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Tirupati Balaji Temple: साक्षात भगवान विष्णु के दर्शन का अनुभव
Tirupati Balaji Temple: तिरुमला में बसा विष्णु का स्वरूप माने जाने वाले भगवान वेंकटेश्वर का भव्य तिरुपति बालाजी एक ऐसा तीर्थस्थल है, जहां आप भगवान के दर्शन के साथ प्राकृतिक नजारे का भी आनंद ले सकते हैं।
Tirupati Balaji Temple: तीर्थों का देश कहे जाने वाले भारत में हर क्षेत्र में विभिन्न धर्मों के तीर्थ और उनसे जुड़ी कई कथाएं सुनने को मिलेंगी। देश के आंध्र प्रदेश राज्य में चित्तूर जिले का तिरुपति शहर का प्रसिद्ध वेंकटेश्वर मंदिर विश्व विख्यात है। हर साल लाखों की तादाद में श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन कर दान करते हैं, जिसके कारण यह मंदिर दुनिया के सबसे धनी मंदिरों में गिना जाता है। आंध्र प्रदेश में सात पहाड़ियों के ऊपर तिरुमला में बसा विष्णु का स्वरूप माने जाने वाले भगवान वेंकटेश्वर का भव्य तिरुपति बालाजी एक ऐसा तीर्थस्थल है, जहां आप भगवान के दर्शन के साथ प्राकृतिक नजारे का भी आनंद ले सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी यहां दर्शन के लिए आता है उसकी मनोकामना पूरी होती है।
यहां भगवान के दर्शन सुबह से लेकर पूरी रात तक कर सकते हैं। कहते हैं यहां भगवान सिर्फ एक घंटे का ही विश्राम लेते हैं । क्योंकि वे अपने हर भक्त को दर्शन देना चाहते हैं। वैसे भी तिरुपति जी के दर्शन के लिए हर कोई मन में इच्छा जरूर रखता है। वैसे तो तिरुपति की यात्रा कभी भी की जा सकती है। लेकिन नवंबर से फरवरी तक का महीना सबसे अनुकूल रहता है। इस दर्शन का अगर मन बना लिया है तो पहले ऑनलाइन दर्शन की बुकिंग करनी पड़ती है फिर आप अपना आने जाने का टिकट बुक करा सकते हैं। टीटीडी की वेबसाइट पर आपके ठहरने के लिए भी एडवांस बुकिंग की सुविधा उपलब्ध है। रात्रि दर्शन में मंदिर प्रांगण से खुले आसमान का अद्भुत नजारा देख सकते हैं, इसके अलावा पहाड़ी रास्ते से मंदिर की ओर जाते समय प्रकृति के संगीत का आनंद ले सकते हैं। मानसून के दौरान सात पहाड़ियों की ऊंचाई पर आपको बादलों के बीच में रहने का एहसास भी होगा।
तिरुपति में घूमने के लिए कई स्थान हैं जिन्हें आप बालाजी के दर्शन के बाद देख सकते हैं। इनमें प्रमुख हैं-
श्री वेंकटेश्वर राष्ट्रीय उद्यान
अगर आपकी वनस्पतियों और जीवों के बारे में जानने की रुचि है तो इस राष्ट्रीय उद्यान में घूम सकते हैं । इस उद्यान में रेड सैंडर्स, शोरिया थंबर्गगिया, चंदन जैसे स्थानीय पेड़ देखने को मिलेंगे। इसके अतिरिक्त यहां सैकड़ों प्रजातियों के पक्षियों को भी देख सकते हैं। इस राष्ट्रीय उद्यान में तेंदुए, हाथी , भालू, चित्तीदार हिरणों को भी देखने का अवसर मिलेगा।
श्री पद्मावती अम्मावरी मंदिर
तिरुमाला के पहाड़ी शहर में स्थित यह मंदिर भगवान वेंकटेश्वर की पत्नी पद्मावती को समर्पित है। हर साल, लाखों की तादाद में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। यह मंदिर तिरुपति शहर से 5 किमी की दूरी पर स्थित है और अपने सुंदर वास्तुकला और मनमोहक दृश्यों के लिए मशहूर है।
वेंकटेश्वर मंदिर
वेंकटचल पहाड़ी की सातवीं चोटी पर स्थित यह मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है। तिरुपति का यह प्रसिद्ध मंदिर सात पहाड़ियों के मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। इस विशाल मंदिर परिसर में कई मंदिर और मंडपम हैं। मंदिर परिसर में मनमोहक उद्यान भी हैं।
कपिला तीर्थम
भगवान शिव को समर्पित यह पवित्र स्थान उस धारा के लिए जाना जाता है जो इस मंदिर के पास से होकर बहती है। महा शिवरात्रि और श्रावण महीने में कपिला तीर्थम में भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है।
हिरण पार्क
तिरुमाला पहाड़ियों के तल पर स्थित यह पार्क बड़ी संख्या में हिरण, मोर और अन्य जानवरों का बसेरा है। इस जगह सुंदर प्राकृतिक दृश्यों के बीच टहलने का आनंद ले सकते हैं। पर्यटकों के बीच लोकप्रिय इस पार्क में आप जानवरों को खाना भी खिला सकते हैं। शहर के नजदीक होने के कारण यहां टैक्सी या बस लेकर पहुंच सकते हैं।
आकाशगंगा
तिरुपति से करीब 10 किमी की दूरी पर यह पवित्र आकाशगंगा नदी है। शांत और सुंदर परिवेश में प्रकृति के चाहने वालों के लिए एकदम सही जगह है। इस पवित्र नदी में आप स्नान भी कर सकते हैं।
गोविंदराजन मंदिर
स्वामी पुष्करिणी झील के तट पर स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। चोल और पल्लव शासनकाल की कलाकृतियों का संग्रह यहां मंदिर परिसर में स्थित संग्रहालय में देख सकते हैं।
स्वामी पुष्करिणी झील
यह झील प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर के पास स्थित है। इसे कई श्रद्धालु वेंकटेश्वर मंदिर का पैर मानते हैं। इस स्वामी पुष्करिणी पवित्र झील में पर्यटक स्नान भी कर सकते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार यह झील वैकुंठ में स्थित है और इसके मालिक भगवान विष्णु हैं। ऐसी मान्यता है कि इस झील को पृथ्वी पर गरुड़ द्वारा लाया गया था।
सिलाथोरनाम
आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित सिलथोरनाम एक पत्थर का मेहराब है जिसे चालुक्य राजा, पुलकेशिन द्वितीय ने बनवाया था। अपनी अनूठी वास्तुकला के कारण तिरुपति में यह स्थान एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है।
श्री वराहस्वामी मंदिर
स्वामी पुष्करिणी तालाब के तट पर स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर परिसर में लक्ष्मी माता का भी मंदिर है। श्रद्धालु यहां स्थित इस पवित्र तालाब में स्नान भी कर सकते हैं।
श्री वेणुगोपाल स्वामी मंदिर
भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर स्वामी पुष्करिणी तालाब के तट पर स्थित है। इस मंदिर परिसर में कई अन्य देवताओं के भी मंदिर हैं और यह तीर्थयात्रियों के लिए एक लोकप्रिय स्थान है। यह ऐतिहासिक मंदिर आंध्र प्रदेश के खम्मम जिले में शहर से 46 किमी की दूरी पर स्थित है।
क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र
यह क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र तिरुपति में एक तारामंडल है जो बच्चों के साथ वयस्कों के लिए भी आकर्षण का केंद्र रहता है। अत्याधुनिक तकनीक द्वारा संचालित इस केंद्र में तारामंडल का ज्ञान एक अलग अनुभव देता है।
चंद्रगिरी पैलेस और फोर्ट
चोल वंश द्वारा 11 वीं शताब्दी में निर्मित यह किला कई शासकों का निवास स्थान रहा है। चंद्रगिरी पैलेस और किला की दीवारों से आसपास का प्राकृतिक नजारा देख सकते हैं। इस किले में कई कमरों और हॉल को देख सकते हैं।
श्री बेदी अंजनेस्वामी मंदिर
भगवान हनुमान को समर्पित यह मंदिर तिरुपति से करीब 100 किमी की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर शहर के प्राचीन मंदिरों में से एक है। यहां कई अन्य देवी देवताओं के मंदिर भी हैं। यहां के मंदिर परिसर से शहर का खूबसूरत नज़ारा देखने को मिलता है।
तालकोना वाटरफॉल्स
वेंकटेश्वर राष्ट्रीय उद्यान में स्थित यह झरना आंध्र प्रदेश का सबसे ऊंचे वाटर फॉल्स के रूप में जाना जाता है। इस जगह पर पर्यटक फोटो लेने के साथ तैरने का आनंद भी ले सकते हैं।
कैसे पहुंचें ?
हवाई मार्ग से तिरुपति पहुंचने का निकटतम हवाई अड्डा तिरुमाला शहर के चित्तूर जिले का रेनिगुंटा हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा तिरुमाला शहर से 14 किमी पूर्व में स्थित है। देश के कई बड़े शहरों से तिरुपति के लिए यहां नियमित उड़ानें हैं। एयरपोर्ट से बस या टैक्सी द्वारा तिरुपति पहुंच सकते हैं।रेल मार्ग से तिरुपति पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन शहर से करीब 15 किमी दूर रेनिगुंटा में स्थित है। देश के कई बड़े शहरों से तिरुपति के लिए नियमित ट्रेनें चलती हैं। चेन्नई और बंगलौर से तिरुपति निकट है।सड़क मार्ग से सभी प्रमुख शहर तिरुपति से जुड़े हुए हैं। बस , टैक्सी या निजी वाहन से यहां लोग पहुंच सकते हैं।
( लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं ।)