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Uttarakhand Panchachuli Peaks: बहुत खूबसूरत है उत्तराखंड का पंचाचूली पर्वत, पांडवों से है गहरा कनेक्शन

Uttarakhand Famous Panchachuli Peaks: भारत में एक बढ़कर एक प्राकृतिक स्थल मौजूद है जहां की खूबसूरती लोगों का दिल जीत लेती है। चलिए आज आपको उत्तराखंड में मौजूद एक शानदार जगह के बारे में बताते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 21 March 2024 5:32 PM IST
Panchachuli Peaks
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Panchachuli Peaks (Photos - Social Media)

Uttarakhand Famous Panchachuli Peaks: बहुत ही जल्द गर्मी की छुट्टियां आने वाली है ऐसे में जो लोग अपनी फैमिली के साथ घूमने जाने का प्लान बनाते हैं वह अभी से ही ट्रेन में टिकट्स बुक करवा लेते हैं क्योंकि बाद में उन्हें सीट मिलने में परेशानी आती है। ऐसे में अगर आप पहाड़ी क्षेत्र में घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं लेकिन आपको इसके साथ ही धार्मिक स्थलों का भी आनंद लेना है। तो आप उत्तराखंड जा सकते हैं। जो कि देश का एक ऐसा राज्य है जहां पूरे विश्व भर से पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं। इस राज्य को देवों की भूमि के नाम से भी जाना जाता है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको उत्तराखंड के हिमालय की गोद में स्थित पंचाचूली पर्वत के बारे में बताएंगे।

कहां है पंचाचूली पर्वत

उत्तराखंड के पूर्वी कुमाऊं क्षेत्र में धर्म घाटी में दुग्घू गांव के पास पंचाचूली पर्वत स्थित है। जो 5 वर्ष से ढकी हुई हिमालय की चोटियों का एक समूह है इसलिए इसे पंचाचुली पर्वत के नाम से भी जाना जाता है। ये समुद्र तल से 6000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित है। इसे स्वर्ग माना जाता है ऐसी मान्यता है कि यहीं से पांचो पांडव स्वर्ग की ओर प्रस्थान किया था। यह स्थान भारत और तिब्बत सीमा पर स्थित है। जिसे पंचाचूली पर्वत एक दो तीन चार और पांच के नाम से भी जाना जाता है।

Panchachuli Peaks


क्या है पंचाचूली पर्वत की खासियत

इस पर्वत की खासियत है कि यह पांच पर्वतों का एक समूह है। इसे देखकर ऐसा लगता है कि मानो यहां से कुछ ही दूरी पर स्वर्ग स्थित है, जो बर्फ की छड़ों से ढका रहता है। यहां पर जब सूर्य के किरण पड़ती है तो हर तरफ अद्भुत नजारा होता है जो पर्यटकों का मन मोह लेता है। यहां आने के बाद पर्यटकों के जाने का मन नहीं करता क्योंकि यह बहुत ही शांत वातावरण है।

Panchachuli Peaks


पौराणिक कथा

इस पर्वत को लेकर पौराणिक कथा है कि यह पांच बिंदुओं पर पांचो पांडव ने पांच चूल्हे जलाए थे। इसकी कहानी महाभारत से जुड़ी हुई है कई लोग इन पर्वतों को युधिष्ठिर, अर्जुन, भीम, नकुल और सहदेव भी कहते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस पर्वत पर पहली बार 1973 में चढ़ाई की गई थी। इसके बाद 1995 में न्यूजीलैंड के पर्वतारोही ने यहां पहुंचने में सफलता हासिल की थी।



Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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