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World's Biggest Door in U.P: भारत के यूपी में मौजूद है दुनिया का सबसे बड़ा दरवाज़ा, जानिए क्या है इसका इतिहास
Duniya Ka Sabse Bada Darwaza U.P Mein: क्या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा दरवाज़ा भारत के यूपी राज्य में है आइये जानते हैं इसकी विशेषता और इसका इतिहास।
Duniya Ka Sabse Bada Darwaza U.P Mein: आज हम आपको एक ऐसे दरवाज़े के बारे में बताने जा रहे हैं जो सदियों साल पुराना है और बेहद भव्य है। वहीँ आपको बता दें कि ये दरवाज़ा उत्तर प्रदेश में है। आइये जानते हैं कि क्या है इसका इतिहास और यूपी में कहाँ स्थित है ये।
दुनिया का सबसे बड़ा दरवाज़ा
भारत में एक ऐसा दरवाज़ा है जो लगभग 420 साल पुराना है साथ ही यहाँ का इतिहास भी काफी दिलचस्प है। दरअसल ये दरवाज़ा उत्तर प्रदेश में है और इसका इतिहास जानकार आप भी हैरान रह जायेंगें। इसकी कई खासियत है वहीँ इसकी ऊंचाई इतनी ज़्यादा है कि इसे देखने के लिए आपको अपनी गर्दन को काफी ऊपर तक उठाना पड़ सकता है। आइये जानते हैं आखिर कहाँ है ये दरवाज़ा और कितना पुराना है इसका इतिहास।
उत्तर प्रदेश में स्थित इस दरवाज़े की सबसे बढ़िया बात ये है कि ये विश्व का सबसे बड़ा दरवाज़ा है। ये दरवाज़ा हिन्दू और फ़ारसी स्थापत्य कला का बेहतरीन उदहारण है। आपमें में से बहुत से लोगों ने इसका नाम तो सुना होगा लेकिन इसकी खासियत और इतिहास के बारे में बहुत कम लोग जानते होंगें। आपको बता देते हैं दरअसल इसका नाम है बुलंद दरवाज़ा जो आगरा से 40 किलोमीटर दूर फतेहपुर सीकरी में स्थित है। ये दरवाज़ा जामा मस्जिद का प्रवेश द्वार भी है।
यूँ तो इसके नाम से ही आप इसकी भव्यता के बारे में जान सकते हैं। इसे जीत का प्रतीक भी माना जाता था। वहीँ इसका एक और नाम था "डोर ऑफ़ विक्ट्री" (Door Of Victory)।
बुलंद दरवाज़ा का इतिहास
साल 1607 ई. में सम्राट अक़बर ने इस दरवाज़े का निर्माण करवाया था। इसके निर्माण के पीछे की वजह थी सम्राट की गुजरात जीत,जिसके बाद बुलंद दरवाज़े का निर्माण हुआ। ये दरवाज़ा 53.63 मीटर ऊँचा है और 35 मीटर चौड़ा है। बुलंद दरवाज़ा मुग़ल काल का अद्भुत नमूना है। जो मुग़ल वास्तुकला का बेहद उम्दा उदाहरण भी है। वहीँ आपको बता दें कि बुलंद दरवाज़ा को बनने में 1 या 2 नहीं बल्कि पूरे 12 साल का समय लगा था। जब जाकर दुनिया का सबसे बड़ा दरवाज़ा, बुलंद दरवाज़ा तैयार हुआ था।
बुलंद दरवाज़े को लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है और सफ़ेद संगमरमर से इसे सजाया गया है। वहीँ दरवाज़े के आगे और स्तम्भों पर कुरआन की आयतें लिखीं हुईं हैं। वहीँ दरवाज़े के पूर्वी तोरण पर फ़ारसी शिलालेख मौजूद है। बुलंद दरवाज़े के इतिहास को जानते हुए और इसकी भव्यता का नज़ारा देखने प्रति दिन यहाँ हज़ारो पर्यटक आते हैं।
नोट : इस आर्टिकल में दी गयी सभी जानकारी सामान्य स्रोतों से इक्कठा की गयी है। न्यूज़ट्रैक इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।