Ujjain Famous Shiv Mandir: उज्जैन का यह चमत्कारी शिवलिंग, जिसकी खासियत सुन रह जाएंगे हैरान

Famous Shiv Mandir In Ujjain: उज्जैन नगरी महाकाल की नगरी से प्रसिद्ध है,बाबा महाकाल के साथ यहां पर एक ऐसा मंदिर है, जिसमें रखा शिवलिंग चारों दिशाओं की तरफ घूम जाता है।

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 14 April 2024 6:15 AM GMT (Updated on: 14 April 2024 6:16 AM GMT)
Ujjain Famous ShivTemple
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Ujjain Famous Temple(Pic Credit - Social Media)

Ujjain Famous Temple: मध्य प्रदेश की उज्जैन नगरी बाबा महाकाल की नगरी कही जाती है। ऐसा कहा जा है बाबा महाकाल ही यहां के सरकार है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग 12 प्रमुख शिंवलिंग में से एक है। उज्जैन में बाबा के मंदिर के अलावा, अन्य देवी देवताओं के मंदिर भी है। महादेव के और भी स्वरूप उज्जैन की नगरी में मौजूद है। जैसे मंगलनाथ, काल भैरव, मृत्युंजय महादेव, स्वपनेश्वर मंदिर आदि। ऐसा ही एक विचित्र मंदिर है, जो अपनी विशेषता के लिए जाना जाता है।

भारत का विचित्र मंदिर

भारत के उज्जैन में रामेश्वर महादेव नामक एक शिव मंदिर है, जो हरिसिद्धि मंदिर परिसर के पीछे स्थित है। यह मंदिर महाकाल मंदिर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर है। अपने चमत्कारी शिवलिंग के लिए जाना जाता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसकी स्थापना भगवान श्री राम ने स्वयं की थी। यह शिवलिंग एक शंकु के आकार का है। स मंदिर में शिवलिंग थोड़ा उचास पर ऱखा गया है।



चारों दिशाओं में घूम जाता है शिवलिंग

रामेश्वर मंदिर को लेकर एक चमत्कारी तथ्य भी बहुत फेमस है, ऐसा कहा जाता है कि जब मंदिर में मंत्रों का जाप किया जाता है। उस स्थिती में शिवलिंग को 360 डिग्री में चारों तरफ घूमा दिया जाता है। चारों दिशाओं में घूमाकर मंत्रों के जाप से श्वलिंग में ऊर्जा का संचार होने का अनुभव किया जाता है। यह मंदिर हिंदूओं के प्रमुख ग्रंथ रामायण से भी जुड़ा हुआ है, जिसमें भगवान राम द्वारा अपनी पत्नी सीता को बचाने के लिए राक्षस राजा रावण से लड़ने की कहानी बताई गई है।

मंदिर की यह है मान्यता

पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान श्री राम ने मकर संक्रांति पर पवित्र क्षिप्रा नदी में स्नान किया था, तो उन्होंने पास में ही एक शिव लिंग की स्थापना की। यह रामेश्वर मंदिर में स्थापित शिवलिंग वहीं है। तब से इस मंदिर को रामेश्‍वर महादेव के नाम से जाना जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि विशेष रूप से श्रावण माह के दौरान इस मंदिर में शिव लिंग के दर्शन से पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस मंदिर का स्कन्द पुराणों में भी उल्लेख किया गया है।

12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन तुल्य है यहां जल चढ़ाना

ऐसा कहा जाता है कि यहां पर दर्शन करना 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने के तुल्य है। यह शिवलिंग चारों दिशाओं में घूम जाता है। जिससे सभी ज्योतिर्लिंग की मान्यता इसमें विद्यमान होता है। सावन में क्षिप्रा नदी में स्नान करने के बाद यहां पर जल चढ़ाना पुन्य पाने योग्य 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन पूरा करने के बराबर होता है।

Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

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