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Famous Hanuman Mandir: सिद्धबली हनुमान मंदिर डिटेल्स, उत्तराखंड के पहाड़ों पर संकट मोचन का अनोखा स्वरूप
Uttarakhand Hanuman ji Famous Mandir: हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर जहां भक्तों द्वारा भंडारा करने के लिए एडवांस बुकिंग चलती है, यहां प्रार्थना पूरी होने पर भंडारा कराने की परंपरा है..
Uttarkhand Famous Temple: सिद्धबली हनुमान मंदिर में दर्शन किए और आत्मा के लिए एक सच्चा आश्रय पाया। शांत वातावरण और दिव्य ऊर्जा ने मानसिक शांति की गहरी अनुभूति प्रदान की। यह वास्तव में एक उल्लेखनीय स्थान है जो आपको तरोताजा और आध्यात्मिक रूप से उत्साहित महसूस कराता है। यदि आप शांति और प्रेरणा की तलाश में हैं तो यहाँ आने की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है!
नाम: श्री सिद्धबली बाबा धाम मंदिर, कोटद्वार(Shri Siddhi Baba Dham Mandir, Kotdwara)
लोकेशन: श्री सिद्धबली मार्ग, कोटद्वार, उत्तराखंड 246149
कैसे पहुंचे यहां?
कोटद्वार दिल्ली से बस कुछ ही घंटों की ड्राइव पर है, जो इसे एक दिन की छुट्टी के लिए आदर्श बनाता है। चाहे आप आध्यात्मिक शांति की तलाश कर रहे हों या प्रकृति में एक त्वरित पलायन, कोटद्वार में यह सब है। सिद्धबली हनुमान मंदिर उत्तराखंड के कोटद्वार में पौड़ी गढ़वाल से लगभग 106 किमी दूर पौड़ी कोटद्वार 534 राजमार्ग के किनारे एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है। इसके पास खोह नदी बहती है। लोगों को यहाँ पहुँचने के लिए सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं।
मंदिर की मान्यता
मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है और इसे हनुमानजी का बहुत पुराना मंदिर माना जाता है। किंवदंतियों के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि एक दिन हनुमानजी स्वयं यहाँ आए और सिद्ध बाबा की प्रार्थना स्वीकार की या स्थानीय शब्दावली में सिद्ध बाबा को दर्शन दिए। यह मंदिर जंगलों और पहाड़ियों के बीच स्थित है, जो पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एक बेहतरीन जगह है। भगवान हनुमान को समर्पित श्री सिद्धबली धाम, भक्ति का स्थान है, जो सुंदर पहाड़ियों और पास में बहने वाली नदी की मधुर ध्वनि से घिरा हुआ है। रुकने, चिंतन करने और अपनी आंतरिक शांति पाने के लिए एक आदर्श स्थान है।
मान्यता पूरी होने पर भक्त करते है भंडारा
इस मंदिर को लेकर लोगों के बीच विश्वास है कि सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामनाएं यहां पूरी होती है। मनोकामना पूरी होते ही भक्त मंदिर में भंडारा का आयोजन कर हनुमान जी को भोग लगाते हैं। श्रद्धालुओं पर बजरंग बली की कृपा इस तरह बरसती है कि यहां भंडारा आयोजन के लिए भक्तों को सालों साल इंतजार करना पड़ता है। इस धाम में आने वाले वर्षों के लिए यानी वर्ष 2025 तक भंडारों की एडवांस बुकिंग चल रही है।