Gopinath Mandir Uttarakhand: उत्तराखंड में है भगवान शिव का अनोखा मंदिर, यहां गोपेश्वर के रूप में होती है भोले की पूजा

Gopinath Mandir Uttarakhand: उत्‍तराखंड के चमोली जनपद के गोपेश्‍वर में भगवान शिव का गोपीनाथ मंदिर है। मंदिर में भगवान शिव का त्रिशूल है। मान्‍यता है कि त्रिशूल में इतनी शक्ति है कि कोई इसे हिला नहीं सकता है।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 6 Aug 2024 5:42 AM GMT
Gopinath Mandir Uttarakhand
X

Gopinath Mandir Uttarakhand (Photos - Social Media)

Gopinath Mandir Uttarakhand : उत्तराखंड देश का एक बहुत ही खूबसूरत और प्रमुख राज्य है। यहां पर घूमने के लिए कई सारे पर्यटक स्थल मौजूद है और यह विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। हर साल देश विदेशी पर्यटक यहां पर घूमने के लिए पहुंचते हैं। उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता काफी कमल की है लेकिन यह जगह सिर्फ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए नहीं बल्कि पवित्र प्रसिद्ध मंदिरों के लिए भी पहचाना जाता है। यहां कई सारे धार्मिक स्थल मौजूद है यही कारण है किस देवभूमि के नाम से पहचाना जाता है। उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ, तुंगनाथ जैसे चर्चित मंदिर है जहां हर कोई जाना चाहता है। लेकिन यहां के गोपीनाथ मंदिर के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। यहां पर शिव की पूजा गोपी के रूप में होती है। चलिए आज हम आपको इस मंदिर के बारे में बताते हैं।

कहां है मंदिर गोपीनाथ मंदिर (Where Is The Temple Gopinath Temple)

गोपीनाथ मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में है। यह शिव मंदिर गोपेश्वर में है। यह जगह बदरीनाथ धाम और केदारनाथ धाम की पैदल मार्ग का केंद्र बिंदु है। इस मंदिर का संरक्षण पुरातत्व विभाग करता है। इस मंदिर का निर्माण नागर शैली में हुआ है। मंदिर कला हिमाद्री शैली में है। इस मंदिर में ऐसे अभिलेख मौजूद हैं जिससे नेपाली शासकों का भी संबंध है। मंदिर में नेपाल के राजा अनेकमल से जुड़े अभिलेख भी हैं। पंचकेदारों के बाद इस मंदिर का बेहद धार्मिक महत्व है और यह काफी प्रसिद्ध है।

Gopinath Mandir Uttarakhand


गोपीनाथ मंदिर कि पौराणिक मान्यता (Mythological Belief Of Gopinath Temple)

पौराणिक मान्यता है कि जब कामदेव ने भगवान शिव के ध्यान को भंग करने की कोशिश की थी तो शिव ने उन्हें मारने के लिए जो त्रिशूल फेंका था वह यहां है। यह त्रिशूल इसी स्थान पर स्थापित हो गया था। ऐसी भी लोक मान्यता और पौराणिक मान्यता है कि जब शिव ने कामदेव को भस्म कर दिया था तो उनकी पत्नी रति ने गोपेश्वर में तपस्या की थी।

Gopinath Mandir Uttarakhand


यहां है भोलेनाथ का त्रिशूल (Here is Bholenath's Trident)

मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग स्थापित है। इस मंदिर में परशुराम व भैरव जी की प्रतिमा भी मौजूद है। मंदिर के कुछ दूरी पर वैतरणी नामक कुंड है। मंदिर के आंगन में शक्ति त्रिशूल भी है, जिस पर फरसा भी मौजूद है। इस त्रिशूल को यदि तर्जनी उंगली से छुआ जाए तो त्रिशूल पर कंपन्न होने लग जाता है।

Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

Next Story