स्टेशन है जो अपने हरे-भरे जंगलों, पहाड़ों और झरनों के लिए मशहूर है। लाखों पर्यटकों को हर साल अपनी ओर आकर्षित करने वाला सापुतारा गुजरात का एक खूबसूरत हिल स्टेशन माना जाता है। इसे गुजरात का इकलौता हिल स्टेशन भी कहा जाता है।
यहां देखने लायक कई स्थान हैं जैसे :
हटगढ़ किला
सापुतारा से करीब 5 किमी की दूरी पर, गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा से सटे यह किला स्थित है। समुद्र तल से लगभग 3,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस किले तक ट्रैकिंग के जरिए आसानी से पहुंचा जा सकता है। इस किले का निर्माण छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा किया गया था। यह किला महाराष्ट्र के नासिक जिले के मुल्हेर में सह्याद्री पर्वत श्रृंखला में स्थित है। इस किले के ऊपर से पर्यटकों को पूरी घाटी और सुरगाना गांव का नज़ारा देखने को मिलता है । साथ ही यहां के आसपास के गांव के लिए पानी का स्त्रोत वाला गंगा और जमुना नामक जलाशयों को भी देख सकते हैं।
सापुतारा झील
सापुतारा हिल स्टेशन से तकरीबन 1.5 किमी की दूरी पर स्थित यह झील एक मशहूर पर्यटक स्थल है। हरी-भरी वादियों में स्थित इस कृत्रिम झील में पर्यटकों के लिए बोटिंग जैसे कई सुविधा उपलब्ध है साथ ही बच्चों के लिए पार्क और खेल के मैदान भी हैं। इस झील के किनारे सैलानियों के लिए फूड जोन और खरीदारी करने के अवसर भी हैं। मानसून के बाद यह जगह घूमने के लिए उत्तम है।
सप्तश्रृंगी देवी मंदिर
महाराष्ट्र में नासिक जिले के करीब वाणी में स्थित यह मंदिर भारत देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है। कहा जाता है सात चोटियों से घिरे इस स्थान पर देवी खुद पर्वत के मुख पर एक चट्टान पर प्रकट हुई थी इसलिए इसका नाम सप्तश्रुंगी माता रखा गया। इस मंदिर में लगभग 10 फीट लंबा 18 हाथों वाली देवी अपने हाथ में कई हथियार लिए देवी का मनमोहक मूर्ति है। इस मूर्ति को हमेशा सिंदूर से लेप किया जाता है। इस क्षेत्र में इस सिंदूर लेपन को काफी शुभ माना जाता है।
कलाकार गांव
अपनी सांस्कृतिक और पारंपरिक मूल्यों को दर्शाता यह गांव वार्ली पेंटिंग, मिट्टी के बर्तनों और बांस शिल्प जैसी चीजों के लिए मशहूर है। आमतौर पर स्कूल के बच्चों को यहां पिकनिक के लिए लाया जाता है। लोग यहां देशी कलाकृतियों में भाग लेने के लिए भी दूर दूर से आते हैं।
वंसदा राष्ट्रीय उद्यान
सापुतारा से लगभग 40 किमी दूर करीब 24 वर्ग किमी में फैला हुआ यह उद्यान घने नम पर्णपाती जंगलों से घिरा हुआ है। यहां जंगल के कुछ हिस्सों में दिन में भी अंधेरा रहता है। यह राष्ट्रीय उद्यान कई जंगली जानवरों जैसे तेंदुए, लकड़बग्घा, जंगली सूअर, सांभर, चार सींग वाले हिरण आदि के अलावा विभिन्न प्रजातियों के सरीसृप और पक्षियों का घर भी है। यहां के पार्क में फूलों के कई प्रजातियों के पेड़ पौधे भी देखने को मिलते हैं। इस पार्क के भीतर जंगल में आदिवासी लोगों का बसेरा भी है। मानसून के बाद अक्टूबर से मार्च तक का महीना घूमने के लिए बेहतर है।
शबरी धाम
सापुतारा के निकट स्थित चमक डूंगर सुबीर बस्ती में यह धार्मिक और पौराणिक स्थल भगवान राम से जुड़ा है। ऐसा कहा जाता है कि इस पहाड़ी क्षेत्र में भगवान राम की उनके भक्त शबरी से भेंट हुई थी। यहां पर तीन पत्थर हैं जिसे लोग मानते हैं कि इस पर भगवान राम, लक्ष्मण और शबरी बैठे थे।
कैसे पहुंचे ?
हवाई मार्ग से सापुतारा पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा सूरत का हवाई अड्डा है। यहां से सापुतारा की दूरी लगभग 120 किमी है। इसके अलावा मुंबई के छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से भी सापुतारा के लिए जा सकते हैं। यहां से इसकी दूरी करीब 250 किमी है। इन हवाई अड्डों से सापुतारा के लिए बस या टैक्सी ले सकते हैं।रेल मार्ग से इस हिल स्टेशन तक पहुंचने के लिए वाघई रेलवे स्टेशन निकटतम रेलवे स्टेशन है। यहां से पहाड़ी शहर से लगभग 30 मील की दूरी पर स्थित है। यह स्टेशन भी देश के अन्य भागों से जुड़ा हुआ है।इसके अलावा बिलिमोरा भी निकटतम रेलवे स्टेशन है जहां से सापुतारा करीब 50 किमी दूर है। यह रेलवे स्टेशन ट्रेनों के माध्यम से गुजरात और महाराष्ट्र से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। सापुतारा जाने के लिए इन स्टेशन से बसें और कार आसानी से उपलब्ध हैं। सापुतारा शहर से 52 किमी दूर बिलिमोरा और वाघई के बीच एक गेज ट्रेन भी चलती है। सड़क मार्ग से सापुतारा देश के प्रमुख शहरों खासकर महाराष्ट्र और गुजरात से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। पर्यटक अपने बजट के अनुसार प्राइवेट या पब्लिक बस सेवा के अतिरिक्त टैक्सी के द्वारा यहां पहुंच सकते हैं।