Sultanpur Parijat Tree History: सुल्तानपुर में गोमती नदी के किनारे है चमत्कारी वृक्ष, ये पूरी करता है हर मनोकामना

Sultanpur Parijat Tree History: भारत में देखने के लिए एक से बढ़कर एक जगह मौजूद है जो किसी को भी हैरान कर सकती है। आज हम आपको उत्तर प्रदेश में इच्छा पूरी करने वाले वृक्ष के बारे में बताते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 21 Aug 2024 10:54 AM GMT
Sultanpur Historical Place
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Sultanpur Historical Place (Photos - Social Media)

Sultanpur Parijat Tree History: उत्तर प्रदेश भारत का प्रसिद्ध राज्य है और सुल्तानपुर जिला यहां काफी फेमस है। सुल्तानपुर में कई सारे ऐतिहासिक स्थल मौजूद है चीन का दीदार करने के लिए पर्यटक पहुंचते हैं। इसलिए मैं गोमती नदी के किनारे एक प्राचीन वृक्ष मौजूद है जिसे लोग पारिजात या कल्पवृक्ष के नाम से पहचानते हैं। यह कोई साधारण वृक्ष नहीं है बल्कि से देव वृक्ष कहा जाता है। आस्था रखने वाले लोग नियमित रूप से यहां आकर दर्शन करते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं। लोगों का कहना है कि यह वृक्ष आने वाले श्रद्धालुओं की इच्छाएं पूरी करता है।

वृक्ष से जुड़ी है रोचक कथा

इस कल्प वृक्ष से रोचक कथा जुड़ी हुई है। कथा के मुताबिक एक बार देवराज इंद्र महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण श्री हीन हो गए थे। स्वर्ग लोक से वैभव समृद्धि और संपन्नता खत्म हो गई थी। इस परेशानी का समाधान निकालने के लिए देवताओं ने असुरों की सहायता से सागर मंथन करने का निश्चय लिया था। सागर मंथन के दौरान पारिजात वृक्ष के साथ 14 रत्न निकले जिसमें से एक पारिजात वृक्ष था। देवराज इंद्र ने इसे स्वर्ग में स्थापित किया। सागर मंथन के परिणाम स्वरूप माता लक्ष्मी और पारिजात वृक्ष की उत्पत्ति हुई है और इसी कारण माता लक्ष्मी को पारिजात के पुष्प प्रिय हैं।

Sultanpur Historical Place

ऐसा है पारिजात का वृक्ष

पारिजात का यह पेड़ एक बड़े प्रांगण में है और इसकी देखने को संरक्षण के लिए कल्पवृक्ष सेवा समिति नामक एक संगठन तैयार किया गया है। संगठन से जुड़े लोगों के मुताबिक सुरक्षा की आयु करीब 5000 वर्ष से ज्यादा हो सकती है। स्ट्रेंजर में आकर लोग नियमित रूप से पूजा पाठ करते हैं और यह पर्यटक स्थल के रूप में पहचाना जाता है। कुछ समय पहले प्रयागराज अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने इस वृक्ष की विशेषताओं की खोज की और इसकी आयु को भी निर्धारित किया था।

Sultanpur Historical Place


Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

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मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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