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Fatehpur Ka Mandir: अनूठी वास्तु कला का नमूना है उत्तरप्रदेश के तेंदुली का ये मंदिर, मध्य कालीन इतिहास का है नमूना
Fatehpur Ka Famous Mandir: भारत में एक से बढ़कर एक धार्मिक स्थान मौजूद है जो अपने अंदर पुरातन काल को समेटे हुए हैं। चलिए आज तेंदुली के मंदिर के बारे में जानते हैं।
Fatehpur Ka Famous Mandir: उत्तर प्रदेश के तेंदुली का भगवान विष्णु का मंदिर मध्यकालीन शैली का एक अनूठा वास्तु कला नमूना है. इस मंदिर में इस्तेमाल की गई ईंटों और कंगूरीदार छत की नक्काशी में मध्यकालीन शैली के दर्शन होते हैं. हालांकि, इस मंदिर में कोई पुजारी नहीं है, लेकिन पूरे गांव के लोग यहां माथा टेकने आते हैं भारत एक ऐसा देश है जिसे विरासत के रूप में कई सारे ऐतिहासिक और कलात्मक स्थान मिले हैं जो अपने अंदर बेहतरीन इतिहास को समय पर हुए हैं। बाद की तहसील के तेंदुली गांव में एक ऐसा ही वस्तु कला से भरपूर मंदिर मौजूद है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यहां पर भगवान विष्णु की जो प्रतिमा है वह चतुर्भुज बाबा के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर की छत को सीटों से कांगुरेदार तरीके से तैयार किया गया है। गर्भ गृह में कमल पर भगवान विष्णु की प्रतिमा खड़ी हुई है जो बहुत अच्छी है।
मध्यकालीन शैली का नमूना
1996 में पुरातत्व विभाग द्वारा मंदिर की प्राचीन का और वास्तुकला को देखते हुए इसका अधिग्रहण किया गया। दिवाली का बाहरी इतना ईटों से बना हुआ है और गर्भ गृह में कमल पर भगवान विष्णु विराजमान है। बताया जाता है कि यह मंदिर 18वीं सदी में बना हुआ है और इसकी वास्तुकला बहुत ही अनूठी है। इस मंदिर से गांव के लोगों और आसपास के इलाकों की गहरी आस्था जुडी हुई है। डेकोरेट ना हो पाने के कारण यह मंदिर दिन पर दिन जून में शुरू होता जा रहा है और इससे ग्रामीणों में काफी रोष भी है। तेंदुली का यह विष्णु मंदिर एक विश्व धरोहर है और मध्यकालीन शैली को दर्शाता है।
चित्रकूट से आई थी मूर्ति
इस गांव के कुछ लोगों का कहना है कि चारभुजा वाली भगवान विष्णु की प्रतिमा 35 साल पहले चोरी चली गई थी। इसके बाद गांव के लोगों ने चंदा इकट्ठा कर चित्रकूट से इस प्रतिमा को यहां पर लाकर स्थापित किया। इस मंदिर में कोई पुजारी नहीं है लेकिन फिर भी पूरे गांव के लोग यहां पूजा करने के लिएआते हैं।