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Varanasi Unique Temple: बनारस के ये है कुछ यूनिक मन्दिर जाने से पहले जान में, घूमने में होगी आसानी

Varanasi Unique Temple: बनारस के प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मंदिरों के बारे में तो आप जानते ही होंगे, कई जगह पर इसके बारे में सुना और पढ़ा होगा।

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 26 Feb 2024 11:23 AM IST
Varanasi Unique Temple
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Varanasi Unique Temple (Pic Credit - Social Media)

Varanasi Unique Temple: बनारस अपने सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत से विश्व विख्यात शहर हैं पुराणों में इसे सबसे प्राचीन नगरी भी माना जाता है। यह शहर महादेव के त्रिशूल पर बसी हुई है। इस शहर पर महादेव की कृपा दृष्टि सदैव बनी रहती है। इसलिए यहां हर कोई अभिवादन में हर हर महादेव कहता है। बनारस के प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मंदिरों के बारे में तो आप जानते ही होंगे, कई जगह पर इसके बारे में सुना और पढ़ा होगा। लेकिन आज हम आपको बनारस के ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे है जो अपने उत्कृष्ट बनावट से जाने जाते है। बनारस का नेपाली मंदिर जिसका इतिहास बहुत पुराना है। वही सबसे बड़ा शिवलिंग रूप में भी मंदिर आपको कही और नही बनारस में ही देखने को मिलेगी।

बनखंडी महादेव मंदिर(Bankhandi Mahadev Mandir)

महादेव मंदिर (बनकांडी महादेव) शुभंबनारसी का सबसे बड़ा शिव लिंग, वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थित एक हिंदू मंदिर है। इस जगह का पता 72R3+673, आनंदबाग, भेलूपुर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश है। यह मंडुआडीह रेलवे स्टेशन से लगभग 2.03 किलोमीटर दूर है।


बहुत ही खास है यह मंदिर

देवालय के बारे में बात करें तो, यह दुनिया का सबसे अनोखा और अद्भुत मंदिर है। वाराणसी शहर के रवींद्रपुरी इलाके में बनखंडी महादेव मंदिर का एक प्राचीन मंदिर है। खास बात यह है कि इस मंदिर का आकार शिवलिंग के बड़े रूप जैसा है। इतना ही नहीं जो भी इस मंदिर को देखता है वह इसकी सुंदरता को निहारता ही रह जाता है। शिवलिंग के आकार के इस मंदिर की ऊंचाई 60 फीट और व्यास 30 फीट है। वाराणसी का यह मंदिर अन्य मंदिरों की शैली से बिल्कुल अलग है, यह मंदिर 200 साल से भी ज्यादा पुराना है।

200 साल पुराना है मंदिर

मंदिर के प्रबंधक अनूप लालवानी ने बताया कि इसकी स्थापना 1818 में स्वामी बनखंडी महाराज ने की थी। उसके बाद 1993 में इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया और इसे शिवलिंग के आकार में बनाया गया। बनखंडी महाराज के नाम पर ही इस मंदिर का नाम बनखंडी महादेव रखा गया। जब आप इस अनोखे शिवलिंग को आसमान से देखेंगे तो इसकी सीढ़ियां अरघे के आकार में नजर आएंगी।

पूरी होती है हर मनोकामना

मान्यता है कि जो भी भक्त पूरी श्रद्धा से यहां भगवान शंकर को जल चढ़ाता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस मंदिर में भगवान शंकर, भगवान गणेश, संकटमोचन हनुमान के अलावा आदिशक्ति की मूर्ति भी स्थापित है। यहां हर सोमवार को भक्तों की भीड़ रहती है और सावन के महीने में हर दिन बड़ी संख्या में भक्त यहां दर्शन करने आते हैं। मंदिर दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक बंद रहता है और रात 8 बजे तक खुला रहता है

नेपाली मंदिर (Nepali Mandir Varanasi)

श्री सम्राजेश्वर पशुपतिनाथ महादेव मंदिर, जिसे नेपाली मंदिर, कंठवाला मंदिर और मिनी खजुराहो के नाम से भी जाना जाता है। वाराणसी के सबसे पुराने और सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह हिंदू मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और हिंदू धर्म में अत्यधिक धार्मिक महत्व रखता है।


नेपाल के राजा ने बनवाया था मंदिर

यह मंदिर 19वीं शताब्दी ईस्वी में नेपाल के राजा राणा बहादुर शाह द्वारा बनाया गया था। यह काठमांडू में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर का डुप्लिकेट है। यह टेराकोटा, पत्थर और लकड़ी से बना है। यह परियोजना उनके बेटे गिरवन युद्ध बिक्रम शाह देवा द्वारा समय सीमा के 20 साल बाद पूरी की गई थी। वर्ष 1843 में काशी नरेश ने यह भूमि राणा बहादुर शाह को हस्तांतरित कर दी। नेपाल सरकार मंदिर, आसपास के क्षेत्र, ललिता घाट और एक धर्मशाला का मालिक है।


कैसा है मंदिर परिसर?

मंदिर को बनने में तीन दशक लगे और यह टेराकोटा, पत्थर और लकड़ी से बना है। लकड़ी दीमक प्रतिरोधी है। मंदिर का निर्माण नेपाली पैगोडा वास्तुकला का उदाहरण है। यह नेपाली शैली में बनाया गया था और इसके किनारे इमली और फ़िकस रिलिजियोसा (पीपल) के पेड़ हैं। यह मंदिर पगोडा की शैली में बनाया गया है और ज्यादातर लकड़ी से बना है। इसमें ऐसी मूर्तियां हैं जो खजुराहो समूह के स्मारकों में देखी गई मूर्तियों के समान हैं, जिससे इसे "मिनी खजुराहो" उपनाम मिला है।

आप दशाश्वमेध घाट से मणिकर्णिका घाट तक पैदल चलकर ललिता घाट पहुंच सकते हैं। वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन दक्षिणपूर्व में 3.8 किलोमीटर दूर है।

श्री धर्म संघ वाराणसी

श्री धर्म संघ वाराणसी एक सच्चा आध्यात्मिक स्वर्ग है, जो माँ गंगा के पवित्र तट पर स्थित है। यह वाराणसी और उसके क्षेत्र का सबसे बड़ा आश्रम है, जो दुनिया भर से आने वाले हजारों तीर्थयात्रियों, सुंदर उद्यानों, गौ सेवा और शिक्षा सोसायटी प्रदान करता है। श्री धर्म संघ वाराणसी के दुर्गाकुंड में मुख्य मार्ग पर, दुर्गा मंदिर के पास ही स्थित है। इस संघ के भवन में खूब सारी शिवलिंग की स्थापना की गई है। लगभग 151 शिवलिंग यहां स्थापित है। ऐसा माना जाता है कि मन्नत मांगने के बाद भक्त यहां शिवलिंग की स्थापना करवाते है। क्योंकि हर शिवलिंग के नीचे स्थापित करने वाले का नाम और जगह अंकित किया गया है।






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Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

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