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Shri Kalki Dham Temple In Sambhal : संभल में बनाया जा रहा भगवान कल्कि का 108 फीट ऊंचे शिखर वाला अनोखा मंदिर, इसमें होंगे 10 गर्भगृह
संभल में भगवान कल्कि का एक विशाल मंदिर बनाया जा रहा है। यह दुनिया का पहला ऐसा मंदिर होगा जहां भगवान के जन्म से पहले ही उनकी मूर्ति स्थापित हो जाएगी।
Shri Kalki Dham Temple In Sambhal : लंबे समय से यह बात हम सभी के बीच प्रसिद्ध है कि कलयुग 4 करोड़ 32 हजार साल का है जिसका फिलहाल प्रथम चरण चल रहा है। जब इसका अंतिम चरण आएगा तब भगवान कल की जो विष्णु जी के 10 से अवतार हैं इस दुनिया में जन्म लेंगे और धर्म का नाश कर धर्म की फिर से स्थापना करेंगे। भगवान कल्कि को आने में अभी बहुत समय है लेकिन इसके पहले ही उनका मंदिर उत्तर प्रदेश के संभल में स्थापित किया जा रहा है। दरअसल यही कहा जाता है कि भगवान कल्कि का जन्म संभल में होगा और कल्कि धाम दुनिया का ऐसा पहला धर्म स्थल होगा। जहां भगवान के जन्म से पहले ही उनकी मूर्ति स्थापित कर दी जाएगी।
मंदिर का हुआ शिलान्यास (Foundation Stone Of Temple Laid)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 फरवरी 2024 को उत्तर प्रदेश के संभल जिले में श्री कल्कि धाम मंदिर की आधारशिला रखी है। कल की धाम निर्माण ट्रस्ट की ओर से इस मंदिर का निर्माण किया जा रहा है।
कल्कि मंदिर की खासियत (Specialty of Kalki Temple)
भगवान कल्कि के मंदिर में भगवान विष्णु के 10 अवतारों के लिए 10 अलग-अलग गर्भ गृह बनाए जाएंगे। यह मंदिर 5 एकड़ परिसर में बनकर तैयार होगा और इसमें 5 साल का समय लगेगा। इस मंदिर का निर्माण राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित बंसी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों से किया जाएगा। गुजरात के सोमनाथ और अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण में भी इन्हीं पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर का निर्माण 11 फीट ऊंचा चबूतरे पर होगा जिसके शिखर की ऊंचाई 108 फीट होगी। मंदिर में 68 तीर्थ की स्थापना होगी और कहीं भी स्टील या लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। यहां भगवान कल्कि के नए विधायक की स्थापना होगी जबकि पुराण काल की पीठ पहले की तरह ही रहेगा।
कौन है भगवान कल्कि (Who Is Lord Kalki?)
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक जब कलयुग में पाप चरम पर पहुंच जाएगा। तब भगवान विष्णु के 10 वें अवतार कल्कि दुष्टों का नरसंहार करने के लिए जन्म लेंगे। अग्नि पुराण में उनके अवतार का चित्रण है जिसमें वह तीर कमान धारण करे हुए एक घोड़े पर विराजमान होंगे। उनके घोड़े का नाम देवदत्त बताया गया है। संभल का कल की धाम दुनिया का पहला ऐसा धर्म स्थल होगा जहां भगवान के जन्म से पहले उनकी मूर्ति स्थापित होगी।