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Tourist Places In Amadubi : चित्रकारों का लोकप्रिय गांव
Amadubi: यहां ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटकों को भारत के ग्रामीण जीवन का अनुभव प्रदान करने की दिशा में यहां के ग्रामीण जनता और झारखंड सरकार की यह संयुक्त पहल सराहनीय है
Tourist Places In Amadubi: भारत के झारखंड राज्य के जमशेदपुर के निकट हरे-भरे जंगलों और सुंदर पहाड़ियों से घिरा अमादुबी गांव पारंपरिक पैटकर स्क्रॉल पेंटिंग करने वाले प्रतिभाशाली आदिवासी कलाकारों के लिए मशहूर है।इस गांव में करीब 50 से ज्यादा चित्रकार परिवारों का बसेरा है । ये कलाकार पत्तों और पेड़ों की छाल से बने स्क्रॉल पर महाकाव्यों, लोककथाओं और ग्राम जीवन से जुड़ी कथाओं को उकेरते हैं। यहां ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटकों को भारत के ग्रामीण जीवन का अनुभव प्रदान करने की दिशा में यहां के ग्रामीण जनता और झारखंड सरकार की यह संयुक्त पहल सराहनीय है।
पर्यटक इस गांव में सीधे कलाकारों के घरों में जाकर आकर्षक पैटकर स्क्रॉल पेंटिंग सीख सकते हैं ।अमादुबी ग्रामीण पर्यटन केंद्र में पर्यटकों को स्थानीय आदिवासी संस्कृति और कलाकृतियों से अवगत कराने के लिए उन्हें उस गांव में सजे धजे बैलगाड़ियों में घुमाया जाता है। इस गांव की कुछ मशहूर चीजें जैसे डोकरा शिल्प, मिथिला साड़ियां, कला और पैटकर पेंटिंग इस जगह से यादगार के रूप में जाते समय अपने घर ले जा सकते हैं।सैलानी यहां के पारंपरिक नृत्य, संगीत के अलावा पैरासेलिंग, रॉक क्लाइंबिंग आदि जैसे साहसिक खेलों का भी आनंद ले सकते हैं।पर्यटक यहां ठहरने के लिए पारंपरिक मिट्टी के घर और टेंट का आनंद ले सकते हैं । साथ ही यहां के स्थानीय व्यंजन खासकर ताज़ी और जैविक सामग्री से बने व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं।
यहां आसपास घूमने के लिए और कई जगह हैं। जिसमें प्रमुख हैं:
बाबा बासुकीनाथ मंदिर-
यह मंदिर इस गांव से करीब 40 किमी दूर स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान किया था।
मसानजोर बांध-
मयूराक्षी नदी पर बना यह बांध अमादुबी से 50 किमी दूर है। इसके आसपास का प्राकृतिक दृश्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। इस बांध में नौकाविहार और जल क्रीड़ा का आनंद उठा सकते हैं।
मलूटी मंदिर-
अमादुबी से करीब 70 किमी दूर स्थित यह मंदिर पाल वंश के शासनकाल के दौरान बनाया गया था। यह मंदिर 108 मंदिरों का एक समूह है और यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल है।
बेतला राष्ट्रीय उद्यान-
अमादुबी से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह उद्यान झारखंड राज्य के पुराने राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। इस उद्यान में बाघ, हाथी, तेंदुए और विभिन्न प्रजाति के पक्षियों के साथ विविध वनस्पतियों को भी देख सकते हैं।
नेतरहाट-
अमादुबी से करीब 140 किमी की दूरी पर स्थित यह एक खूबसूरत हिल स्टेशन है । इस जगह को 'छोटा नागपुर पठार की रानी' भी कहा जाता है। पर्यटक यहां हरे-भरे जंगल के प्राकृतिक वातावरण के साथ सुहावने मौसम का भी लुत्फ उठा सकते हैं। मैगनोलिया पॉइंट, अपर घाघरी फॉल्स और नेतरहाट आवासीय विद्यालय इस जगह के मुख्य आकर्षण हैं।
रांची-
अमादुबी से करीब 100 किमी की दूरी पर झारखंड राज्य की राजधानी रांची स्थित है। रॉक गार्डन, टैगोर हिल, रांची झील, पहाड़ी मंदिर, हुंडरू फॉल्स आदि जैसे घूमने लायक यहां कई जगहें हैं। सुहावने मौसम के लिए रांची सैलानियों की पसंदीदा जगह रहती है।
दस्सम जलप्रपात-
अमादुबी से करीब 100 किमी दूर कांची नदी पर स्थित यह एक आश्चर्यजनक झरना है। पर्यटक यहां की प्राकृतिक सुंदरता के कारण घूमने और पिकनिक मनाने के लिए आते हैं। यहां आकर फोटोग्राफी करना कोई नहीं भूलता।
हजारीबाग-
यह शहर अमादुबी से लगभग 110 किमी की दूरी पर स्थित है। खासकर यह जगह हजारीबाग झील, कैनरी हिल और हजारीबाग वन्यजीव अभयारण्य के लिए मशहूर है।
तिलैया बांध-
बराकर नदी पर स्थित तिलैया बांध अमादुबी से करीब 100 किमी की दूरी पर है। पहाड़ियों से घिरा हुआ यह सुंदर जलाशय सैलानियों को शांत वातावरण और नौकाविहार जैसे आनंद उठाने का मौका देता है।
कैसे पहुंचे ?
हवाई मार्ग से अमादुबी पहुंचने का निकटतम हवाई अड्डा जमशेदपुर स्थित सोनारी हवाई अड्डा है। इसके अलावा रांची का बिरसा मुंडा हवाई अड्डा भी है। जमशेदपुर से 65 किमी की दूरी पर अमादुबी गांव है, जहां बस या टैक्सी के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। रांची से करीब 100 किमी की दूरी पर यह गांव स्थित है।
रेल द्वारा अमादुबी पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन टाटा नगर जमशेदपुर शहर में है, जो कई बड़े शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा रांची, हजारीबाग स्टेशन आकार भी बस टैक्सी के माध्यम से यहां पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग से जमशेदपुर औद्योगिक शहर होने के कारण देश के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग 2, 6 और 33 जमशेदपुर को खड़गपुर और कोलकाता से जोड़ते हैं।यहां घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर से मध्य मार्च तक का होता है। हालांकि यहां दिसंबर जनवरी में कड़ाके की ठंड भी पड़ती है।
( लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं ।)