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Moti Jheel Mahal History: क्या आपको भी देखना है मिर्जापुर की त्रिपाठी कोठी, शानदार है इसका इतिहास

Moti Jheel Mahal History: मिर्जापुर 3 जब से रिलीज हुई है तब से इसमें दिखाई गई कोठी लोगों के बीच काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। चलिए आज हम आपको इस महल की जानकारी देते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 16 July 2024 5:33 PM IST
Moti Jheel Mahal History
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Moti Jheel Mahal History (Photos - Social Media) 

Moti Jheel Mahal History: Mirzapur 3 में दिखाई गई कोठी इन दिनों सुर्खियां बटोरी रही है। त्रिपाठियों की बाहर से रंग-बिरंगी दिखने वाली ये कोठी इस वक्त करोड़ों में हैं। तो चलिए आपको इस कोठी का इतिहास बताते हैं। महल जैसी नजर आने वाली इस कोठी को अगर आप देखना चाहते हैं तो यहां पर जा सकते हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आप यहां पर किस तरह से पहुंच सकते हैं यह कहां है और यहां आपको क्या देखने को मिलेगा।

कहां है त्रिपाठी कोठी (Tripathi Kothi Of Mirzapur )

इस सीरीज में जो कोठी नजर आ रही है वह बनावटी नहीं है बल्कि यह बनारस के महमूरगंज में मौजूद है। आपको बता दें कि इसकी शूटिंग किसी कोठी में नहीं बल्कि एक महल में की गई है जिसे मोती झील महल के नाम से पहचाना जाता है। कुछ लोग इस जगह को अजमतगढ़ पैलेस के नाम से भी पहचानते हैं।


क्यों मिला मोती झील महल नाम (Why the Koti Name is Moti Jheel Mahal)

इसे मोती के नाम से इसलिए पहचाना जाता है क्योंकि 1904 में बनारस के जमींदार मोतीचंद ने इसका निर्माण करवाया था। अब इसका ख्याल उनके पोते अशोक कुमार गुप्ता रखते हैं। वह अपने परिवार के साथ यहां रहते हैं लेकिन शूटिंग के लिए उन्होंने अपना घर किराए पर दे दिया था। इसके नाम के आगे झील इसलिए लगा क्योंकि उसे समय मोती चंद ने 1913 के आसपास महल के पीछे झील बनवाने की परमिशन ली थी।

Moti Jheel Mahal History

ऐसा दिखता है मोती झील महल (Look of Moti Jheel Mahal)

इस महल की सुंदरता की बात करें तो इसका आर्किटेक्ट बहुत ही अलग है इसलिए जो भी यहां से गुजरता है उसकी नज़रें सखी रह जाती है। यहां पर केवल मिर्जापुर ही नहीं बल्कि शुभ मंगल सावधान जैसी फिल्मों की शूटिंग भी की गई है।

कैसे पहुंचे मोती महल (How to Reach Moti Jheel Mahal)

अगर आप इस महल का दीदार करना चाहते हैं तो आपको बनारस के महमूरगंज पहुंचना होगा जिसके लिए आप फ्लाइट, बस और रेल का सहारा ले सकते हैं। तीनों ही जगह से कोठी तक पहुंचने में 20 से 30 मिनट का समय लगेगा। वाराणसी से महमूरगंज की दूरी 10 मिनट की है। अगर आप ट्रेन से आ रहे हैं तो रेलवे स्टेशन से महमूरगंज की दूरी 4 किलोमीटर है यहां से ऑटो लेकर महल पहुंचा जा सकता है। यह बनारस की सबसे खूबसूरत जगह में से एक है।



Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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