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पहले मेट्रो अब एक्सप्रेस वे का दोबारा उद्घाटन, योगी महाराज इत्ता ज्ञान देता कौन है
आशीष शर्मा 'ऋषि'
गलती के लिए पहले से ही माफ़ी मांग बात शुरू करते हैं। लगता है कि, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ढंग से अपनी फजीहत करवाने का मन बना लिया है। देर शाम को मीटिंग्स, लखनऊ मेट्रो का दोबारा उद्घाटन कर जहाँ बीजेपी के इस अल्पवयस्क सीएम ने विरोधियों को अपना मजाक उड़ाने का मौका दिया। वहीँ ऐसा लगता है, कि अब उससे सीएम साहेब का पेट नहीं भरा। तो अब वो लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे का दोबारा उद्घाटन करेंगे।
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मालिक आप को उदघाटन करने का इतना ही शौक है तो कुछ अपना बनवा लीजिये। शायद आप विधान सभा चुनाव में अधिक बिजी थे, तभी तो आपको पता नहीं चला कि लखनऊ मेट्रो और लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे का झमाझम वाला उद्घाटन आपके पहले वाले सीएम साहेब अखिलेश यादव जी कर चुके हैं। अब भले ही वो उस समय इस लायक नहीं था लेकिन अब उन्होंने कर दिया तो कर दिया। आप क्यों उद्घाटन के लिए बिलबिला रहे हैं। फिर से लोग मजाक बनाए इस लिए।
वैसे हमें बताइए आपको इतना ज्ञान देता कौन है। अरे इत्ते बड़े राज्य में करने को बहुत कुछ है, बुंदेलखंड में करिए पूर्वांचल में करिए। 5 साल में कुछ और समय मिल जाए तो तराई के इलाके में कुछ कर लीजिये। बहुत कुछ है सूबे के ग्रामीण इलाकों में। लोग बिजली, पानी, सड़क और स्कूलों के लिए परेशान हैं, उनके लिए अपने खजाने का मुहं खोल दीजिये और फिर राज्य भर में घूम-घूम करते रहिये उद्घाटन, निकलवाते रहिये तस्वीरें।
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ओ तेरी! ज्ञान देने के चक्कर में हम ये तो बताना ही भूल गए, कि ये बात शुरु कहां से हुई। दरअसल योगी सरकार के बड़के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आज लखनऊ में कहा कि सपा सरकार ने सिर्फ सड़क पर हवाई जहाज उतार दिया। न ही पेट्रोल पंप दिए और न ही कोई अन्य सुविधा। तो दुबारा उद्घाटन तो होना ही था, जल्द ही तारीख बता देंगे।
अब जरा देख लो भाई ये आगरा एक्सप्रेस-वे है क्या बला
लखनऊ-आगरा के बीच छह लेन वाला यह एक्सप्रेस-वे 302 किलोमीटर लम्बा है। लखनऊ-आगरा के बीच उन्नाव में एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी बनी है, जहां जरूरत पड़ने पर लड़ाकू विमान भी उतारे जा सकते हैं। एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी तीन किलोमीटर लंबी है। एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए 10 जिलों के 232 गांवों में लगभग 3,500 हेक्टेयर भूमि 30,456 किसानों की सहमति से खरीदी गई। जमीन के लिए भुगतान को छोड़कर परियोजना की अनुमानित लागत 11526.73 करोड़ रुपए तय की गई थी।
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फिर हो गई गलती से मिस्टेक
अपने सीएम साहेब ने कुर्सी पर बैठने के बाद ही इस एक्सप्रेस-वे की जाँच के आदेश भी दे दिए थे, जाँच कितना सफर तय कर चुकी हमें नहीं पता। लेकिन अखिलेश भईया के अरमानों पर योगी बाबा बाल्टी भर-भर के पानी डाले दे रहे हैं। उनके जो भी ड्रीम वाले प्रोजेक्ट थे बाबा उनकी जाँच करवा रहे हैं, दोबारा उद्घाटन करे दे रहे हैं। अब बताओ भला आदमी कोई ऐसा करता है क्या! हैं नहीं तो।