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Varanasi Bhimashankar Mahadev: काशी में करें महादेव के भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के दर्शन
Famous Mahadev Temple: महादेव के अलग अलग स्वरूपों के बारे में आपने सुना होगा जिसकी पूजा काशी में की जाती है। यहां हम आपको काशी विश्वनाथ के अलावा दूसरे ज्योतिर्लिंग के रूप में महादेव के मंदिर के बारे में बताने जा रहे है...
Varanasi Famous Mahadev Mandir: बनारस जहां कण कण में महादेव का वास होता हैं। यहां पर महादेव कई स्वरूप में विद्यमान है। जिसमे त्रिलोचन महादेव, मृत्युंजय महादेव, जागेश्वर महादेव, पशुपति नाथ, केदारेश्वर महादेव , पितामहेश्वर जैसे कई रूप देखने को मिलते है। लेकिन काशी में एक ऐसा मंदिर भी है, जो जमीन से कई फीट नीचे बसा हुआ है। इस मंदिर में दर्शन करने से अकाल मृत्यु से लोग मुक्त हो जाते है।
जमीन से 8 फीट नीचे पाताल लोक में स्थित है, बनारस का भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर। चलिए आपको इसके बार में बताते हैं,
नाम – काशी करवट मंदिर
पता: दशाश्वमेध घाट के नजदीक काशी विश्वनाथ धाम से 100 मीटर दूर
क्या खास है यहां?
यह एक प्राचीन लिंग मंदिर है जिसका उपयोग आत्म-हत्या करके मुक्ति पाने के लिए किया जाता था। सद्गुरु कहते हैं कि यह लिंग केवल उन लोगों के लिए है जो सीधे मुक्ति चाहते हैं। शिवलिंग तक सीधे पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है। आप ऊपर से ही दर्शन कर सकते हैं। आप यहां बिना किसी प्रयास के ध्यान की अवस्था में जा सकते हैं।
कैसे पहुंचे मंदिर तक
लेकिन आप भीमाशंकर ज्योतिंर्लिग के दर्शन बनारस में भी कर सकते है, महादेव का यह मंदिर प्रमुश काशी विश्वनाथ धाम से मात्र 100 मीटर की दूरी पर है। लोग मनोकामनओं की पूर्ति के लिए यहां दर्शन करने आते है।
असल ज्योतिर्लिंग की प्रतिकृति
वाराणसी में स्थित भीमेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे क्षेत्र में सह्याद्रि पहाड़ियों पर स्थित भीमशंकर ज्योतिर्लिंग की प्रतिकृति है। काशी खंड के अनुसार भीमेश्वर ज्योतिर्लिंग वाराणसी के काशी करवट मंदिर में स्थापित है।
मंदिर के लेकर पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार जब राक्षस भीम को यह पता चलता है कि उसके पिता और दादा को भगवान विष्णु के अवतार ने मारा था, तो वह आग बबूला हो जाता है, और भगवान विष्णु से बदला लेने के लिए कई हजार साल तपस्या करता है, और ब्रह्मा जी से वरदान लेने में सफल हो जाता है। सभी भगवान समेत विष्णु जी पर भी विजय प्राप्त कर लेता है, फिर धरती पर याकर उत्पात मचाना शुरु कर देता है। जिससे महाराजा सुदक्षण को बंदी बना लेता है.. महाराजा भगवान शिव की पूजा कर उन्हें मनाते है, लेकिन इस बीच भीम आकर राजा पर हमला कर देता है, सथ ही शिवलिंग पर तलवार से हमला करता हैं, जिससे प्रकट होते है, महादेव जिनके हुंकार मात्र से भीम का अंत हो हो जाता है। राजा भगवान शिव से वहीं बसने की आग्रह करते है, जिसके बाद भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का स्थापना होता है।
ऐसा माना जाता है कि जो श्रद्धालु भीमाशंकर महादेव के दर्शन और पूजा करते हैं, उनकी सभी समस्याएं आसानी से हल हो जाती हैं।