TRENDING TAGS :
ALERT: आप भी हैं इस तरह ड्रिंक्स पीने के शौकीन तो बढ़ा रहे हैं खुद में नपुंसकता के लक्षण
लखनऊ: आजकल की जीवनशैली ने लोगों के लिए अनेक परेशानियां खड़ी कर दी है। जहां लोग ज्यादा आधुनिक बनते जा रहे है, वहीं उन्हें हर दिन समस्याओं से भी दो-चार होना पड़ता है। आज की जीवनशैली में नपुंसकता भी एक समस्या के रुप में उभरा है। शहरों की बिजी जीवनशैली ने लोगों के नपुंसकता की ओर ढकेलना शुरु कर दिया है इसकी बड़ी वजह सोडा ड्रिंक का सेवन भी है। इस पर डॉक्टरों का कहना है कि आर्टिफिशियल सोडा ड्रिंक्स के सेवन से भी नपुंसकता आ सकती है।
आगे...
दरअसल, आर्टिफिशियल सोडा ड्रिंक्स में आर्टिफिशियल स्वीटनर एस्पार्टामे का इस्तेमाल किया जाता है, जो इंसान के एन्डोक्राइन सिस्टम को इफेक्ट करता है। इससे हार्मोन का बैलेंस बिगड़ता है और महिलाओं में इंफर्टिलिटी का खतरा बढ़ता है। डॉक्टरों का इस पर कहना है कि करीब सभी सॉफ्ट ड्रिंक और सोडा पेय में एस्पार्टामे होता है, जो नपुंसकता, मैलफोर्मेशन और गर्भपात जैसी कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लेम खड़ी कर सकता है।
आगे...
इस तरह के आर्टिफिशियल पेय का अत्यधिक सेवन करने से अंडकोष से जुड़े विकार हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि एस्पार्टामे में मौजूद फेनिलएलानिन और एस्पार्टिक एसिड ऐसे दो अमीनो एसिड हैं, जिन्हें दूसरे अमीनो एसिड के साथ सेवन करने से कोई हानि नहीं होती, लेकिन जब इन्हें बिना किसी दूसरे अमीनो एसिड के साथ लिया जाता है तो ये फ्री रेडिकल्स का उत्पादन तेज कर देते हैं, जिससे कोशिकाएं खत्म होने लगती हैं।
आगे...
शुक्राणु और अंडाणु भी कोशिकाएं ही हैं और कृत्रिम पेय के अत्यधिक सेवन से इन कोशिकाओं के खत्म होने की आशंका 90 फीसदी बढ़ जाती है। इसलिए कहा जाता है कि ऐसे खाद्य या पेय पदार्थो का सेवन न किया जाए, जो फ्री रेडिकल्स का उत्पादन बढ़ाते हैं।डॉक्टरों के रिसर्च ने ये साबित कर दिया है कि सोडायुक्त कृत्रिम पेय पदार्थो के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बाधित होती है, जिसके कारण व्यक्ति का वजन बढ़ता है और इससे हार्मोन डिसबैलेंस्ड होता है, जो नपुंसकता की बड़ी वजह है।