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मिला नायाब खजाना: मुगलिया राजधानी में दिखा ये नजारा, सभी हो गए हैरान

एएसआई के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, यह प्राचीन जलाशय करीब 450 साल पुराना है। जलाशय की दीवार पर करीब नौ तरह की डिजाइनें बनाई गई है। वहीं विभाग यह पता करने में जुटा हुआ कि फव्वारे में लगा हुआ पाइप किस धातु का है।

Chitra Singh
Published on: 20 Jan 2021 4:57 PM IST
मिला नायाब खजाना: मुगलिया राजधानी में दिखा ये नजारा, सभी हो गए हैरान
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मिला नायाब खजाना: मुगलिया राजधानी में दिखा ये नजारा, सभी हो गए हैरान

आगरा: मुगलिया सल्तनत की राजधानी कही जाने वाली फतेहपुर सीकरी की धरती में न जाने कितने राज दफन हैं। बता दें कि मुगल शासक अकबर के नवरत्न कहे जाने वाले टोडरमल की बारादरी के सामने खुदाई का कार्य चल रहा है। खुदाई के दौरान पुरात्व विभाग के हाथ एक नयाब खजाना लगा है। जानकारी के अनुसार, इस खुदाई में पुरात्व विभाग को 16वीं शताब्दी का जलाशय मिला है, जिसमें फव्वारा भी लगा हुआ है।

450 साल पुराना मिला जलाशय

फत्तेहपुर सीकरी में टोडरमल की बारादरी में हो रही खुदाई में रेत का पत्थर और चूने का पत्थर का बना जलाशय मिला है। इस जलाशय में एक अदभूत फव्वारा भी बना हुआ है। यह प्राचीन जलाशय वर्गाकार में बना हुआ है। एएसआई के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, यह प्राचीन जलाशय करीब 450 साल पुराना है। जलाशय की दीवार पर करीब नौ तरह की डिजाइनें बनाई गई है। वहीं विभाग यह पता करने में जुटा हुआ कि फव्वारे में लगा हुआ पाइप किस धातु का है। बताया जाता है कि मुगलिया सल्तनत के समय नक्काशी मीनाकारी का काम खूब प्रचलन में था, जिसका सबूत फव्वारे पर भी मिले हैं। फव्वारे पर जो काम किए गए है वो नक्काशी के है। इस जलाश की गहराई 1.1 मीटर है जबकि चौड़ाई 8.7 मीटर है।

fatehpur sikri

अधिकारी ने दी जानकारी

खुदाई में मिले जलाशय के बारे में जानकारी देते हुए पुरातत्वविद अधीक्षक वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया है “बारादरी का मलबा हटाने पर नीचे जलाशय मिला है। इसमें मलबा भरा था। जलाशय के मध्य में फव्वारा भी बना हुआ है। यह वर्गाकार है। यह प्रत्येक दिशा से 8.7 मीटर लंबा और 1.1 मीटर गहरा है। इसके साथ ही जलाशय के फर्श में चूने का प्लास्टर भी मिला है।” अधीक्षक ने आगे बताया कि जलाशय के चारों ओर बने डिजाइन भी चूने के हैं। फतेहपुर सीकरी में यह एक अच्छी खोज है। बारादरी के साथ ही इसका निर्माण किया गया होगा क्योंकि यह उसके प्रवेश द्वार के ठीक सामने मध्य में बना हुआ है। यहां पर साइंटिफिक क्लीयरेंस में अभी कुछ दिन का समय और लगेगा।

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Chitra Singh

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