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इस मंदिर में देवी मां को लगता है शराब का भोग, प्रसाद में भी बांटी जाती है भक्तों को

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Published on: 10 Oct 2016 7:23 AM GMT
इस मंदिर में देवी मां को लगता है शराब का भोग, प्रसाद में भी बांटी जाती है भक्तों को
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उज्जैन: जैसे ही नवरात्रि के पावन दिन शुरू होते हैं, देवी मां के भक्त मांस-मछली और शराब जैसी चीजों को त्याग देते हैं। उनका मानना है कि वह देवी मां के दिनों में पूरी तरह से श्रद्धा और पवित्रता के साथ रखेंगे। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हमारे ही देश में देवी मां का एक मंदिर ऐसा भी है, जहां पर देवी मां को शराब का भोग लगाया जाता है। इतना ही नहीं, भक्तों को भी मां के प्रसाद के रूप में शराब ही बांटी जाती है।

बता दें कि देवी मां के इस मंदिर में साल के 12 महीने शराब का भोग लगया जाता है।

आगे की स्लाइड में जानिए क्या नाम है देवी के इस मंदिर का

देवी मां का यह मंदिर उज्जैन में है, जिसे 24 खंभा माता मंदिर के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि के आखिरी दिन उज्जैन में लोक कल्याण के साथ सुख, समृद्धि के लिए 24 खंभा माता मंदिर में भव्य पूजा का आयोजन किया जाता है। जिसकी शुरुआत शासकीय पूजन के साथ होती है, जिसमें खुद कलेक्टर देवी मां को शराब का भोग लगाते हैं। देवी मां के इस मंदिर में भक्त भारी संख्या में पहुंचते हैं।

ख़बरों के अनुसार कलेक्टर के देवी मां को शराब का भोग चढ़ाने और आरती के बाद चल समारोह शुरू होता है, जिसमें शराब की धार निकाली जाती है। इसके बाद शहर के आस-पास स्थित देवी और भैरव मंदिरों में जाकर पूजा की जाती है। पूजा के दौरान तांबे के कलश में शराब लेकर एक भक्त चल समारोह के आगे-आगे चलता है, जिसमें शराब की धार लगातार निकलती रहती है।

आगे की स्लाइड में जानिए इस परंपरा से जुड़ी कहानी

उज्जैन में नगर पूजा की परंपरा कई हजारों साल पुरानी है। माना जाता है कि उज्जयिनी के महान सम्राट विक्रमादित्य लोक कल्याण और राज्य की प्रजा की सुख-शांति और समृद्धि के लिए नगर पूजा करते थे और तभी से यह परंपरा चली आ रही है। मंदिर के पुजारी रामभाऊ के अनुसार, रियासत काल में सिंधिया राजघराने द्वारा ये पूजा की जाती थी, जिसे बाद में आजादी के बाद जिले के मुखिया होने के नाते कलेक्टर नगर पूजा की ये परंपरा निभाने लगे।

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