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West Bengal Santiniketan: शांतिनिकेतन में जाकर होगा अलग दुनिया का एहसास, यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल है ये जगह

West Bengal Santiniketan: रविंद्र नाथ टैगोर का भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। चलिए आज हम आपको उन्हीं से जुड़े पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन के बारे में बताते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 13 May 2024 4:45 AM GMT (Updated on: 13 May 2024 4:46 AM GMT)
West Bengal Santiniketan
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West Bengal Santiniketan (Photos - Social Media) 

West Bengal Santiniketan : पश्चिम बंगाल भारत का एक ऐसा राज्य है जो अपने रिच कल्चर और खानपान के लिए पहचाना जाता है। हालांकि केवल यही दो चीज इसकी पहचान नहीं है बल्कि यहां पर कई सारे ऐसे स्थान मौजूद है जो बहुत ही खास है। पश्चिम बंगाल में जाने के बाद आपको पुराने भारत से रूबरू होने का मौका मिलेगा। कोलकाता यहां का बहुत ही प्रसिद्ध शहर है। आज हम आपके यहां के रविंद्र नाथ टैगोर शांति निकेतन के बारे में बताते हैं।

बता दें कि 1901 में रविंद्र नाथ टैगोर ने शांतिनिकेतन में एक छोटे से स्कूल की स्थापना की थी जो आज पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है। रवींद्रनाथ टैगोर जानेमन कभी और लेखक थे। जब आप शांति निकेतन में जाएंगे तो आपको चारों और उनकी झलक देखने को मिलेगी। यहां पहुंचने के बाद आपको अलग ही दुनिया का एहसास होगा और आपका वापस जाने का मन नहीं करेगा। यह जगह यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में शामिल है। अगर आप घूमने फिरने के शौकीन है तो आपके यहां जरूर जाना चाहिए।

कहां है शांतिनिकेतन

शांतिनिकेतन कोलकाता से 180 किलोमीटर दूर बीरभूम जिले के बोलपुर में मौजूद है। इसकी स्थापना रविंद्र नाथ टैगोर के पिता देवेंद्र नाथ ठाकुर ने की थी और बाद में यह जगह रवींद्र नाथ टैगोर की वजह से प्रसिद्ध हो गई। उन्होंने यहां पर पढ़ने लिखने का नया तरीका शुरू किया था जिसकी वजह से इसे अलग पहचान मिली।

Shantiniketan


यहां घूमने की जगह

टैगोर हाउस

जब आप शांतिनिकेतन जाएंगे तो यहां पर रविंद्र नाथ टैगोर से जुड़े कहीं जगह और चीज आपको देखने को मिलेगी। यहां पर टैगोर हाउस बना हुआ है जहां पर रविंद्र नाथ टैगोर अपना सबसे ज्यादा समय बिताते थे। यह जगह इतनी शानदार बनी हुई है कि इसे देखकर आप हैरान हो जाएंगे। यहां पर कई सारे कमरे हैं और अगर आप रविंद्र नाथ टैगोर को पास से जाना चाहते हैं तो यहां जरूर जाएं।

Tagore House


कला भवन

यहां पर कला भवन बना हुआ है जो बहुत ही खास है। यह आठ और कलर से जुड़ी हुई जगह है। यहां पर विश्व भारती शिक्षण संस्थान है जिसकी स्थापना रविंद्र नाथ टैगोर ने की थी। यहां की दीवारों पर कई चित्र बने हुए हैं जो आपको आकर्षित करने का काम करेंगे।

Kala Bhawan


अमर कुटीर

यह शांतिनिकेतन का एनसाइक्लोपीडिया कहा जाता है। इसमें ट्रेडिशनल तरीके से बनाए गए प्रोडक्ट बेचे जाते हैं। यहां आपको हैंडीक्राफ्ट हड़कर का और कई पुराने जमाने की चीज देखने को मिल जाएगी।

Amir Kutir


विश्व भारती यूनिवर्सिटी

शांतिनिकेतन की यह जगह अट्रैक्शन पॉइंट का काम करती है। यहां पर आपको आश्रम की व्यवस्था देखने को मिलेगी। लोग पेड़ के नीचे पढ़ाई करते हैं और विद्यार्थी जमीन पर बैठे हुए नजर आते हैं। यहां पर शिक्षा का महत्व प्रकृति से जोड़कर समझाया जाता है।

Vishwa Bharti University


कैसे पहुंचे

ट्रेन से - अगर आप शांतिनिकेतन जाना चाहते हैं तो सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन बोलपुर है जहां से शांतिनिकेतन की दूरी 2 से 3 किलोमीटर पड़ती है।

फ्लाइट से - अगर आप हवाई यात्रा के जरिए यहां जाना चाहते हैं तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट कोलकाता पड़ता है। यहां से शांतिनिकेतन की दूरी 200 किलोमीटर है।

सड़क मार्ग - अगर आप सड़क मार के जरिए यहां पहुंचना चाहते हैं तो कोलकाता से होते हुए आसानी से पहुंच सकते हैं। जो लोग बस से जाना चाहते हैं वह कोलकाता, दुर्गापुर और गुवाहाटी जैसे शहरों से आसानी से यहां बस की सहायता से आ सकते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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