Shri Khand Kailash Mystery: क्यों बहता है श्री खंड कैलाश में लाल पानी यहां जानिए कहानी

Shri Khand Kailash Mystery Lal Pani: श्रीखंड कैलाश में पानी की नदी का रंग भी एक पहेली है,जिसकी कथा महाभारत से जुड़ी है..

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 1 July 2024 3:26 PM GMT
Shrikhand Kailash Mystery
X

Panch Kailash Mystery (Pic Credit-Social Media)

Shri Khand Kailash Fact: भारत की भूमि पर कई प्राचीन ग्रंथो और पुराणों से जुड़े कई साक्ष्य आज भी विद्यमान हैं। विशेषकर महाभारत और रामायण की कथा के भारत में कई साक्ष्य मौजूद है। जैसे भगवान राम द्वारा बनाया गया राम सेतु, चित्रकूट में मौजूद राम सीता के पद चिन्ह वैसे ही महाभारत के दौरान पांडव द्वारा अज्ञातवास में जहां समय बिताया गया था, वो जगह आज भी धरती पर हैं। ऐसे ही एक और जगह है जो महाभारत से जुड़ी एक कथा से जुड़ा हुआ है। हम बात कर रहे है श्रीखंड कैलाश में बहते लाल पानी वाले नदी की। जिसके लाल पानी का रहस्य भी महाभारत में भीम की बहादुरी का प्रतीक है।

पांच कैलाशों में एक है यह जगह

श्रीखंड कैलाश भगवान के भारतवर्ष के साथ विश्व के अन्य देशों में भी अनन्य भक्त है जो हर वर्ष महादेव के दर्शन करने व कृपा हेतु पंच कैलाशो की यात्रा करते है। श्रीखंड कैलाश पंच कैलाश का ही एक हिस्सा है। श्री खंड कैलाश में एक कथा पांडवों के वनवास से जुड़ी हुई हैं जिसकी मान्यता आज भी है।



पांडवों के अज्ञातवास की कहानी

श्रीखण्ड कैलाश के इतिहास को पांडवो से जोड़ा जाता है। कहा जाता है हस्तिनापुर ( इद्रप्रस्थ ) से 14 वर्ष के वनवास के दौरान पांडवों को हिमालय की घाटियों व पहाड़ों की कन्दराओं में समय गुजारना पड़ा था। इसी दौरान माता कुंती भी पांडवों के साथ थी। वनवास के दौरान पांडवों ने अधिकतम समय हिमाचल तथा उत्तराखंड के पहाड़ों में व्यतीत किया इनमे अधिकतम स्थानों पर पांडवों के सापेक्ष भी मिले है। पांडवों ने हिमाचल में बहुत स्थानों पर अपना समय गुजारा यहाँ पर कई स्थानों पर मंदिर भी स्थापित किये है। इसी दौरान श्रीखंड कैलाश में महाराज युधिष्ठिर ने भीम व माता कुंती सहित वनवास के कई वर्ष बिताये। इसके कुछ सापेक्ष भीमबही (पाण्डुलिपि में भीम के शिला लेख ) के रूप में 17000 फ़ीट ऊँचे पर्वत श्रीखंड कैलाश पर मिले है।



इसलिए है श्रीखंड कैलाश में लाल पानी

लोक मान्यताओं में कहा जाता है की पांडव भीम ने श्रीखंड कैलाश में एक स्थान पर जिसे अब भीमडवार भी कहते है वहां पर बकासुर नाम के एक राक्षस का वध किया था। बकासुर श्रीखंड कैलाश के बुग्यालों में चरवाहों की भेड़ -बकरीओं व अन्य पशुओं को खा जाता था। जिस कारण उस राक्षस को बकासुर कहा जाता था, यहाँ के गद्दी व चरवाहों के पशु धन की रक्षा के लिए भीम ने यहाँ पर बकासुर राक्षस का वध किया जिससे इस मिट्टी का रंग आज भी लाल है।




नोट: यह कहानी व पौराणिक मान्यता लोगों के बीच प्रचलित है, Newstrack इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता है।

Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

Next Story