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Vrindavan Ka Kedarnath Dham: केदारनाथ धाम का ऐसा मंदिर जिसका कृष्ण ने करवाया था निर्माण

Vrindavan Ka Kedarnath Dham: सबके लिए चारधाम यात्रा करने जाना संभव नहीं हो पाता है। यह परेशानी श्री कृष्ण के माता पिता अर्थात् माता यशोदा और बाबा नंद के समक्ष भी थी।

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 30 May 2024 10:48 AM GMT
Braj Chardham Yatra
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Braj Chardham Yatra (Pic Credit-Social Media)

Vrindavan Ka Kedarnath Dham: चारधाम की यात्रा भारत समेत विश्व भर में हिंदुओं के लिए आकषर्ण के साथ श्रद्धा का प्रमुख तीर्थ हैं। जहां हर साल लगभग 60 से 80 लाख दर्शनार्थी आते है। चारधाम की यात्रा उत्तराखंड में केदारनाथ धाम से शुरू होकर बद्रीनाथ, गंगोत्री और फिर यमुनोत्री के साथ समाप्त होता है। चारधाम की यात्रा करने से जीवन में मोक्ष की प्राप्ति होने की किंवदंती कही जाती है। लेकिन सबके लिए चारधाम यात्रा करने जाना संभव नहीं हो पाता है। यह परेशानी श्री कृष्ण के माता पिता अर्थात् माता यशोदा और बाबा नंद के समक्ष भी थी। कृष्ण के इस लीला से जुड़ी एक विशेष जगह हैं। जिनके बारे में हम आपको यहां बताने जा रहे है।

ब्रज का यह पवित्र धाम

ब्रज के बहुत से निवासी यहां के सबसे पवित्र क्षेत्र में बहुत कम गए होंगे। जिसे श्री कृष्ण ने बनाया है ताकि उनके माता-पिता को चार धाम यात्रा करने के लिए हिमालय की यात्रा न करनी पड़े। यह एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थान है। माता यशोदा और नंद बाबा ने लाला कन्हेया से कहा कि हम चार धाम यात्रा पर जाना चाहते हैं। उसके बाद भगवान कृष्ण अपने माता-पिता की 4 धाम यात्रा के लिए द्वापर युग के समय ब्रज क्षेत्र में 4 धाम (केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और जमुनोत्री) लेकर आए। केदारनाथ उनमें से एक है।



धाम तक पहुंचने के लिए चढ़नी होती है सीढ़ियां

राजस्थान के कामन में भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र स्थान है। श्री केदारनाथ धाम में, मंदिर तक पहुँचने के लिए 350 से अधिक सीढ़ियाँ हैं। यह स्थान वास्तव में एक आध्यात्मिक स्थान है जहाँ कोई दुनिया से अलग हो सकता है और प्रकृति और आध्यात्मिक ऊर्जा से जुड़ सकता है।



क्या है ब्रज के चारधाम का पता

श्री केदारनाथ, ब्रज काम्यवन में स्थित है जो ब्रज के बारह वनों में सबसे बड़ा वन है। ब्रज बद्रीनाथ का मार्ग अलवर से होकर खेतों से होकर राजस्थान के कामां जिले के पासोपार गांव तक जाता है। ब्रज मंडल परिक्रमा का यह पड़ाव खोह गांव से पहले के पड़ाव से करीब 8 किलोमीटर दूर है।



चारधाम के पीछे ये है किंवदंती

नंद बाबा और यशोदा ने बुढ़ापे में जब उनके कोई संतान नहीं थी, तब भी यह प्रण लिया था कि अगर उन्हें संतान होगी तो वे चार धाम की यात्रा करेंगे। नंद बाबा और यशोदा को चारधाम यात्रा करने का अपना प्रण याद आया। इसके बाद वे तीर्थ यात्रा पर जाने की तैयारी करने लगे। जब श्रीकृष्ण गायों को चराकर घर लौटे तो उन्होंने देखा कि घर में तैयारियां हो रही हैं। बैलगाड़ी सजाई जा रही है। इस पर श्री कृष्ण ने यशोदा से पूछा कि मां यह क्या हो रहा है? इस पर यशोदा ने भगवान कृष्ण को अपने प्राण के बारे में बताया और इसलिए नंद बाबा और यशोदा तीर्थ यात्रा पर जा रहे हैं।



कृष्ण ने ब्रज में बनाया चारधाम

फिर कृष्ण ने कहा मां आप वृद्धावस्था में तीर्थ यात्रा पर जा रही हैं। मैं सभी तीर्थों को ब्रज में आमंत्रित करता हूं। इसके बाद श्रीकृष्ण ने अपनी माया से चारों धामों का आह्वान कर उन्हें ब्रज में बुलाया और एक-एक कर सभी तीर्थ ब्रज में आकर प्रकट हुए। सभी तीर्थ विद्यमान हैं जिनमें चारों धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री भी ब्रज से 84 कोस में ही मौजूद हैं।



Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

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