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Sitapur Best Place: यूपी के सीतापुर जाने का बना रहे हैं प्लान, तो इन जगहों पर जरूर जाएं

Sitapur Mein Ghumne Ki Jagah: अगर आप सीतापुर का भ्रमण करना चाहते हैं, तो आइए आपको सीतापुर में घूमने की जगहों के बारे में बताते हैं।

Vidushi Mishra
Written By Vidushi Mishra
Published on: 11 July 2022 2:11 PM GMT
Naimisharanya Dham
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नैमिषारण्य धाम (फोटो - सोशल मीडिया) 

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Sitapur Mein Ghumne Ki Jagah: उत्तर प्रदेश में सीतापुर एक काफी मशहूर जिला है। नाम से ही मालूम पड़ता है कि सीतापुर जिले को माता सीता के नाम से जाना जाता है। यूपी का ये जिला धार्मिक स्थलों, एतिहासिक इमारतों और अतीत के रहस्यों से भरा हुआ है। सन् 1857 के विद्रोह में भी सीतापुर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ऐसे में अगर आप सीतापुर का भ्रमण करना चाहते हैं, तो आइए आपको सीतापुर में घूमने की जगहों के बारे में बताते हैं।

सीतापुर में घूमने की जगहें (Places to visit in Sitapur)

नैमिषारण्य धाम (Naimisharanya Dham)

नैमिषारण्य धाम (फोटो-सोशल मीडिया)

सीतापुर में नैमिषारण्य धाम धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण स्थान है। नैमिषारण्य हिंदूओं का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। नैमिषारण्य धाम सीतापुर से करीबन 34 किलोमीटर दूर है। यहां पर चक्रतीर्थ, व्यास गद्दी, मनु-सतरूपा तपोभूमि और हनुमान गढ़ी समेत कई दर्शनीय जगहें हैं।

हनुमान गढ़ी (फोटो- सोशल मीडिया)

सीतापुर में रूद्रावर्त कुंड (Rudravart Kund in Sitapur)

सीतापुर में स्थित ये रूद्रावर्त कुंड भगवान शिव की अराधना के लिए प्रसिद्ध है। नैमिषारण्य से लगभग पांच किमी की दूरी पर गोमती नदी के तट पर रुद्रावर्त धाम है। इस धाम के बारे में मान्यता है कि यह भगवान शिव का अनूठा स्थल है। यहां गोमती नदी के अंदर भगवान शिव का एक यह अलग ही स्वरूप है।

रूद्रावर्त कुंड (फोटो- सोशल मीडिया)

इस रूद्रावर्त धाम में जो कुंड है उसमें भगवान शिव का कोई भी भक्त प्रेम से भक्तिभाव से नदी में बेलपत्र, दूध, धतूरा व फल आदि अर्पित करता है तो ऐसी मान्यता है कि नदी में अर्पित किए गए बेलपत्र व फल सीधे जल में जाकर भगवान शिव को प्राप्त हो जाते है। साथ ही नदी में अगर भक्त पांच फल भक्तिभाव से चढ़ाते हैं तो उसमें से एक या दो फल प्रसाद के रूप में ऊपर तैरने लगते हैं, बाकी फल नदी में समाहित हो जाते हैं।

सीतापुर में ललिता देवी मंदिर (Lalita Devi Temple in Sitapur)

सीतापुर के नैमिषारण्य में ही ललिता देवी मंदिर है। सीतापुर के इस प्राचीन मंदिर में दूर दूर से भक्त दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर के बारे में पौराणिक कथाओं के मुताबिक, जब देवी सती ने दक्ष यज्ञ के बाद योगी अग्नि में आत्मदाह किया था, तब भगवान शिव ने उनकी देह को कंधे पर लेकर शिव तांडव शुरू कर दिया था।

इससे ब्रह्मांड का निर्माण प्रभावित हुआ और भगवान विष्णु ने देवी सती के शरीर को 108 भागों में विभाजित किया। ऐसा माना जाता है कि देवी सती का हृदय नैमिषारण्य में मौजूद है। इसलिए ललिता देवी शक्ति पीठ काफी सिद्धी प्राप्त मंदिर है।

सीतापुर में बिसवान (Biswan in Sitapur)

सीतापुर जिले में बिसवान एक ऐतिहासिक नगर के तौर पर विख्यात है। सीतापुर से बिसवान की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है। इस नगर की स्थापना एक फकीर बिश्वर नाथ ने 600 साल पहले की थी। इस नगर में पर्यटकों के लिए 1047 हिजरी में बने फारस शैली के मुमताज हुसैन की कब्र दृढ़ता के लिए काफी मशहूर है।

सीतापुर में राजा महमूदाबाद का किला या कोठी (Mahmudabad Fort)

सीतापुर के महमूदाबाद में महमूदाबाद का किला है। ये किला सीतापुर से करीबन 63 किलोमीटर की दूर है। इतिहास के ऐसा बताया जाता है कि महमूदाबाद राज्य की स्थापना सन् 1677 में इस्लाम के पहले खलीफ के वंशज राजा महमूद खान ने की थी। राजा की ये कोठी अवध महल वास्तुकला का एक प्रमुख उदाहरण है। लेकिन अब ये किला जर्जर हो चुका है।

सीतापुर में कौन सी नदी बहती है? (Which river flows in Sitapur)

यूपी के सीतापुर जिले के मुख्य नदियों में गोमती, चौका, घागरा और उनके पास केवानी, गाडिया, सारिणी, गोडिया, इखारीरिया, पिराई, गोंड आदि नदियां बहती हैं।

Vidushi Mishra

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