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Shri Rang Nath Ji Temple: वृंदावन के इस मंदिर का प्रसाद मिटा देता है सारी बीमारियां

Shri Rang Nath Ji Temple: वृंदावन में प्रेम मंदिर, बांके बिहारी मंदिर, इस्कान मंदिर निधिवन के साथ एक ऐसा मंदिर है जिसका चमत्कार श्रद्धालुओं के बीच प्रसिद्ध है..

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 29 Jun 2024 11:42 AM IST
Shri Ranga Ji Mandir, Vrindavan Chamatkari Mandir
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Shri Ranga Ji Mandir (Pic Credit-Social Media)

Shri Rang Nath Ji Temple in Vrindavan: वृंदावन उत्तर प्रदेश के धार्मिक नगरों में से एक है। जहां पर भगवान कृष्ण के जन्म और उनके बचपन से जुड़ी अनेक गाथाएं धार्मिक मान्यताओं से प्रचलित है। यहां कई ऐसे भी जगह है, जहां आज भी आपको चमत्कार होने जैसा अनुभव होगा। यहां पर हम आपको वृंदावन के एक चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने जा रहे है। वाई तो वृंदावन के सभी मंदिरो में एक अद्वितीय शक्ति के साथ भगवान के निकट होने जैसा अनुभव होता है। लेकिन एक ऐसा मंदिर भी है जहां का प्रसाद खाने मात्र से सभी बीमारियां दूर हो जाती है। यह स्थानीय लोगों और मन्दिर के पुजारियों की मान्यता है, जिसके पीछे एक रहस्य के बारे में बताया जाता है।

चमत्कारी है वृन्दावन का यह मंदिर

वृंदावन का रंगाजी मंदिर वास्तुकला के साथ मान्यता में भी श्रद्धालुओं के बीच जाना जाता है। जिसको लेकर भक्तों का अटूट विश्वास है। ऐसा कहा जाता है कि मन्दिर में मिलने वाला प्रसाद बहुत ही फलदायी है। मन्दिर में मिलने वाले प्रसाद को खाने से भक्तों को सभी बीमारियों से मुक्ति मिलती है। सभी बीमारियां दूर हो जाती है। यह मान्यता भक्तों के बीच विख्यात है।



क्या है इस चमत्कार जा रहस्य

श्री रंग जी मंदिर में मिलने वाले प्रसाद के पीछे एक रहस्य है। ऐसा कहा जाता है कि मन्दिर के रसोईघर में एक अखंड अग्नि जलती रहती है। जो बहुत पवित्र मानी जाती है। इस अग्नि को आजतक कई लोगों ने बुझाने का प्रयास किया। लेकिन कोई भी सफल नहीं हो पाया है। और तो और जिसने भी इस अग्नि को बुझाने का प्रयास किया उसका मानसिक संतुलन अस्थिर हो गया। अंग्रेजो और मुगलों के शासनकाल में मंदिर के इस अग्नि को बुझाने के लिए लोगों ने खूब प्रयास किया पर नहीं पाए। इस अग्नि में पका हुआ प्रसाद बहुत ही पवित्र माना जाता है, जो भी इस अग्नि में बने प्रसाद को ग्रहण करता है उसकी भयंकर से भयंकर बीमारियां खत्म हो जाती है। उसके घर पर अन्न का भंडार भरा रहता है।



कैसे पहुंचे श्री रंगजी मंदिर

श्री रंगजी मंदिर मथुरा से लगभग 11 किमी दूर वृंदावन में स्थित है और मथुरा में निजी टैक्सी लेकर या ऑटो रिक्शा किराए पर लेकर आसानी से यहां पहुँचा जा सकता है। निकटतम हवाई अड्डा इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, नई दिल्ली है जो मंदिर से लगभग 164 किमी दूर है और निकटतम रेलवे स्टेशन मथुरा जंक्शन 14 किमी है।



मन्दिर का इतिहास

धार्मिक मान्यता के अनुसार, गोदा देवी ने भगवान रंगमन्नार या भगवान विष्णु को पाने के लिए उपवास और प्रार्थना की थी। भगवान रंगमन्नार या भगवान रंगनाथ जो कोई और नहीं बल्कि भगवान कृष्ण हैं, ने उनके दूल्हा बनकर उनकी इच्छा पूरी की। मंदिर में, भगवान रंगनाथ को दूल्हे के रूप में पूजा जाता है, जिसके दाहिने हाथ में एक छड़ी है।



मंदिर की वास्तुकला

श्री रंगनाथ जी मंदिर तमिलनाडु के श्रीरंगम में स्थित रंगनाथस्वामी मंदिर से प्रेरित है। यह दक्षिण भारतीय और उत्तर भारतीय परंपराओं और प्रभावों के मिश्रण से आपको मंत्रमुग्ध कर देता है। यह भव्य मंदिर राजस्थानी शैली के साथ मिश्रित द्रविड़ वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रदर्शित करता है। गर्भगृह और उसके चारों ओर द्रविड़ वास्तुकला से प्रेरित संकेंद्रित आयताकार बाड़े और राजस्थानी शैली में नक्काशीदार दो सुंदर पत्थर के द्वार देखे जा सकते हैं। अन्य उत्तर भारतीय मंदिरों से अलग, 50 फीट ऊंचा 'ध्वजा स्तंभ' भी इस मंदिर का मुख्य आकर्षण है।



मंदिर में प्रवेश का सही समय

श्री रंगजी मंदिर में सप्ताह के सभी दिन सुबह 8:00 से 12:00 बजे तक और शाम को 3:00 से 7:30 बजे तक जाया जा सकता है। मंदिर में प्रवेश के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।



आरती का समय

आरती सुबह 5:30 बजे मंगला आरती के साथ शुरू होती है और रात 9:00 बजे भोग के साथ समाप्त होती है।

नोट: उपयुक्त मान्यता की पुष्टि Newstrack नहीं करता है। यह जानकारी मन्दिर के पुजारियों और श्रद्धालुओं द्वारा बताई गई है।



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Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

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