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Statue Of Equality History: बहुत प्रसिद्ध है संत रामानुजाचार्य की 216 फीट ऊंची ये प्रतिमा, यहां जानें सारी डिटेल्स

Statue Of Equality History: बहुत प्रसिद्ध है संत रामानुजाचार्य की 216 फीट ऊंची ये प्रतिमा, यहां जानें सारी डिटेल्स

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 9 Jun 2024 4:06 PM IST
Statue Of Equality
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Statue Of Equality (Photos - Social Media)

Statue Of Equality History: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 11वीं साड़ी के भक्ति शाखा के संत श्री रामानुजाचार्य की याद में स्टैचू आफ इक्वलिटी प्रतिमा का अनावरण किया गया था। चिन्ना जियर स्वामी जी के आश्रम द्वारा शहर के बाहरी लाख में 45 एकड़ के कैंपस में मूर्ति स्थापित की गई है। यहां पर संत रामानुजाचार्य की याद में विशालकाय मूर्ति बनाई गई है जिसे स्टैचू आफ इक्वलिटी कहा जाता है।। अगर आप घूमने फिरने की शौकीन है तो एक बार आपके यहां पर जरूर जाना चाहिए। चलिए आज हम आपके यहां की खासियत के बारे में बताते हैं।

कौन हैं रामानुजाचार्य जी (Who is Ramanujacharya ji)

सन 1017 में तमिलनाडु के श्री पेरुम्बदूर में जन्मे श्री रामानुजाचार्य ने सामाजिक, सांस्कृतिक, लिंग, शैक्षिक और आर्थिक भेदभाव से लाखों लोगों को इस मूलभूत विश्वास के साथ मुक्त किया कि राष्ट्रीयता, लिंग, जाति, जाति या पंथ की परवाह किए बिना हर एक इंसान समान है। श्री रामानुजाचार्य ने राष्ट्रीयता, लिंग, नस्ल, जाति या पंथ की परवाह किए बिना हर इंसान की भावना के साथ लोगों के उत्थान के लिए अथक प्रयास किया था। संत रामानुजाचार्य ने ज्यादा से ज्यादा भेदभाव के शिकार लोगों सहित समाज के सभी वर्गो के लिए मंदिरों के दरवाजे खोल दिए। वह दुनियाभर के समाज सुधारकों के लिए समानता के प्रतीक माने जाते हैं।

Statue Of Equality

ऐसा है स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी (The Statue of Equality is like this)

इस परियोजना के लिए आधारशिला 2014 में रखी गई थी। 54 फीट ऊंची इमारत, जिसका नाम भद्रवेदी है, में एक वैदिक डिजिटल लाइब्रेरी और अनुसंधान केंद्र है, जिसमें प्राचीन भारतीय ग्रंथ, एक थिएटर, एक शैक्षिक गैलरी और श्री रामानुज आचार्य के कई कार्यो का विवरण देने वाला बहु-भाषा ऑडियो टूर है।

आउटडोर 216 फीट की स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी बैठने की मुद्रा में बनाई गई दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा है। यह ‘पंचलोहा’ से बनी है, जिसमें पांच धातुओं – सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता का मिश्रण है।

कैंपस में 108 दिव्य देशम हैं, 108 अलंकृत नक्काशीदार विष्णु मंदिर हैं, जो रहस्यवादी तमिल संतों की कृति अलवार में वर्णित हैं। थाईलैंड में बैठने की मुद्रा वाली बुद्ध की मूर्ति को अब तक दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति कहा जा रहा है।

Statue Of Equality

इस प्रतिमा की परिकल्पना श्री रामानुजाचार्य आश्रम के श्री चिन्ना जीयार स्वामी ने की है। कार्यक्रम के दौरान संत रामानुजाचार्य की जीवन यात्रा और शिक्षा पर थ्रीडी प्रेजेंटेशन मैपिंग का भी प्रदर्शन किया जाता है।

स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी 11वीं सदी के भारतीय दार्शनिक रामानुज की मूर्ति है, जो हैदराबाद के बाहरी इलाके रंगा रेड्डी जिले के मुचिंतल में चिन्ना जीयर ट्रस्ट के परिसर में स्थित है। यह दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची बैठी हुई मूर्ति है।

प्रतिमा की परिकल्पना श्री रामानुजाचार्य आश्रम के श्री चिन्ना जीयर स्वामी ने की थी। कार्यक्रम के दौरान श्री रामानुजाचार्य की जीवन यात्रा और शिक्षाओं पर थ्रीडी प्रजेंटेशन मैपिंग का प्रदर्शन किया गया। प्रधानमंत्री ने स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी के चारों ओर बने 108 दिव्य देशम (नक्काशीदार मंदिर) की परिक्रमा भी की।



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Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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