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Uttarakhand Famous Temple: उत्तराखंड के इस मंदिर में वर्जित है कुछ भी चढ़ाना

Uttarakhand Famous Mandir: यहां पर आपको उत्तराखंड के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है, जो अपने आप में भारत में इकलौता मंदिर है। यहां पर महादेव को किसी भी तरह का कोई प्रसाद नहीं चढ़ाया जाता है।

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 18 April 2024 2:45 PM IST (Updated on: 18 April 2024 2:46 PM IST)
Uttrakhand Famous Shiv Mandir
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Uttarakhand Famous Shiv Mandir (Pic Credit-Social Media)

Uttarakhand Shiv Mandir: उत्तराखंड प्राचीन मंदिरों का देश है और उत्तराखंड के शिव मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। इन मंदिरों में भगवान शिव की विभिन्न दिव्य रूपों में पूजा की जाती है। उत्तराखंड के शिव मंदिर इतने प्रसिद्ध हैं कि उनके बारे में पौराणिक कथाएँ हिंदू पुराणों और वेदों में पाई जा सकती हैं। आज हम यहां पर आपको उत्तराखंड के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है, जो अपने आप में भारत में इकलौता मंदिर है। यहां पर महादेव को किसी भी तरह का कोई प्रसाद नहीं चढ़ाया जाता है। साथ ही यह एक निजी मंदिर है। श्री प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर हिंदू भगवान शिव का एक मंदिर है जो उत्तराखंड में देहरादून-मसूरी रोड पर स्थित है।

मंदिर का नाम समय व लोकेशन

नाम: श्री प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर

लोकेशन: मसूरी रोड, सालन गांव, भगवंत पुर, खाला गांव, उत्तराखंड

मसूरी रोड पर शिव मंदिर के रूप में लोकप्रिय है। यह देहरादून-मसूरी रोड पर कुठाल गेट के पास, देहरादून शहर से लगभग 10 किमी दूर स्थित है। इसलिए आप मसूरी जाते समय या मसूरी से लौटते समय इस जगह पर जा सकते हैं।



समय: यह मंदिर सुबह 09:00 बजे खुलता है और शाम को 09:00 बजे बंद हो जाता है। मंदिर प्रतिदिन खुलता है इसलिए जब आप मसूरी जाने की योजना बनाएं तो आप इस मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

उत्तराखंड में इस तरह का इकलौता मंदिर

इस शिव मंदिर में भगवान शिव का स्फटिक शिवलिंग है। देहरादून में कई शिव मंदिर हैं लेकिन यह विशेष है क्योंकि यह एक निजी शिव मंदिर है जिसका स्वामित्व किसी अज्ञात मालिक के पास है। इस शिव मंदिर के निजी स्वामित्व के कारण, यह देहरादून में घूमने के लिए धार्मिक पर्यटन स्थलों में से एक है। पहाड़ियों पर बने इस मंदिर की बनावट और वास्तुकला इसे मसूरी रोड पर इतना खूबसूरत बनाती है। यह मंदिर हिंदू त्योहार शिवरात्रि और सावन के महीनों में भक्तों से भरा रहता है।



प्रकाशेश्वर नाम वाला भगवान शिव मंदिर

यह मंदिर इसलिए भी अनोखा है क्योंकि इस नाम का भगवान शिव का मंदिर आपको देहरादून के अलावा कहीं और नहीं मिलेगा। 'प्रकाशेश्वर' शब्द हिंदी के दो शब्दों 'प्रकाश' और 'ईश्वर' से मिलकर बना है। प्रकाश का अर्थ है 'प्रकाश' और 'ईश्वर' का अर्थ है ईश्वर। भगवान शिव के हजारों नाम हैं जिनका उल्लेख शिव सहस्त्रनामावली में मिलता है। शिव सहस्त्रनामावली में भगवान शिव का एक नाम है, 'प्रकाशाय' जिसका अर्थ है 'भगवान शिव ज्ञान का प्रकाश हैं'।



नहीं चढ़ा सकते चढ़ावा व दान

देहरादून से मसूरी के रास्ते में प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर आता है। यह मंदिर पहाड़ पर होने के कारण वहां से देहरादून का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है। इस मंदिर की एक विशेषता यह है कि इस मंदिर में किसी भी भक्त को पैसे चढ़ाने की अनुमति नहीं है, ऐसा इसलिए है क्योंकि मंदिर संगठन के अनुसार, हम भगवान शिव को जो देते हैं, वह हमें शिव से मिलता है। इसलिए मंदिर में कई जगह नोट बोर्ड पर (कृपया मंदिर को किसी भी प्रकार का दान न दें) लिखा हुआ है। मंदिर की इसी विशेषता के कारण यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है क्योंकि यह भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां कोई दान नहीं लिया जाता है।



मंदिर का वास्तुकला

इस मंदिर की इमारत बेहद खूबसूरत है। यह मंदिर लाल पुष्प रंग का है। यह मंदिर भक्तों को मानसिक शांति का अनुभव कराने के लिए आध्यात्मिक अनुभवों से समृद्ध है। शिवरात्रि उत्सव के दौरान इस मंदिर को फूलों से सजाया जाता है।



Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

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