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Ujjain Famous Mandir: उज्जैन का यह मंदिर जहां दीप जलाकर मिलता है मोक्ष

Ujjain Famous Mandir: उज्जैन में एक ऐस, मंदिर है जहां पर मात्र दीपक जलाने से आपको मोक्ष मिल जाता है।

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 22 April 2024 4:30 AM GMT (Updated on: 22 April 2024 4:31 AM GMT)
Ujjain Famous Chitragupta Mandir
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Ujjain Famous Chitragupta Mandir ( Pic Credit - Social Media)

Ujjain Chitragupt Mandir: ईसाइयों के लिए जो सेंट पीटर हैं, वही हिंदुओं के लिए श्री चित्रगुप्त हैं। दोनों प्रत्येक मनुष्य के अच्छे और बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं और उनकी आज्ञा के बिना कोई भी स्वर्ग में प्रवेश नहीं कर सकता। श्री चित्रगुप्त पाप-पुण्य के लेखा-जोखा रखने वाले तथा कायस्थ समाज के पितृसत्तात्मक पूर्वज हैं। भारत में एक दर्जन से अधिक राज्यों में श्री चित्रगुप्त के मंदिर हैं, जिनमें से कुछ अत्यंत प्राचीन हैं।

भारत में प्रमुख चार मंदिर

श्री चित्रगुप्त के चार प्रमुख प्राचीन मंदिर हैं, जो एक प्रकार का चार धाम या कायस्थ तीर्थयात्रा सर्किट बनाते हैं। ये हैं पटना शहर (बिहार) के दीवानमोहल्ला में स्थित आदि श्री चित्रगुप्त मंदिर, कांचीपुरम (तमिलनाडु) में श्री चित्रगुप्तस्वामी मंदिर, कायथा और अंकपत, उज्जैन (मध्य प्रदेश) में श्री धर्मराज चित्रगुप्त मंदिर, और अयोध्या (उत्तर प्रदेश) में धर्म हरि श्री चित्रगुप्त मंदिर है।

अपने आप में इकलौता मंदिर

उज्जैन के रामघाट पर एक ऐसा मंदिर है जो पिंड दान, पूजा जैसे अन्य धार्मिक गतिविधियों का साक्षी बनता है। ऐसा कहा जाता है कि यहां पर धर्म राज वीराजमान है। यहां पर लोग अपने कुंडली के दोष के दूर करने के लिए विशेष अनुष्ठान भी करते है। ऐसी मान्यता है कि यहां पर भगवान रामचन्द्र अपने पिता दशरथ जी का पिंड दान करने आए थे। आज भी यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां घाट पर स्नान करके मंदिर में पूजा करते है। उज्जैन का रामघाट पर स्थित चित्रगुप्त का इकलैता मंदिर कहां जाता है, जो मनुष्य के सभी दुख दर्द को दूर करने के लिए जाना जाता है।



लोकशन – श्रिप्रा नदी के पास रामघाट, उज्जैन, मध्य प्रदेश

मंदिर की धार्मिक मान्यता

मंदिर की धार्मिक मान्यता के बारे में बात करे तो, इस मंदिर का जिक्र स्कंदपुराण के अवंतिका खंड में शिव संवाद में किया गया है। ऐसा कहा जाता है कि सभी पूजो अर्चना के बाद भी अगर आप यहां माथा नहीं टेकते है तो भी आपकी पूजा अधूरी मानी जाती है। वनवास के समय जब प्रभु राम जी के पिता का स्वर्गवास हो गया था तो, श्रीराम इसी घाट पर अपने पिता के लिए पिंड दान कर एक पुत्र होने का कर्तव्य निभाया था। जिसके बाद से यहां पर लोग अपने पूर्वजों, के मृत्यु के पश्चात् उन्हें मोक्ष दिलाने के लिए यहां पर विशेष पूजा करने आते है। धर्मराज जी के मौजूदगी में इस कार्य को पूर्ण करते है। इसी स्थान पर धर्मराज चित्रगुप्त का जन्म भी हुआ था। उन्हें ब्रह्मा जी ने एक पुस्तिका दी थी जिसमें उन्हें मनुष्यों के सभी अच्छे बुरे कामों का विवरण बनाने के लिए कहा गया। तब उन्हें धर्मराज उपाधि दी गई थी।



दीपक जलाने से मिलती है मुक्ति

मंदिर के पुजारी का कहना है कि यदि कोई ऐसा मनुष्य है जो किसी प्रकार के बड़े रोग से जूझ रहा है तो, उसके निमत से यहां पर प्रतिदिन दीपक जलाने से उनका उद्धार जल्द ही हो जाता है। अगले 48 घंटो में उन्हें रोग से मुक्ती मिलने लगती है। अन्यथा जीवन चक्र पूरा होने से मोक्ष मिल जाता है। भगवान यमराज के चरणों में अपने प्राण को त्याग देता है। सभी मोहमाया से बंटकर सांसारिक दुनिया से ऊपर उठ जाते है।

Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

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