×

Stambheshwar Mahadev Mandir: दिन में दो बार गायब हो जाता है ये मंदिर, जानें इसका रहस्य

Stambheshwar Mahadev Mandir: यहां यह भी कहा जाता है कि स्तंभेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में राजा सम्राट समुद्रगुप्त द्वारा किया गया था।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 4 March 2024 5:35 AM GMT
Stambheshwar Mahadev Mandir
X

Stambheshwar Mahadev Mandir (Photos - Social Media) 

Stambheshwar Mahadev Mandir: भारत में कई प्राचीन शिव मंदिर हैं जिनसे जुड़ी कई मान्यताएं हैं। ऐसे ही एक मंदिर जो गुजरात में हैं। यह मंदिर बहुत ही रहस्यमयी मंदिर है, ऐसा माना जाता है की यह मंदिर दिन में 2 बार गायब हो जाता है। यह एक अनोखा शिव मंदिर है। यह मंदिर गुजरात के सोमनाथ मंदिर के पास है। कहते हैं कि यह अनोखा शिव मंदिर दिन में दो बार आंखों के सामने से ओझल हो जाता है। मान्यता ये भी है कि समुद्र के पास स्थित शिव मंदिर का जलाभिषेक खुद से होता है। मंदिर का नाम स्तंभेश्वर महादेव मंदिर है।

स्तंभेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण

इस मंदिर का निर्माण पांड्या साम्राज्य के समय में किया गया था। जिसकी परंपरा के अनुसार शंकराचार्य द्वारा किया गया था। इस मंदिर का नाम स्तंभेश्वर महादेव के नाम पर है, जो कि भगवान शिव के एक प्रमुख रूप हैं। यह एक प्राचीन मंदिर है और इसकी महत्वपूर्णता धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत अधिक है। मंदिर की शिलाओं में संस्कृत श्लोक और वेदों के पाठ की खूबसूरत कार्विंग है। इसके अलावा, मंदिर के प्रांगण में विशाल नागराज का मूर्ति स्थापित है, जो भगवान शिव के वाहन के रूप में माना जाता है। स्तंभेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण अत्यंत धार्मिक भावनाओं और विशेष रूप से शिव भक्ति के प्रति समर्पित हुआ है। इस मंदिर का निर्माण प्राचीन कला और वास्तुकला के अद्वितीय उदाहरणों में से एक है।

Stambheshwar Mahadev Mandir

कहां स्थित है स्तंभेश्वर महादेव मंदिर

स्तंभेश्वर महादेव मंदिर गुजरात के गांधीनगर से लगभग 175 किमी दूर जंबूसर के कवि कंबोई गांव में स्थित है। सोमनाथ मंदिर से यह करीब 15 किमी की दूरी पर है।यह मंदिर शहर के पश्चिमी हिस्से में स्थित है और यहां पर्यटक और धार्मिक यात्रियों की भीड़ हमेशा रहती है।

Stambheshwar Mahadev Mandir

स्तंभेश्वर महादेव मंदिर की कहानी

स्तंभेश्वर महादेव मंदिर के पीछे कई मान्यताओं और कथाओं की कहानी है। एक प्रमुख कथा के अनुसार, मंदिर का निर्माण भगवान शिव के भक्त और योगी भारतीय गुरु आदि शंकराचार्य द्वारा किया गया था। कथानक के अनुसार, भगवान शिव ने आदि शंकराचार्य को दर्शन दिया और उन्हें मंदिर का निर्माण करने का आदेश दिया। आदि शंकराचार्य ने उस स्थान पर एक शिवलिंग स्थापित किया, जिसे वे स्तंभेश्वर महादेव के रूप में पुनर्नामित कर दिया।

दूसरी कथा के अनुसार, स्तंभेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण महाभारत काल में राजा भीष्मक द्वारा किया गया था। वे इस मंदिर का निर्माण शिवलिंग की स्थापना करके किया था। यहां यह भी कहा जाता है कि स्तंभेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में राजा सम्राट समुद्रगुप्त द्वारा किया गया था। इन कथाओं में से कोई भी सही हो सकती है, लेकिन इनमें से किसी भी कथानक की सत्यता की पुष्टि करना कठिन हो सकता है क्योंकि यहां के ऐतिहासिक संदर्भ में प्रमाण कम हैं।

Stambheshwar Mahadev Mandir

स्तंभेश्वर महादेव मंदिर के रहस्य

स्तंभेश्वर महादेव मंदिर के रहस्य और गुप्त तथ्यों के बारे में कई कथाएँ और लोकतंत्र हैं। कुछ लोग मानते हैं कि इस मंदिर के अंदर गुप्त गुफाएँ और अज्ञात कारणों के लिए बंद कमरे हैं। यह मंदिर एक स्थान हो सकता है जहां ऐसे प्राचीन ग्रंथों और लेखों का संग्रह हो, जो धार्मिक और आध्यात्मिक ज्ञान को संजोने के लिए बनाए गए हों। कुछ लोग मानते हैं कि इस मंदिर के रहस्यों में तांत्रिक क्रियाओं, ज्योतिषीय गणित, और विज्ञान के अद्भुत ज्ञान का संदर्भ हो सकता है। इसके अलावा, इस मंदिर के वास्तुकला और स्थापत्यकला में भी कई रहस्य हो सकते हैं, जो इसे एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण स्थान बना सकते हैं।

Stambheshwar Mahadev Mandir

समुद्र में क्यों डूब जाता है मंदिर

बहुत कम लोग जानते हैं कि यह मंदिर दोपहर और शाम में समुद्र में समा जाता है. इसके पीछे का कारण पूरी तरह से प्राकृतिक है, लेकिन इसके बाद भी लोग इसे एक चमत्कार से कम नहीं मानते हैं.

Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

Next Story