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Yamuna Aarti Delhi: गंगा ही नहीं अब दिल्ली में देखें यमुना आरती, वासुदेव घाट पर इस दिन लगता है लोगों का मेला
Yamuna Aarti Delhi: गंगा आरती एक ऐसी चीज है जिसे हर कोई दीवाना है। लेकिन दिल्ली में आप गंगा की तर्ज पर होने वाली यमुना आरती देख सकते हैं।
Yamuna Aarti Delhi : उत्तर प्रदेश में होने वाली गंगा आरती न सिर्फ हमारे देश बल्कि दुनिया भर में पहचान रखती है। ऐसा इसलिए क्योंकि वाराणसी की घाट पर होने वाली गंगा आरती का नजारा इतना दूर होता है कि हमेशा के लिए आपके दिल में बस जाता है। वाराणसी के अलावा उत्तर प्रदेश के हरिद्वार और उत्तराखंड के ऋषिकेश में भी इस तरह के नजारे देखने को मिलते हैं। गंगा आरती की जगह अगर यमुना आरती देखने की बात आए तो शायद ही किसी के पास कोई जवाब होगा। लेकिन हम आपको बता दें की गंगा आरती की तरह यमुना आरती आप भारत की राजधानी दिल्ली में देख सकते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन दिल्ली में एक ऐसे घाट का निर्माण किया गया है। जहां पर आकर पर्यटक यमुना आरती देख सकते हैं। यमुना आरती देखने के अलावा पर्यटक यहां कई चीजों का आनंद भी उठा सकते हैं। हम जिस घाट का जिक्र कर रहे हैं उसका नाम वासुदेव घाट है।
कहां है वासुदेव घाट
वासुदेव घाट दिल्ली के आईएसबीटी कश्मीरी गेट के पास बना हुआ है। इस घाट को 2024 में पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इसका उद्घाटन किया था। यह करीब 16 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।
वासुदेव घाट पर होती है यमुना आरती
ऋषिकेश और हरिद्वार की आरती के बारे में सभी लोग जानते हैं। वासुदेव घाट पर भी उसी तर्ज पर यमुना आरती की जाती है। यहां आरती देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। खास तौर पर रविवार के दिन यहां काफी भीड़ होती है।
किस दिन होती है आरती
हरिद्वार वाराणसी और ऋषिकेश में तो लगभग रोजाना आरती देखने को मिलती है लेकिन वासुदेव घाट पर रविवार और मंगलवार को यमुना आरती की जाती है। इन दोनों ही दिन यहां पर पर्यटकों की काफी भीड़ देखने को मिलती है। यहां पर शाम 7:00 बजे आरती होती है।
ये हैं आकर्षक चीजें
यहां होने वाली आरती के अलावा ऐसी कई चीजे हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करने का काम करती है। इसमें घाट पर बनी सीढ़ियां जहां अच्छा समय गुजारा जा सकता है। यहां के पारंपरिक छतरियां और बगल में बना पार्क भी काफी आकर्षक है। यहां पर कहानी छोटे-छोटे विश्राम स्थल भी बनाए गए हैं। यहां स्नान कुंड है जहां 300 किलो की घंटी लगाई गई है। यहां माता यमुना की मूर्ति भी देखी जा सकती है।