TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

अंबुबाची मेले तक बंद रहते हैं कामाख्या देवी के द्वार, नहीं होती पूजा

shalini
Published on: 23 Jun 2016 5:06 PM IST
अंबुबाची मेले तक बंद रहते हैं कामाख्या देवी के द्वार, नहीं होती पूजा
X

yogesh-mishra Yogesh Mishra

गुवाहाटी: कहते हैं जब चाहो तब भगवान के दर्शन के लिए निकल जाओ। भगवान के द्वार तो अपने भक्तों के लिए हर समय खुले रहते हैं। लेकिन असम में जून महीने के तीसरे सप्ताह में चार दिन तक सारे मंदिर बंद रहते हैं। ना तो कोई पूजा होती है न ही कोई दूसरे शुभ काम। और तो और यहां पर इन चार दिनों तक घरों में भी पूजा नहीं होती। इन चार दिनों तक यहां मनाया जाता है अंबुबाची। दरअसल यह त्‍यौहार कामाख्या देवी से जुड़ा है। बुधवार से इस साल शुरु हो रहे पर्व में पहली बार असम में बनी भाजपा सरकार ने व्यापक व्यवस्थाएं की है।

क्यों मनाया जाता है अंबूबाची

दरअसल अंबुबाची पर्व और यहां लगने वाला मेला जून में 20-23 जून के बीच आरंभ होता है। माना जाता है कि इऩ दिनों में साल में एक बार कामाख्या देवी रजस्वला हो जाती है और यह उनके श्रद्धालुओं को दिखाई भी देता है। देवी को इन दिनों योनि के रूप में पूजा जाता है। इन दिनों ब्रह्मपुत्र के पानी से लेकर कई जगह तक मां की शक्ति का हल्के लाल रंग में दर्शन भी होने की बात कही जाती है। अंबुबाची को प्रकृति के उर्वरा शक्ति का प्रतीक और उसके प्रकटीकरण के तौर पर भी देखा जाता है।

नहीं होती घरों में भी पूजा

इन चार दिनों में न तो कोई शुभ काम होता न ही कोई शुरुआत की जाती है और तो और कामाख्या देवी मंदिर के पट बंद रहते है। पूरे असम में कहीं भी घरों में भी पूजा नहीं होती। माना जाता है कि यह प्रकृति की उर्वरता की उपासना के दिन है। इसके साथ ही यहां पर बड़ा मेला लगता है। यह तांत्रिकों के सबसे बड़े दिन होते हैं। बहुत से तंत्र साधक पूरे देश से इन दिनों में इस पर्व में सम्मिलित होते है। तंत्र साधकों और शक्ति के गुप्त रुप के उपासकों के लिए यह सालाना कुंभ की तरह होता है। कुछ बड़े तंत्र साधक और तांत्रिक इन्हीं दिनों में सामान्य जनता को दर्शन देते है।

इस बार व्यापक हैं तैयारियां

शक्तिपीठ के कपाट आज रात से इस महीने की 25 तारीख तक बंद रहेंगे। वहां आठ से दस लाख श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। भक्तों की सुविधा के लिए प्रशासन द्वारा चार अस्थायी शिविर बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने व्यवस्थाओं के साथ ही बाकयदा अखबारों में विज्ञापन भी दिए हैं। सोनोवाल ने मंदिर में पूजा अर्चना के बाद, मेले की तैयारियों के विषय पर मंदिर के अधिकारियों के साथ बैठक की। प्रशासन द्वारा अंबूबाची मेले के दौरान निलाचल पहाड़ तक आने-जाने के लिए दर्जनों बसें लगाई गई हैं। मेले में 10 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना को मद्देनजर रखते हुए मेले की सुरक्षा व्यवस्था एक बड़ी चिंता का विषय है। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर परिसर में 150 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मेले की सुरक्षा के लिए विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां आपस में सहयोग करेंगी। मेले में श्रद्धालुओं के लिए खाने की व्यवस्था भी की जाएगी।



\
shalini

shalini

Next Story