TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

UP First Glass Bridge: नजदीक से निहारें यूपी के ग्लास ब्रिज की सुंदरता

UP First Glass Bridge: उत्तर प्रदेश के शबरी जलप्रपात की मनमोहक सुंदरता को अब पर्यटक नजदीक से देख सकेंगे। लोकसभा चुनाव के बाद इसे खोल दिया जाएगा।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 30 April 2024 9:15 AM IST (Updated on: 30 April 2024 9:15 AM IST)
UP First Glass Bridge
X

UP First Glass Bridge (Photos - Social Media)

UP First Glass Bridge : उत्तर प्रदेश का पहला ग्लास स्काई वाक ब्रिज चित्रकूट में बनकर तैयार हो गया है। यह ब्रिज भगवान राम के धनुष और बाण के आकार जैसा बनाया गया है, जो देखने में अति सुंदर लग रहा है। उत्तर प्रदेश का पहला ग्लास स्काई वाक ब्रिज चित्रकूट में तुलसी (शबरी) जल प्रपात पर बनकर लगभग तैयार हो गया है।

टफन ग्लास से निर्माण

ग्लास ब्रिज के बनने से पर्यटकों को झरने के बीच तक पहुंचने का मौका मिलेगा और ग्लास के ब्रिज के सहारे इस प्राकृतिक झरने का नजारा देखने का आनंद मिल सकेगा। उन्‍होंने बताया कि एक बार में लगभग 15 पर्यटक इस ग्‍लास ब्रिज के आखरी छोर पर बने केबिन तक पहुंच सकेंगे, जो लगभग 30 फीट की ऊंचाई से गिर रहे झरने के करीब तक यह यह ग्लास ब्रिज पहुंचेगा। दोनों ओर से बनी सीढ़ियों के सहारे वह वापस उतर सकेंगे। उन्‍होंने बताया कि मोटे कांच से निर्मित होने वाले इस ब्रिज में टफन ग्लास का प्रयोग कर किया जाएगा।

UP First Glass Bridge


क्‍या है इतिहास

बता दें कि कोल भील आदिवासी गावों से घिरे इस जलप्रपात का नाम आदिवासी सबरी के नाम पर सबरी जल प्रपात रखा गया। झरने पर पहुचने के पूर्व में यहां सबरी के नाम पर एक मंदिर का निर्माण भी किया गया था, हालांकि कुछ माह पूर्व इस झरने का नाम बदल कर सबरी जल प्रपात की जगह तुलसी जल प्रपात रख दिया गया है।

UP First Glass Bridge


ये है खासियत

पुल के डिज़ाइन को अत्यधिक मनमोहन बनाया गया है, खाई की ओर तीर की लंबाई 25 मीटर है और दो स्तंभों के बीच धनुष की चौड़ाई 35 मीटर है।

पुल को 500 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर की भार क्षमता को सहन करने के लिए बनाया गया है, जो आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

ग्लास स्काईवॉक ब्रिज को लोकसभा चुनाव के बाद पर्यटकों के लिए खोल दिया जायेगा और यह एक प्रमुख इको-पर्यटन स्थल बनने के लिए तैयार है। स्थानीय अधिकारी आगंतुकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए आसपास के क्षेत्र में एक पार्क, हर्बल गार्डन और रेस्तरां विकसित करने की भी योजना बना रहे हैं।

हरे-भरे हरियाली से घिरा तुलसी झरना का अत्यधिक मनमोहक दृश्य है।

तीन झरने वाली धाराएँ चट्टानों से लगभग 40 फीट नीचे एक विस्तृत जल तल में गिरती हैं, जिससे एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य का निर्माण होता है। स्काईवॉक ब्रिज पर चलते हुए, आगंतुक झरने के मनोरम दृश्यों और नीचे के हरे-भरे परिदृश्य का आनंद ले सकते हैं, जिससे यह एक अविस्मरणीय अनुभव बन जाता है।



\
Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

Next Story