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मजनू का दर्दः ATM खाली, रूठी लैला को मनाने के लिए गुलाब खरीदने का भी नहीं बचा पैसा

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Published on: 9 Dec 2016 3:56 PM IST
मजनू का दर्दः ATM खाली, रूठी लैला को मनाने के लिए गुलाब खरीदने का भी नहीं बचा पैसा
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लखनऊ: ''कोई हसीना जब रूठ जाती है तो और भी हसीन हो जाती है।'' नोटबंदी के बाद कुछ ऐसे ही गाने गाकर प्रेमी अपनी प्रेमिकाओं को इंप्रेश करने की कोशिश कर रहे हैं। कैश की किल्लत झेल रहे इन मजनुओं के पास गिफ्ट तक के पैसे नहीं हैं।

नोटबंदी को एक महीने से ज्यादा हो गया है। हर तरफ हायतौबा मची है। सड़क से लेकर संसद तक इसकी गूंज सुनाई दे रही है। बैंकों के बाहर घंटों खड़े रहने के बाद भी पैसा नहीं मिल पा रहा। आम आदमी से लेकर नेता तक परेशान हैं।

नोटबंदी से सिर्फ यहीं दुखी नहीं हैं बल्कि इन सबसे ज्यादा परेशान लवर्स हैं। पैसे की किल्लत ने इन्हें अपनी प्रेमिकाओं से दूर कर दिया है। डेटिंग के बहाने अपने साथी से मुलाकात न होने पर इनके बीच दूरियां बढ़ रही हैं। कारण साफ है कि इनके पास कैश नहीं है और बैंक से 25 हजार से ज्‍यादा महीने में निकालने पर पाबंदी लगा दी है।

क्या कहते हैं लवर्स

राजाजीपुरम में रहने वाली अनिका सहाय(बदला हुआ नाम) का कहना है कि जब से मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला लिया है, तब से उनका ब्वॉयफ्रेंड उन्हें मूवी पर ले जाने से कतराने लगा है। वैसे तो वह हर सप्ताह खुद ही उन्हें मूवी के लिए कहता था, लेकिन नोटबंदी के बाद से वह आनाकानी करने लगा है वह कहती है कि उस पर तो नोटबंदी का कुछ ज्यादा ही असर हुआ है क्योंकि अब वह कॉल भी कम करता है जब कहो तो कहता है कि यार चेंज का प्रॉब्लम रहता है पहले वह सप्ताह में करीब 4 से 5 बार मिलते थे, लेकिन अब 1 या 2 ही बार मिलते हैं।

इंदिरा नगर में रहने वाली स्नेहा(बदला हुआ नाम)कहती हैं कि वह हर वीकेंड अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ डिनर पर जाती थीं, लेकिन नोटबंदी की वजह से वह नहीं जा पा रही हैं। साथ ही वह कहती हैं कि हम दोनों हर वीकेंड रोज मिलते थे लेकिन अब मिलना बंद हो गया है। नोटबंदी ने छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने पर भी असर डाला है।

लखनऊ के अलीगंज में रहने वाले राजीव का कहना है कि इस फैसले मैं अपनी गर्लफ्रैंड से मिल नहीं पा रहा हूं। काफी दिनों से हम दोनों रेस्टोरेंट नहीं गए। क्योंकि बैंकों और एटीएम मशीनों से पैसा नहीं निकल रहा है।

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