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UP Famous Temple: ये है आगरा का प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर, यहां पूरी होती है भक्तों की हर मुराद
Uttar Pradesh Famous Temple: आगरा में सिर्फ ताजमहल ही नहीं बल्कि ऐसे कई सारे स्थान मौजूद है जो बहुत प्रसिद्ध है। आज हम आपके यहां के मनकामेश्वर मंदिर के बारे में बताते हैं।
Uttar Pradesh Famous Temple : आगरा उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है जो सबसे ज्यादा अपने ताजमहल के लिए पहचाना जाता है। इस जगह का नाम ताज नगरी भी है। हालांकि, ताजमहल के अलावा यहां पर कहीं सारे ऐसे स्थान है जो देखने लायक है और बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पर घूमने के लिए पहुंचते हैं। धार्मिक स्थानों की बात करें तो आगरा में शिव मंदिरों की श्रृंखला है और शहर के कोने पर चार शिव विराजमान है। यहां पर भोलेनाथ का एक ऐसा मंदिर भी मौजूद है जहां पर भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। इस मंदिर को मनकामेश्वर महादेव मंदिर के नाम से पहचाना जाता है। यह मंदिर पुराने शहर में मौजूद है जहां भगवान शिव विराजमान है। सावन के मौके पर यहां पर भगवान शिव का विशेष श्रृंगार और पूजन अर्चन की जाती है।
एक ही परिसर में इतने मंदिर
आगरा के मनकामेश्वर मंदिर में सिद्धेश्वर और ऋण मुक्तेश्वर महादेव का शिवलिंग भी मौजूद है। रुद्र अवतार का जाने वाले बजरंगबली की दक्षिण मुखी मूर्ति भी यहां पर मौजूद है। इसके अलावा भैरव यश और किन्नर भी यहां पर विराजित है।
मंदिर का इतिहास
इस मंदिर के इतिहास की बात करें तो बताया जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना स्वयं भगवान शिव ने द्वापर युग में की थी। इस कहानी भी जुड़ी हुई है जिसके मुताबिक मथुरा में श्रीकृष्ण के जन्म के बाद उनके बाल रूप के दर्शन की कामना लेकर भगवान शिव कैलाश से चले थे। उन्होंने यहां पर एक रात बिताई थी और साधना की थी। यहां पर उन्होंने प्रण लिया था कि अगर वह कान्हा को अपनी गोद में मिला पाए तो एक शिवलिंग की स्थापना करेंगे। अगले दिन जब वह गोकुल पहुंचे तो यशोदा मैया उनके भस्म भभूत और जटाधारी रूप को देखकर कान्हा को नहीं देने से इनकार कर गई। मैया को लगा कि कान्हा डर जाएगा यह देखकर शिव वहीं बरगद के पेड़ के नीचे ध्यान लगाकर बैठ गए। जब कन्हैया को पता चला कि शिव आए हैं तो उन्होंने लीला शुरू कर दिया और रोते रोते शिव की तरफ इशारा करने लगे। इसके बाद यशोदा मैया ने शिव को बुलाया और कन्हैया को उनकी गोद में बैठाया तब जाकर श्री कृष्णा चुप हुए।
शिवलिंग किया स्थापित
वापस लौटते वक्त भोलेनाथ ने यहां शिवलिंग की स्थापना की और कहा कि जिस तरह से यहां मेरे मन की कामना पूरी हुई है इस तरह से सच्चे मन से यहां आने वाले मेरे हर भक्त की मनोकामना पूरी होगी। इस मंदिर की सबसे अच्छी बात है कि अगर कोई अंदर ना जाना चाहे तो बाहर से ही शिवलिंग के दर्शन किए जा सकते हैं।
मंदिर में जाने के नियम
इस मंदिर से जुड़े कुछ नियम भी है जिसके मुताबिक चांदी से मढ़े हुए शिवलिंग के पास वही व्यक्ति जा सकता है जिसने भारतीय वेशभूषा में धोती साड़ी आदि पहनी हो। मंदिर के भीतर मुख्य गर्भ ग्रह के पीछे बहुत सारे छोटे-छोटे मंदिर बने हुए हैं। यहां पर 11 जोत है जो निरंतर देसी घी से प्रज्वलित होती है। अगर कोई भक्त यहां आकर दीपक जलता है और मनोकामना मांगता है तो उसकी सारी मनोकामना पूरी होती है। सावन के मौके पर यहां बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ती है और वैसे भी रोजाना यहां कहीं शिवभक्त पहुंचते हैं।
कैसे पहुंचे मंदिर
अगर आप पुराने शहर में मौजूद इस मंदिर तक जाना चाहते हैं तो यहां पहुंचने के कई सारे रास्ते हैं। अगर आप शहर के बाहर से आ रहे हैं तो आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन के पास उतरकर पैदल या ऑटो से मंदिर पहुंच सकते हैं। बिजली घर से यहां पैदल पहुंचा जा सकता है।