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Tourist Places Varanasi: यूपी पर्यटन का 'गंगा घाट' की संस्कृति पर पोस्टर, छतरी है काशी की पहचान
काशी नगरी वाराणसी में गंगा नदी के किनारे घाट पर लगे छतरी ही काशी की पहचान रही है। यहां पर आने वाले भक्तगण पुजारी और पंडों के तख्ते पर छतरी की छांव में बैठकर गंगा की छवि को निहारते हैं
Tourist Places Varanasi: जहां एक तरफ देश-प्रदेश में कोरोना संक्रमण का दूसरा दौर ख़त्म होने को है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में बंद पड़े पर्यटन उद्योग में जान फूंकने के लिए यूपी पर्यटन की ओर से नित नए पोस्टर जारी किये जा रहे हैं। जिससे कि पर्यटकों को स्थान विशेष के बारे में जानकारी मिलती रहे।
बता दें कि कोरोना काल के बाद अब पर्यटन के जरिए यूपी आने के लिए लोगों को लुभाने के लिए यूपी पर्यटन की ओर से बुधवार को वाराणसी में गंगा घाट पर पोस्टर जारी कर गंगा में घाट संस्कृति का बखान किया गया है।
गंगा घाट की छतरी ही काशी की पहचान
काशी नगरी वाराणसी में गंगा नदी के किनारे घाट पर लगे छतरी ही काशी की पहचान रही है। यहां पर आने वाले भक्तगण पुजारी और पंडों के तख्ते पर छतरी की छांव में बैठकर गंगा की छवि को निहारते हैं तो घाट पर स्नान करके आने के बाद छतरी के तले चंदन लगवाने भी पर्यटक आते हैं। वहीं दूसरी ओर दोपहर में जब पर्यटकों की कमी हो जाती है तो छतरी के नीचे बैठकर लोग गपबाजी करने और फुर्सत के लम्हों हो यहां गुजारते हैं। चिंतन मनन से लेकर घाट की संस्कृति का यह छतरी पहचान रहे हैं।
यूपी पर्यटन की ओर से लिखा गया है कि
यूपी पर्यटन की ओर से जारी पोस्टर के साथ लिखा है कि - 'चाहे कोई पर्यटक हो या फिर कोई तीर्थयात्री, बनारस के गंगा घाट पर बिताया समय उन्हें हमेशा याद रहता है। बनारसी अक्सर फुरसत के पलों में यहां बैठकर चिंतन मनन करते हैं, अपने यारों दोस्तों, सगे संबंधियों के साथ बैठकर ढेर सारे गप्पे लड़ाते हैं।'
लोगों ने शेयर कर बनारस की संस्कृति पर अपने विचार व्यक्त किए
पोस्ट के साथ ही Varanasi और 'UP Nahi DekhaToh India Nahi Dekha' को हैशटैग किया गया है। बनारस की गंगा घाट आधारित संस्कृति पर जारी पोस्टर को काफी लोगों ने शेयर कर बनारस की संस्कृति पर अपने विचार व्यक्त किए हैं।