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Varanasi Hidden Temple: महादेव का यह छिपा मंदिर विश्वनाथ धाम से है पुराना, दर्शन करने का कुछ अलग है तरीका

Varanasi Unusual Temple Details: वाराणसी में महादेव के कई स्वरूप शिवलिंग के रूप में विराजमान है। उनमें से एक छिपे हुए मंदिर के बारे में हम आपको यहां बताने जा रहे है...

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 8 Jun 2024 11:07 AM IST
Varanasi Famous Temple, Param Pita Maheshwar Temple
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Varanasi Famous Shiv Mandir (Pic Credit-Social Media)

Varanasi Param Pita Maheshwar Temple Details: काशी नगरी में आपको महादेव के मुख्य ज्योतिर्लिंग के अतिरिक्त कई मंदिर देखने को मिल सकते है। इन मंदिरों की मान्यता भी स्थानीय लोगों के बीच बहुत है। बनारस के संकरी गलियों से गुजरते वक्त आपको छोटे - छोटे मंदिर घरों के बीच में मिल सकते है। जगह की कमी होने के कारण सभी मंदिरो को भव्य रूप नहीं दिया जा सकता है। यहां कर हम आपको महादेव के परम पिता महादेव मंदिर के बारे में बताने जा रहे है। जो भव्य न होकर बनारस की गलियों में छिपा हुआ रत्न है।

वाराणसी का अनोखा शिव मंदिर

वाराणसी के छिपे और सबसे अनोखे मंदिरों में से एक शीतला गली में स्थित पिता महेश्वर मंदिर है। जैसा कि मंदिर के नाम से पता चलता है, यह मंदिर भगवान शिव के पिता परम पिता महेश्वर महादेव को समर्पित है। सुनने में आश्चर्यजनक लगता है, लेकिन इस मंदिर का विस्तृत वर्णन स्कंद पुराण के काशी खंड में विस्तार से किया गया है। जो वाराणसी के सबसे दुर्लभ और छिपे हुए शिव लिंगों में से एक है। यह मंदिर प्राचीन होने के साथ बहुत महत्वपूर्ण भी है।



अलग तरीके से होता है मंदिर में दर्शन

इस मंदिर को छिपा हुआ रत्न इसलिए कहते है क्योंकि मंदिर में दर्शन करने का तरीका बहुत ही अलग है। इस मंदिर में शिवलिंग के दर्शन मंदिर के गर्भगृह के छत पर बने एक छेद के माध्यम से किया जाता है। श्रद्धालु जलाभिषेक , बिल्व अर्चन और अन्य प्रसाद इसी छेद से चढ़ाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मंदिर तक जाने वाला रास्ता खतरनाक है इसलिए, भक्तों को साल में केवल एक बार ही मंदिर में जाने की अनुमति दी जाती है।



कैसे पहुंचे इस मंदिर में?

पिता महेश्वर वाराणसी की शीतला गली में स्थित है। चौक या सिंधिया घाट से पैदल चलकर यहां पहुंच सकते है। अगर आप घाट से आते है तो स्थानीय लोगों से सिद्धेश्वरी देवी मंदिर के बारे में पूछकर आ सकते है, सिद्धेश्वरी गली में आगे बढ़ें और फिर अपने बाएं तरफ एक संकरी गली है, जिसके प्रवेश द्वार पर एक घंटी है। गली में प्रवेश कर आगे बढ़े उसी रास्ते पर आगे चलकर आप इस मंदिर तक पहुंच सकते है।



स्कंद पुराण में है मंदिर की प्रमुखता का प्रमाण

पिता महेश्वर शिवलिंग वाराणसी के सबसे गुप्त और छिपे हुए मंदिरों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि यहां पर विराजमान शिवलिंग स्वयंभू है। जो स्वयं प्रकट हुई है। इस शिवलिंग का उल्लेख स्कंद पुराण में भी किया गया है। स्कंद पुराण के काशी खंड के अनुसार भगवान शिव के पुत्र भगवान कार्तिकेय ने इस शिवलिंग को काशी के सबसे प्रमुख शिवलिंगों में से एक बताया है। इसका महत्व इतना है कि शास्त्रों के अनुसार यदि कोई पिता महेश्वर शिवलिंग की पूजा करता है तो उसकी अगली 20 पीढ़ियों को मुक्ति मिल जाती है।



इसलिए किया जाता है छेद से दर्शन

पिता महेश्वर शिवलिंग 30 फीट नीचे जमीन में स्थित है और यह बहुत शक्तिशाली माना जाता है, साथ ही मंदिर तक पहुंचना भी मुश्किल है। यही कारण है कि इसके दर्शन केवल जमीन में बने छेद से झांककर ही करने की सलाह दी जाती है। मंदिर केवल कुछ चुनिंदा दिनों जैसे शिवरात्रि, रंग भरी एकादशी और सावन के सोमवार को ही खुलता है, लेकिन पूरे वर्ष भर मंदिर के छेद से शिवलिंग के दर्शन किए जा सकते हैं।



आक्रमणकारियों से बचाकर ऐसा बनाया गया

यह मंदिर इतनी खूबसूरती से गलियों के बीच बने घर में छिपा हुआ है कि यदि आपने इसे पहले कभी नहीं देखा या इसके बारे में नहीं सुना है, तब आप इसके ऊपर खड़े होकर पूरे समय मंदिर को खोजते रह जाएंगे। सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन वाराणसी की गलियों में ऐसे छिपे हुए मंदिर बहुत ही आम हैं। अक्सर इन बस्तियों और मंदिरों के आसपास के घरों को अवैध अतिक्रमण बताया जाता है जबकि सच्चाई यह है कि काशी के प्राचीन मंदिरों को औरंगजेब की आक्रमणकारी सेना से छिपाने और बचाने के लिए घर नुमा बना दिया गया था। पिता महेश्वर ऐसे ही अनेक मंदिरों में से एक है, जिन्हें हमारे पूर्वजों ने बचाया था।




Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

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