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जब सांसद 'अटल' को रात 12 बजे पीएम आवास से फोन आया था
भोपाल : अटल जी का मध्य प्रदेश से गहरा नाता रहा है, उनका ग्वालियर में जन्म हुआ और यहां उनके चाहने वालों की कमी नहीं है। यही कारण है कि हर कोई उनके साथ बिताए दिनों को साझा कर रहा है।
राज्य के पूर्व सीएम बाबू लाल गौर अपने और अटल जी के बीच हुए संवाद को याद करते हुए बताते हैं कि जब भारत ने पाकिस्तान से बांग्लादेश को अलग किया था, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अटल जी की मदद ली थी।
गौर बताते हैं कि अटल जी को रात 12 बजे पीएम आवास से फोन आता है, इंदिरा गांधी बात करती है और सुबह सेना की गाड़ी से वाजपेयी प्रधानमंत्री आवास पहुंचते हैं, वहां इंदिरा गांधी से हुई चर्चा के बाद वाजपेयी को विशेष विमान से नागपुर भेजा जाता है, ताकि वे वहां पहुंचकर सरसंघचालक गोलवलकर से बात करा सकें।
गौर बताते हैं कि उन्हें अटल जी ने स्वयं बताया था, "उन्होंने (वाजपेयी) गोलवलकर और इंदिरा गांधी की फोन पर बात कराई, इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को तोड़ने की बात कही और उनका सहयोग चाहा। इस पर गोलवलकर ने हामी भरी और इंदिरा को दुर्गा कहा।"
गौर का कहना है कि गोलवलकर के जीवित रहते वाजपेयी ने यह बात किसी को नहीं बताई, मगर उसके बाद वाजपेयी ने भी गोलवलकर की बात को दोहराया, जिस पर उनकी खूब आलोचना हुई, सवाल उठे, मगर वाजपेयी पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
पूर्व मुख्यमंत्री गौर लंबे अरसे तक वाजपेयी के साथ रहे हैं। उनके साथ कई राज भी उन्होंने साझा किए।
गौर बताते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहा राव का निधन होने पर वाजपेयी ने अपना सम्मान कराने से मना कर दिया था, उसके कारण थे। नरसिंहा राव के कहने पर ही वाजपेयी संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के प्रतिनिधि के तौर पर गए थे, जिस पर कांग्रेस ने भी नरसिंहा राव की आलोचना की थी। इतना ही नहीं, राव के अधूरे काम पोखरण-दो का विस्फोट भी उन्होंने राव की इच्छा के मुताबिक किया था।