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Sweden Country History: गजब का है ये देश, खुद ही अपने नागरिकों को दे रहा देश छोड़ने का ऑफर, साथ में मिल रहे पैसे

Sweden Country History: दुनिया के किसी भी देश में रहने वाले व्यक्ति को सबसे ज्यादा प्रेम अपनी मातृभूमि यानी कि देश से ही होता है। लेकिन अगर कोई देश खुद ही अपने नागरिकों को जाने के लिए कहे तो आपको क्या लगेगा।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 1 Sept 2024 9:30 AM IST (Updated on: 1 Sept 2024 9:30 AM IST)
Sweden Country Population
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Sweden Country Population (Photos - Social Media)

Sweden Country History: हर व्यक्ति को अपने देश से बहुत प्यार होता है। अपने देश की मिट्टी से लोगों को इतना प्रेम होता है कि वह इसे कभी छोड़कर नहीं जाना चाहते। लेकिन अगर आपका देश खुद ही आपको कंट्री छोड़कर जाने का ऑफर दे और साथ में इसके लिए पैसा भी दे तब आप क्या करेंगे। इन दिनों यूरोप का स्वीडन देश इसी वजह से चर्चा में बना हुआ है। स्वीडन ने अपने नागरिकों को देश छोड़ने के लिए कहा है। यह प्रस्ताव इमीग्रेशन मिनिस्टर मारिया माल्मर स्टेनगार्ड की तरफ से रखा गया है। इसके तहत विदेश में पैदा हुए स्वीडिश लोग देश छोड़ना चाहते हैं तो उन्हें रोक नहीं जाएगा वह अपनी मर्जी से देश छोड़कर जा सकते हैं। इसमें सबसे अजीब बात यह है कि सरकार खुद इसके लिए उन्हें पैसा दे रही है। यहां तक की जाने का किराया भी इन लोगों को सरकार की तरफ से ही दिया जाएगा।

स्वीडन में चल रहा है वॉलंटरी इमीग्रेशन प्लान

नागरिकों के सामने यह प्रपोजल वॉलंटरी इमीग्रेशन प्लान के तहत रखा गया है। स्वीडन में पहले से ही इस प्लान को लागू किया जा चुका है। इसके तहत शरणार्थी और प्रवासियों को देश छोड़ने की पूरी छूट है। इन लोगों को इसके लिए 10000 स्वीडिश क्राउन यानी ₹80000 दिए जाते हैं। अगर कोई बच्चा देश छोड़कर जाना चाहता है तो उसे 5000 स्वीडिश क्राउन यानी ₹40000 दिए जाते हैं। लेकिन अब सरकार इस प्रपोजल में नागरिकों को भी शामिल कर रही है।

Sweden Country Population

क्यों रखा स्वीडन ने प्रस्ताव

अब लोगों के मन में यह सवाल है कि आखिरकार कोई देश अपने नागरिकों को जाने के लिए क्यों बोल रहा है। आपको बता दे कि स्वीडन में दुनिया के कई देशों के लोग जाकर बसते हैं। पिछले 20 सालों में देश की आबादी दोगुनी हो गई है और स्वीडन कुल आबादी का पांचवा हिस्सा है। इस स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सरकार ने 2015 में कुछ पाबंदियां लगाई थी लेकिन इसका पॉजिटिव असर नहीं मिला। अभी भी लोगों का स्वीडन की तरफ आना बना हुआ है और लोग यहां बसने के मकसद से आ रहे हैं। इस वजह से यहां संख्या लगातार बढ़ रही है।

Sweden Country Population

इस तरह की प्रस्ताव के बाद पिछले साल देश छोड़कर जाने वालों की संख्या देश में आकर बसने वालों के मुकाबले ज्यादा थी। 50 सालों में पहली बार ऐसा देखने को मिला था। जानकारी के मुताबिक विदेश में जन्मे लोग स्वीडन में आ तो जाते हैं लेकिन यहां के माहौल में ढल नहीं पाते। ऐसे में वह चाहे तो देश छोड़कर जा सकते हैं। हालांकि ऑफर सिर्फ उन लोगों के लिए है जिनके पास स्वीडिश पासपोर्ट है।



Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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