Tourism: फोटोग्राफी करनी है तो जाएं सवाई माधोपुर, स्वर्ग है रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान

पहाड़ियों और घाटियों के साथ मिलकर ये जगह खूबसूरत पर्यटन स्थल बनाता है

Pallavi Srivastava
Published on: 21 May 2021 12:48 PM GMT
Tourism: फोटोग्राफी करनी है तो जाएं सवाई माधोपुर, स्वर्ग है रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान
X

पूरी दुनिया इस समय कोराना वायरस जैसी महामारी से जूझ रहा है। हर कोई इस समय यही प्राथर्ना कर रहा है कि इस जानलेवा बिमारी से मुक्ति मिले। कोरोना वायरस के आने से पहले धूमने के शौकीन लोग गमिर्यों में देश विदेश की यात्रा पर निकले जाते थे अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने। मगर इस समय आलम ये है कि लोग अपने-अपने घरों से निकलने को तरस रहे हैं। भारत में ही घूमने की ऐसी ऐसी जगहे हैं जहां पहुंच जाओ तो आने का मन नहीं करता। ईश्वर ने प्रकृति को ऐसे बनाया है मानो स्वर्ग में पहुंच गये हों। पर इस समय हम घूमने नहीं जा सकते लेकिन प्लान जरूर बना सकते हैं। डीजिटल युग में हम इंटरनेट के माध्यम से सर्च तो कर ही सकते हैं कि वक्त आने पर कहां घूमने जाएंगे, कैसे जाएंगे, कितना बजट रहेगा वगैरह वगैरह। तो आएये आज आपको ऑनलाइन सवाई माधोपुर की सैर कराते हैं...


सवाई माधोपुर राजस्थान के प्रमुख शहरों में से एक है। यह शहर रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के लिए विश्व में प्रसिद्ध है। इस शहर की स्थापना सवाई माधोसिंह प्रथम ने की थी, जो जयपुर के महाराजा थे। 18वीं शताब्दी में महाराजा सवाई माधोसिंह द्वारा इस शहर की स्थापना करने के बाद उन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम सवाई माधोपुर पड़ा। सवाई माधोपुर केवल राष्ट्रीय उद्यान के लिए ही नहीं, बल्कि अपने मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है। सवाई माधोपुर में हर मंदिर के साथ कोई न कोई कहानी जुड़ी हुई है। बेहतरीन और सुंदर वास्तुशिल्प से सजे मंदिर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। आपको बता दें कि इसे "गेेटवे टू रणथंभौर" के रूप में भी जाना जाता है। सवाई माधोपुर, रणथंभौर शहर की सबसे खास बात यह है कि इसने कई शासन और घटना देखी है। सवाई माधोपुर में आंशिक रूप से मैदानी और पहाड़ी इलाक़े हैं। जिले के दक्षिण और दक्षिण पूर्व हिस्से में पहाड़ियां और टूटी हुई जमीन है जो चंबल नदी की संकीर्ण घाटी को घेरते हुए बीहड़ क्षेत्र के एक विशाल ट्रैक का हिस्सा बनती है।विंध्य और अरावली से घिरा सवाई माधोपुर एडवेंचर और इतिहास प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है। रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान और यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूचि में शामिल रणथंभौर किला यहां का प्रमुख आकर्षण केन्द्र है।


पर्यटन स्थल

सवाई माधोपुर का इतिहास रणथंभौर दुर्ग के आस-पास घूमता है। विंध्य और अरावली से घिर रणथंभौर किले के बारे में अभी तक सही पता नहीं चल पाया है कि इसका निर्माण कब हुआ था। इस किले की ताकत और दुर्गम रास्ता इसे शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करता था, विशेष रूप से दिल्ली और आगरा के शासक यहाँ पहुंचने में असमर्थ थे। किलेे का सुंदर वास्तुशिल्प, तालाब और झील प्रेम और ज्ञान को दर्शाते हैं। किले का हर एक हिस्सा भारतीय संस्कृति और दर्शन का प्रतीक है।


सवाई माधोपुर का रणथंभौर किला

रणथंभौर किला राजस्थान का एक बहुत ही प्रसिद्ध और शानदार किला है जो राज्य के रणथंभौर में स्थित चौहान शाही परिवार से संबध रखता है। कहा जाता है कि यह शाही किला 12 वीं शताब्दी से अस्तित्व में है और यह राजस्थान में उन लोगों के लिए एक सटीक पर्यटन स्थल है जो रॉयल जीवन को देखने के इच्छुक हैं। यह आकर्षक किला रणथंभौर नेशनल पार्क के जंगलों के बीच स्थित है, जहां पर नेशनल पार्क से किले का दृश्य और किले से पार्क का दृश्य दोनों ही मनमोहक लगता है।


रणथंभौर किला राजस्थान का शानदार किला है pic (social media)


रणथंभौर किले को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है क्योंकि यह राज्य का एक खास पहाड़ी किला है। सवाई माधोपुर की यात्रा करने जा रहें हैं तो रणथंभौर किले की यात्रा जरुर करें।


रणथंभौर नेशनल पार्क

रणथंभौर नेशनल पार्क राजस्थान के सबसे अच्छे बाघ अभ्यारण्यों में से एक है। रणथंभौर की प्रकृतिक सुंदरता और जीव इस स्थान का प्रमुख आकर्षण हैं। विंध्य और अरावली पहाड़ियों की तलहटी में बसे रणथंभौर को अपने बाघोंए वनस्पतियों और जीवों के लिए मशहूर है। रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान यहां स्थित रणथंभौर किले और आसपास की पहाड़ियों और घाटियों के साथ मिलकर इस जगह को एक खूबसूरत पर्यटन स्थल बनाता है।


रणथंभौर नेशनल पार्क pic (social media)


जो पर्यटक वन्यजीव फोटोग्राफी का शौक रखते हैं उनके लिए रणथंभौर उद्यान स्वर्ग के सामान है। यह नेशनल पार्क 392 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है यहां ऐतिहासिक महत्व के अनेक स्थान और भी हैं जैसे रू- गणेश मंदिर, जैन मंदिर, बादल महल, जँवरा-भँवरा अन्नागार, दिल्ली दरवाजा, हम्मीर महल, हम्मीर कचहरी, तोरण द्वार, महादेव छत्री, सामतों की हवेली, 32 खंबों वाली छतरी, मस्जिद आदि। ये जगहें भी जरूर घूमे।

कैसे जाएं

सवाई माधोपुर जाने के लिए आप रेल मार्ग, हवाई मार्ग या बाई रोड भी जा सकते हैं। अगर आप ट्रेन से यात्रा करना चाहते हैं तों बता दें कि सवाई माधोपुर ट्रेन नेटवर्क देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है। पर्यटक ट्रेन की मदद से इस शहर तक आसानी से पहुंच सकते हैं। ज्यादातर ट्रेने दिल्ली से होकर जाती हैं। वहीं बाई एयर(by air) जाने के लिए शहर का निकटतम हवाई अड्डा जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (152 किमी) है। और अगर घूमते फिरते मनमोहक दृश्यों को देखना चाहते हैं तो सड़क मार्ग से जाएं। एनएच 48 के माध्यम से दिल्ली से माधोपुर पहुंचने में लगभग 8 घंटे लगते हैं।

Pallavi Srivastava

Pallavi Srivastava

Next Story