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Ujjain Mata Mandir: उज्जैन के गढ़कालिका मंदिर की क्या है कहानी, कालिदास से जुड़ा है मंदिर का इतिहास

Ujjain Mata Rani Mandir: उज्जैन नगरी में एक ऐसा मंदिर है, जिससे महान कवि कालिदास के प्रतिभा का पुनरुत्थान हुआ था, जिससे कवि के काव्य अंश को लोगों द्वारा जाना गया था।

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 26 May 2024 9:42 AM GMT
Ujjain Mata Mandir, Gadhkalika Mandir
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Gadhkalika Mandir (Pic Credit-Social Media)

Ujjain GadKalika Temple: महाकाल की नगरी उज्जैन में धर्म व आस्था का विस्तार आपको आध्यात्म ऊर्जा से जोड़ने में पूर्णतः सफल होता है। बस जरूरत है आपको वहां के सभी दिव्य मंदिरों में जाकर दर्शन पूजन कर अनुष्ठानों में शामिल होने की। आस्था के इस भूमि से हम उज्जैन के एक बहुत ही प्रसिद्ध माता के मंदिर के बारे में बताने जा रहे है। उज्जैन में गढ़कालिका मंदिर एक मनमोहक आध्यात्मिक स्थल है, जो ऐतिहासिक महत्व और स्थापत्य कला के बीच एक सहज मिश्रण है। शिप्रा नदी के तट पर बसा यह मंदिर उग्र देवी कालिका को समर्पित किया गया है, जो अपने सुरक्षात्मक और सशक्त स्वभाव के लिए जानी जाती हैं। गढ़कालिका देवी को तंत्र मंत्र को देवी के रूप में भी पूजा जाता है। माता के दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं के बिगड़े काम बनने लग जाते है।

प्रसिद्ध और आध्यात्म का केंद्र (Gadhkalika Mandir Ujjain)

नाम: गढ़कालिका मंदिर, स्थिरमन गणेश के पास, उज्जैन, मध्य प्रदेश

समय: सुबह 6 बजे से शाम के 9 बजे तक

गढ़ गाँव के पास स्थित होने के कारण, इस मंदिर को गढ़कालिका मंदिर का नाम दिया गया है। भर्तृहरि गुफाओं के पास स्थित, यह मन्दिर अपने उज्जैन दौरे में शामिल किए जाने वाले स्थानों में से एक है , और उज्जैन में घूमने के लिए प्रसिद्ध स्थानों में से एक है। मंदिर की प्राचीन आभा स्पष्ट है, इसके पत्थर पर नक्काशीदार खंभे और जटिल मूर्तियाँ पौराणिक कथाओं को बयां करती हैं।


भव्य मंदिर विरासत का प्रमाण

अपने ऐतिहासिक आकर्षण के बावजूद, गढ़कालिका मंदिर को अपनी प्राचीन भव्यता को बनाए रखने के लिए बेहतर रखरखाव मिल सकता है। फिर भी, इसका आध्यात्मिक महत्व और वास्तुकला का आकर्षण इसे उज्जैन की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को देखने वालों के लिए एक ज़रूरी जगह बनाता है। गढ़कालिका मंदिर उज्जैन की गहरी आध्यात्मिक विरासत का एक प्रमाण है, जो लोगों को एक शांत और रहस्यमय अनुभव में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है।


गर्भगृह में माता के दर्शन से होता है ऊर्जा का संचार

गढ़ कालिका मन्दिर के गर्भगृह में एक गहन ऊर्जा का अनुभव किया जा सकता है, जो भक्तों और पर्यटकों को दिव्य वातावरण का अनुभव करने के लिए समान रूप से आकर्षित करती है। रतलाम कोठी के ऊपर मंदिर का रणनीतिक स्थान उज्जैन का एक लुभावना मनोरम दृश्य प्रदान करता है, जो आगंतुकों के लिए आध्यात्मिक यात्रा को बढ़ाता है। भक्त अक्सर अनुष्ठान और प्रार्थना में शामिल होते हैं, दुर्जेय देवता से सांत्वना और आशीर्वाद मांगते हैं। त्योहारों के दौरान माहौल बहुत ही रोमांचक होता है, क्योंकि मंदिर भक्ति भजनों और जीवंत उत्सवों से गूंजता रहता है।


महान कवि कालिदास के प्रतिभा का मुख्य स्रोत

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित, गढ़कालिका मंदिर का संबंध कालीदास से भी है। कालजयी कवि कालिदास गढ़ कालिका देवी के उपासक थे। कालिदास के संबंध में मान्यता है कि जब से वे इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने लगे तभी से उनके प्रतिभाशाली व्यक्तित्व का निर्माण होने लगा। कालिदास रचित 'श्यामला दंडक' महाकाली स्तोत्र एक सुंदर रचना है। ऐसा कहा जाता है कि महाकवि के मुख से सबसे पहले यही स्तोत्र प्रकट हुआ था। यहाँ प्रत्येक वर्ष कालिदास समारोह के आयोजन के पूर्व माँ कालिका की आराधना की जाती है।

Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

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