TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Hanuman Mandir: उत्तराखंड का एक ऐसा मंदिर जहां भंडारा कराने से मिलता है पुण्य, होती है मन्नत पूरी

Sidhbali Bali Hanuman Mandir: हनुमान जी के इस मंदिर में मन्नत मांगने के साथ भंडारा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। चलिए जानते है मंदिर के बारे में..

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 21 April 2024 3:30 PM IST (Updated on: 21 April 2024 3:31 PM IST)
Uttarakhand Famous Hanuman Mandir
X

Uttarakhand Famous Hanuman Mandir (Pic Credit-Social Media)

Uttrakhand Famous Hanuman Mandir: देवभूमि उत्तराखंड में श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहां पर कई शिव मंदिर की कथाएं आपने सुनी होंगी, आज हम आपको उत्तराखंड के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है, जहां दूसरे देशों से भी लोग भंडारा कराने आते है। यहां मन्नत मांगने के बाद भंडारा अर्थात भक्तों और गरीब परिवारों का पेट भरने से सभी मनोकमाएं पूरी होती है। यह मंदिर रामभक्त हनुमान को समर्पित है।

गोरखनाथ को हनुमान जी ने यहां दिया था दर्शन

सिद्धबली मंदिर कोटद्वार में खोह नदी के तट पर स्थित है। यह भगवान हनुमान को समर्पित एक ऐतिहासिक मंदिर है। सिद्धबली नाम में, सिद्ध का अर्थ तपस्वी और बलि का अर्थ वीरता से है। सिद्धबली मंदिर कई महान संतों (सिद्धों) की आस्था और भक्ति का स्थान माना जाता है। सिद्धबली मंदिर नाथ समुदाय के लिए भी एक पवित्र तीर्थ है क्योंकि नाथ गुरु गोरखनाथ ने यहां कई वर्षों तक ध्यान किया था। कोटद्वार सिद्धबली धाम 84 पीठों में से एक है। ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी ने गुरु गोरखनाथ को यहीं दर्शन दिये थे। यह मंदिर गढ़वाली खोह नदी के किनारे छोटी पहाड़ी पर स्थित है। सिद्धबली मंदिर कोटद्वार में घूमने के लिए सबसे प्रसिद्ध जगह है।

लोकेशन: श्री सिद्धबली मार्ग, कोटद्वार, उत्तराखंड

समय: सुबह 4:30 बजे से दोपहर 2 बजे तक, दोपहर 3 बजे से रात के 8 बजे तक



कैसे पहुंचें मन्नत मांगने

सिद्धबली मंदिर एक हिंदू मंदिर है, लेकिन यह अन्य धर्मों के लोगों के बीच भी लोकप्रिय है। एक तीर्थ पुल इसे मुख्य पौडी-कोटद्वार सड़क से जोड़ता है। आप एक छोटी सी नदी और पहाड़ के ऊपर घुमावदार रास्ता देख सकते है, बस यही पर मंदिर है। यह हिल स्टेशन कुल मिलाकर एक पवित्र, शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक स्थान है। सिद्धबली मंदिर गढ़वाल से निकटतम रेलवे स्टेशन कोट्टाद्वार रेलवे स्टेशन है जो इस मंदिर से लगभग 2 किमी की दूरी पर है। यहां से आप स्थानीय परिवहन सेवाओं या टैक्सी का उपयोग करके इस मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।



सिद्धबली हनुमान मंदिर पर भंडारा

उत्‍तराखंड ही नहीं दूसरे राज्‍यों से भी श्रद्धालु यहां मन्नत मांगते हैं। सिद्धबली मंदिर में दर्शन के लिए हर दिन श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगती है। भारतीय डाक विभाग की ओर से वर्ष 2008 में मंदिर के नाम से डाक टिकट भी जारी किया गया था। सिद्धबली मंदिर में भंडारे (मुफ्त भोजन) की परंपरा है, जिसमें लोग अपनी इच्छा पूरी होने पर सभी भक्तों और गरीबों को भोजन कराते हैं। यदि आप सिद्धबली मंदिर में भंडारा करना चाहते हैं, तो आपको कम से कम 1-2 महीने पहले बुकिंग करनी होगी क्योंकि ऐसे कई लोग हैं जो सिद्धबली मंदिर में भंडारा कराना चाहते हैं।



मंदिर से जुड़ी खास बातें

मंदिर के पीछे का प्राकृतिक परिवेश और पहाड़ी जंगल सिद्धबली या पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाते हैं। मंदिर आसपास के सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है। मंदिर शीर्ष पर स्थित है इसलिए नीचे से आने वाले पर्यटकों को मंदिर के दर्शन के लिए 150 से अधिक सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। हिंदू तीर्थस्थलों में मंदिर के दर्शन के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन सिद्ध बाबा की जयंती है। सिद्धबली मंदिर में भेली और गुड़ चढ़ाया जाता है, सावन के दौरान सिद्धबली जी को प्रसाद के रूप में भेली की जगह बताशा परोसा जाता है।

ऐसे हुआ था सिद्धबाली मंदिर का निर्माण

कई वर्षों में, स्थान की आध्यात्मिकता ने कई साधुओं और संतों को तप करने के लिए आकर्षित किया है। इस पहाड़ी की चोटी पर जहां सिद्धबली मंदिर स्थित है, ऐसे ही एक संत ने श्री हनुमान की तपस्या की और आत्म-साक्षात्कार प्राप्त किया। समय के साथ, भक्तों द्वारा दो प्राकृतिक पिंडियों की खोज की गई, एक भगवान हनुमान को समर्पित है और दूसरी गुरु श्री गोरखनाथ को समर्पित है। परिणामस्वरूप यह क्षेत्र सिद्ध+बली = सिद्धबली के नाम से जाना जाने लगा।



\
Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

Next Story