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शिव के रहस्यमयी मंदिर: इन मंदिरों की अद्भुत महिमा से भक्त हैरान, चमत्कारों से जुड़े कई रहस्य
कलयुग में भगवान शिव के कई मंदिर हैं जिनके चमत्कारों को सुनकर लोग हैरान हो जाते हैं। इन चमत्कारिक और रहस्यमयी घटनाओं पर कई रिसर्च हुए, लेकिन कोई भी इन रहस्यों का राज नहीं खोल पाया।
शिव ही सत्य है वही सत्यता का आभास कराते हैं। शिव को समझने के लिए सबसे पहले खुद को समझता बहुत जरूरी है। अपार और अनंत महिमा वाले शिव को समझना सबके बस की बात नही है। इस बारे में शास्त्रों में ये बखान किया गया है। मान्यताओं के मुताबिक, शिव-शंकर कण-कण में बसे हुए हैं। बाबा भोलेनाथ की महिमा और उनके चमत्कार चारों दिशाओं में हैं। कलियुग में ही शिव से जुड़ी ऐसी कई रहस्यमयी चमत्कारी घटनाएं हैं, जिन पर से आज तक कोई पार नहीं पा सका है। विज्ञान के इस युग में लोग चमत्कारी घटनाओं (shiv ke rahasyamayi mandir) से हैरान हो जाते हैं।
कलयुग में भगवान शिव के कई मंदिर (shiv ke rahasyamayi mandir) हैं जिनके चमत्कारों को सुनकर लोग हैरान हो जाते हैं। इन चमत्कारिक और रहस्यमयी घटनाओं पर कई रिसर्च हुए, लेकिन कोई भी इन रहस्यों का राज नहीं खोल पाया। आइए आपको शिव के 5 चमत्कारी मंदिर के बारे में बताते हैं, जिनकी महिमा अद्भुत है।
बिजली महादेव मंदिर
Bijli Mahadev Temple
शिव जी के इस मंदिर में शिवलिंग पर हर 12 साल के बाद आसमानी बिजली गिरती है। जिसके बाद ये शिवलिंग टुकड़ों में बंट जाता है। लेकिन इसके बाद जब मंदिर के पुजारी शिवलिंग को मक्खन में लपेटकर रख देते हैं। फिर कुछ इस तरह से चमत्कार होता है कि शिवलिंग पुन: अपने आकार में आ जाती है।
इस रहस्यमयी महिमा की वजह से यहां सालभर शिव भक्तों का तातां लगा रहता है। शिव जी का ये मंदिर हिमाचल के कुल्लू (Himachal Kullu) में है। इस अनोखी महिमा की वजह से महादेव (Bijli Mahadev Temple) के इस अनोखे मंदिर को 'बिजली महादेव मंदिर' (Bijli Mahadev Mandir) कहा जाता है।
अचलेश्वर महादेव मंदिर
Achaleshwar Mahadev Temple
देवों के देव महादेव के इस मंदिर में हर रोज चमत्कार होते हैं। अचलेश्वर महादेव मंदिर (Achaleshwar Mahadev Temple) का धौलपुर, राजस्थान के माउण्ट आबू में है। पूरी दुनिया में ये एक ऐसा मंदिर है, जहाँ पर भगवान शिव तथा उनके शिवलिंग की नहीं, बल्कि उनके पैर के अंगूठे की पूजा की जाती है। इस मंदिर में भगवान शिवAchaleshwar Mahadev Mandir) अंगूठे के रूप में विराजते हैं। यहां सावन के महीने में इस रूप के दर्शन का विशेष महत्त्व है।
इस मंदिर के बारे में सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि इस मंदिर में शिवलिंग का रंग दिन में तीन बार बदलता है। सुबह शिवलिंग का रंग लाल, दोपहर में केसरिया और शाम के समय सांवला हो जाता है। साथ ही इस मंदिर के शिवलिंग का कोई छोर भी नहीं है।
भोजेश्वर महादेव मंदिर
Bhojeshwar Mahadev Temple
भोजेश्वर महादेव मंदिर ये दुनिया का सबसे पुराना शिव मंदिर है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर भोजपुर नामक गाँव में ये मन्दिर है। इसे भोजपुर मन्दिर के नाम से भी जाना जाता हैं। इस शिव मंदिर को परमार वंश के नामचीन राजा भोज ने बनवाया था। साथ ही मान्यता है कि इस शिव मंदिर (Bhojeshwar Mahadev Temple) में साधुओं की एक टोली ने गहन तपस्या की थी। मंदिर के शिवलिंग को एक ही प्रकार के चीकन लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है।
मान्यता ये भी है कि इस मन्दिर का निर्माण कभी पूर्ण नहीं हो पाया। यहाँ एक शिलान्यास या निर्माण अंकन शिला की कमी है। मान्यताओं के अनुसार, इस मन्दिर को एक ही रात में निर्मित होना था किन्तु इसकी छत का काम पूरा होने के पहले ही सुबह हो गई, इसलिए काम आजतक अधूरा रह गया।
स्तंभेश्वर महादेव मंदिर
Stambheshwar Mahadev Temple
गुजरात के बढ़ोदरा में भगवान शिव का एक ऐसा अद्भूत मंदिर (Stambeshwar Mahadev Temple) है, जो कुछ समय के लिए देखते ही देखते दिन में दो बार के लिए गायब हो जाता है। हैरानी की बात है न। जीं हां लेकिन फिर थोड़ी देर बाद अचानक ही दुबारा नजर आने लगता है।
लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर
Laxmaneshwar Mahadev Temple
लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर छत्तीसगढ़ का एक बहुत ही पुराना मंदिर है। इस मंदिर को रामायण कालीन समय का बताया जाता है। इस शिव मंदिर की स्थापना भगवान श्री राम ने खर और दूषण का वध करने के बाद किया था।
ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्री राम ने लक्ष्मण के कहने कर इस मंदिर को बनवाया था। ये मान्यता है कि इस मंदिर के शिवलिंग में एक लाख छेद हैं। इनमें से एक छेद ऐसा है जो पाताल से जुड़ा है। इसमें जितना भी पानी डाला जाता है सब उसी में समा जाता है। इसके अलावा एक छेद ऐसा है जो पूरा का पूरा जल से भरा रहता है। इस रहस्य से आज तक कोई परदा नहीं उठा पाया है।