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Uttarakhand Hidden Place: उत्तराखंड का ये खूबसूरत जगह जहां जाकर लौटने का मन नहीं करेगा
Uttarakhand Famous Hidden Places: उत्तराखंड में मसूरी, नैनीताल, ऋषिकेश और भी कई सुंदर जगहों पर आप गए होंगे। लेकिन एक जगह ऐसी है जो अपनी प्रसिद्ध सेब की कहानी के लिए जानी जाती है।
Hidden Unexplored Place of Uttarakhand: गंगोत्री धाम के पास एक छिपा हुआ रत्न, हर्षिल एक शांत हिमालयी गांव है जो बर्फ से ढके पहाड़ों, देवदार के जंगलों और सेब के बागों से घिरा हुआ है। भारत के मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से मशहूर, पारंपरिक घरों और प्राचीन मंदिरों से सजे इस काव्यात्मक हिल-स्टेशन में समय देकर रूकना व्यर्थ नहीं होगा। उत्तराखंड का हर्षिल एडवेंचर चाहने वालों के लिए भी कई अवसर प्रदान करता है। जैसे आप यहां पर ट्रैकिंग और हाइकिंग का कुत्फ उठी सकते है।यहाँ का परिदृश्य भागीरथी नदी द्वारा पोषित है। जो बहुत ही सुरम्य लगती है।
कब जाए घूमने? (Best Time To Visit Harsil)
उत्तराखंड के हर्षिल की यात्रा करने के लिए वर्ष भर में सिर्फ कुछ महीने ही उचित है। आप अप्रैल से जून और सितंबर, अक्टूबर में ही अच्छे से घूम सकते है। यह समय उचित है। क्योंकि सर्दियों में यहां पर भारी मात्रा में बर्फबारी होती है।
कैसे पहुंचे यहां?(How To Reach Harsil)
हर्षिल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में देहरादून से लगभग 270 किलोमीटर दूर स्थित है। निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है, जहां आप हर्षिल पहुंचने के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं, आप बस भी ले सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, आप दिल्ली या हरिद्वार जैसे प्रमुख शहरों से सड़क यात्रा कर सकते हैं।
40 वर्ष पहले शूट हुई थी सुपरहिट फिल्म
हर्षिल का एक बड़ा रहस्य है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह वह जगह है, जहाँ महान फिल्म निर्माता राज कपूर ने अपनी उस समय की सुपर-हिट फिल्म राम तेरी गंगा मैली के कुछ हिस्सों की शूटिंग की थी। गांव का डाकघर, जो फिल्म में दिखाया गया था, आज भी वैसा ही है, जैसा करीब 40 साल पहले था। इस छोटी सी बस्ती में घूमें और गांव वालों को फिल्म को याद करते हुए गर्व से सुन सकते है। जो की आपको एक अलग ही अनुभव देगा।
हर्षिल की प्रसिद्ध कहानी(Harsil Famous Story)
उत्तराखंड का हर्षिल जगह अपने सेब उत्पादन के लिए जाना जाता है। जो स्थानीय किंवदंती के अनुसार, एक ब्रिटिश निवासी फ्रेड्रिक ई विल्सन द्वारा इस क्षेत्र में लाया गया था। ऐसा कहा जाता है कि विल्सन को हर्षिल और एक स्थानीय लड़की से प्यार हो गया था, उसने इस गांव को अपना घर बना लिया। उन्होंने हर्षिल में सेब की खेती शुरू की और इसकी अर्थव्यवस्था बदल दी। आज, हर्षिल के सेब पूरे देश में लोकप्रिय हैं और हर साल होने वाला हर्षिल सेब महोत्सव एक बड़ा आकर्षण है।
हर्षिल में घूमने के लिए कुछ खास जगह(Famous Spot To Visit In Harshil)
यदि आप हर्षिल में हैं तो आपको निम्नलिखित स्थानों पर अवश्य जाना चाहिए, जहां आपको प्रकृति के सुंदर दृश्य देखने को मिलेंगी।
मुखबा गांव: इस गांव को सर्दियों के दौरान देवी गंगोत्री का निवास स्थान माना जाता है, क्योंकि सर्दियों के दौरान गंगोत्री क्षेत्र में भारी बर्फबारी होती है। यह हर्षिल से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शीतकाल के दौरान जब गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद रहते हैं तो बड़ी संख्या में श्रद्धालु मुखवास गांव में पूजा-अर्चना करते हैं।
बागोरी गाँव: बागोरी, एक संकरा गाँव है जिसमें लगभग 150 घर लकड़ी से बने हैं। जैसे-जैसे दिन बीतते जा रहे हैं, वे भी आधुनिक कंक्रीट संरचनाओं के प्रयोग को मजबूर होते जा रहे हैं।
धराली गांव: अपने खूबसूरत सेब के बगीचों के लिए व्यापक रूप से जाना जाने वाला और गंगा नदी के तट पर स्थित, धराली एक उत्कृष्ट गांव है। जो शहर से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। धराली गांव को बांधने वाले कई देवदार के पेड़ हैं। शिव मंदिर गाँव के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है।
लामा टॉप ट्रेक: यह हर्षिल के मुख्य शहर से 2 किमी का ट्रेक है जो आपको घाटी और बर्फ से ढकी चोटियों का पूरा दृश्य दिखाता है।
ध्यान दें: यदि आप यात्रा कर रहे हैं, तो कृपया गंदगी न फैलाएं और अपना कचरा अपने पास रखें और निरंतर यात्रा करें।