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UP Famous Temple: ये है गाजियाबाद का प्रसिद्ध दूधेश्वर नाथ महादेव मंदिर, अद्भुत है इसके चमत्कार
Uttar Pradesh Famous Temple: गाजियाबाद शहर में स्थित श्री दूधेश्वरनाथ महादेव मठ मंदिर के इतिहास को रावण काल से जोड़ा जाता है।
Uttar Pradesh Famous Temple : गाजियाबाद की पावन भूमि में दूधेश्वर नाथ जैसे प्राचीन मंदिर स्थित है।' वैसे तो देशभर में भगवान शिव के अनेकों मंदिर स्थित है। लेकिन ये मंदिर अपने आप पर काफी खास है। मान्यता है कि इस मंदिर का कनेक्शन लंकापति रावण से हैं। इसके साथ ही मान्यता है कि यह पर स्वयं शिवलिंग प्रकट हुई थी। इसे स्वयंभू मंदिर माना जाता है। श्री दूधेश्वरनाथ महादेव मठ मंदिर अति प्राचीन और ऐतिहासिक है। इसकी ऐतिहासिकता प्रमाणित है आइए जानते हैं गाजियाबाद में स्थित बाबा दूधेश्वर मंदिर के बारे में खास बातें।
रावण से है श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर का संबंध
इस मंदिर का संबंध रावण काल से जोड़ा जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, पुलस्त्य के पुत्र ऋषि विश्रवा जो रावण के पिता था। उन्होंने हिंडन नदी के किनारे घोर तपस्या की थी। इसी स्थान को दुधेश्वर हिरण्यगर्भ महादेव मंदिर मठ के रूप में जानते हैं। इस स्थान में भगवान शिव स्वयं शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। आज भी यहां पर जमीन से तीन फीट नीचे शिवलिंग मौजूद है।
गाय ने की थी खोज
किंवदंती के अनुसार यह मंदिर उस स्थान पर स्थित है जहां कई साल पहले एक गाय ने अपना दूध एक स्थान पर गिरा देती थी। काफी लंबे समय तक ऐसा होने पर गाय के मालिक ने उस गाय पर नजर रखी। फिर उसने देखा कि उस स्थान में गायों के पहुंचते ही दूध की धार बंध जाती है। यह पूरा किस्सा ग्वाले से गांव वालों को आकर बताया। जिसके बाद गाय के सभी लोग उस स्थान में पहुंच रहे थे। वहीं दूसरी ओर कोट नामक गांव में उच्चकोटि के दसनामी जूना अखाड़े के एक सन्यासी सिद्ध महात्मा को भगवान शिव ने स्वप्न में दर्शन दिए और उस स्थान पर पहुंचने का आदेश दिया। प्रातः इधर गाँव वाले लोग पहुंचे और दूसरी तरफ से महात्मा अपने शिष्यों के साथ इस पावन स्थल पर पहुंच गए। इसके बाद खुदाई शुरू की गई। खुदाई के बाद शिवलिंग नजर आएं। इसके बाद उनकी वहां स्थापना करके पूजा की जाने लगी।
श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर प्रांगण में मौजूद है अनोखा कुआं
शिवलिंग वाली जगह खोदने के बाद बुजुर्गों ने कहा कि आसपास कोई जल स्तोत्र भी है। ऐसे में आसपास खुदाई करने पर एक अनोखा कुआं भी मिला। माना जाता है कि कुएं का पानी कभी मीठा तो कभी दूध जैसा स्वाद देता है। आज भी यह कुंआ मठ में स्थित है।