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Famous Place Sitapur: सीतापुर में यहां भगवान के चमत्कार के आगे फेल विज्ञान, खूबसूरत जगहों का अनोखा इतिहास

Places to Visit in Sitapur: यूपी के सीतापुर में नैमिषारण्यम धाम, जिसे नीमसर या निमखर के नाम से भी जाना जाता है, ये जगह धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, काफी महत्व रखती है।

Vidushi Mishra
Published on: 3 Sept 2022 10:49 AM IST
Naimisaranyam
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सीतापुर में नैमिषारण्यम (फोटो- सोशल मीडिया)

Places to Visit in Sitapur: उत्तर प्रदेश का सीतापुर जिला बहुत प्रसिद्ध है। यूपी के इस जिले का धार्मिक और ऐतिहासिक विरासतों से सीधा तालमेल है। अतीत को समेटे हुए इस सीतापुर जिले ने सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम विद्रोह में भी खूब भूमिका निभाई। यहां पर भारतीय महाकाव्य महाभारत के लेखक ऋषि वेद व्यास ने पुराणों और महाग्रन्थों की रचना की थी। तो अगर आप यूपी के इस महत्वपूर्ण जिला में जाने का मन बना रहे हैं तो इन जगहों पर जाना बिल्कुल न भूलिएगा। यहां पर आपको धार्मिक और ऐतिहासिक दोनों परिपेक्ष्य का मेल-जोल देखने को मिलेगा।

सीतापुर में घूमने की जगह
(Sitapur Mein Ghumne Ki Jagah)

नैमिषारण्यम (चक्रतीर्थ नीमसार)
(Naimisaranya, Chakrateerth in Nimsar)

फोटो- सोशल मीडिया

यूपी के सीतापुर में नैमिषारण्यम धाम, जिसे नीमसर या निमखर के नाम से भी जाना जाता है, ये जगह धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, काफी महत्व रखती है। इस धाम को पवित्र जगह के तौर पर जाना जाता है। हिंदू धर्म में इस तीर्थ स्थल की काफी महत्ता है। यहां भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है। बता दें, नैमिषारण्य धाम सीतापुर से लगभग 34 किलोमीटर दूर है।

यहां पर चक्रतीर्थ, व्यास गद्दी, मनु-सतरूपा तपोभूमि और हनुमान गढ़ी समेत कई दर्शनीय जगहें हैं।

रूद्रवर्त महादेव
(Rudravart Mahadev)

फोटो- सोशल मीडिया

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में रूद्रावर्त महादेव कुंड है। यह धार्मिक जगह भगवान शिव की अराधना करने के लिए जानी जाती है। रूद्रावर्त कुंड नैमिषारण्य से करीब पांच किमी की दूरी पर गोमती नदी के तट पर है। देवों के देव महादेव के इस धाम के बारे में मान्यता है कि यहां भगवान भक्तों का प्रसाद स्वंय ही ग्रहण करते हैं। और उन्हें प्रसाद भी देते हैं। जीं हां यूपी में भगवान शिव की महिमा वाला ये कुंड जहां गोमती नदी के अंदर भगवान शिव का अलग ही स्वरूप है।

इस कुंड में जो भी भक्त श्रद्धा से भगवान शिव को बेलपत्र या कोई भी 5 फल चढ़ाता है, तो उसमें से 1-2 फल प्रसाद स्वरूप में वापस आ जाते हैं। भगवान की इस महिमा के आगे विज्ञान के नियम भी फेल हो गए।

सीतापुर में ललिता देवी मंदिर
(Lalita Devi Temple in Sitapur)

फोटो- सोशल मीडिया

सीतापुर के नैमिषारण्य धाम में ही माता ललिता देवी मंदिर है। यहां पर हर नवरात्र पर भक्तों की देखने वाली भीड़ होती है। सिर्फ लोगों के सिर ही सिर दिखाई देते हैं। जीं हां सीतापुर के इस प्राचीन सिद्धी प्राप्त मंदिर में दूर-दूर से भक्त दर्शन करने आते हैं।

माता ललिता देवी मंदिर के बारे में पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब देवी सती ने दक्ष यज्ञ के बाद योगी अग्नि में आत्मदाह किया था, उसके बाद भगवान शिव ने देवी की देह को कंधे पर लेकर शिव तांडव शुरू कर दिया था। शिव तांडव से पूरा ब्रह्मांड प्रभावित हुआ। तब भगवान विष्णु ने देवी सती के शरीर को 108 भागों में विभाजित किया। पुराणों के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि देवी सती का हृदय नैमिषारण्य में मौजूद है। इसीलिए इस मंदिर को माता ललिता देवी शक्ति पीठ के नाम से जाना जाता है।

व्यास गद्दी
(Vyas Gaddi)

फोटो- सोशल मीडिया

सीतापुर में व्यास गद्दी बहुत प्रसिद्ध जगहों में से एक है। सीतापुर से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नैमिषारण्य में गुरू पूर्णिमा के दिन भक्तों का भयंकर तांता लगता है। यहां जगह के बारे में बताया जाता है कि यहां पर गुरु पूर्णिमा पर नैमिषारण्य धाम में महर्षि वेद व्यास ने अपने शिष्य सूत जी को वेदों और पुराणों का ज्ञान दिया था। उनके शिष्य सूत जी ने सबसे पहले सत्यनारायण कथा का वाचन इसी जगह पर किया था।

हनुमान गढ़ी मंदिर
(Hanuman Garhi Temple)

फोटो- सोशल मीडिया

उत्तर प्रदेश के सीतापुर के नैमिषारण्य धाम में हनुमान गढ़ी मंदिर (Naimisharanya Hanuman Garhi Temple) की बहुत मान्यता है। हनुमान जी का ये प्रसिद्ध मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था की जगह है। बता दें, नैमिषारण्य की पवित्र भूमि पर हनुमानगढ़ी मंदिर है। दूर-दूर से लोग यहां पूजा करने आते हैं।

श्यामनाथ मंदिर
(Shyamnath Mandir)

सीतापुर में श्याम नाथ मंदिर बहुत प्राचीन मंदिरों में से है। यहां पर करीब दो सौ वर्षो से भी अधिक पुराने इस मंदिर से भक्तों की अटूट आस्था जुड़ी हुई है। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में हर सावन पर भक्तों की लंबी-लंबी लाइनें लगती हैं।





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Vidushi Mishra

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