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नवाबों के शहर लखनऊ आई 'मोगली गर्ल, मिला ये नया नाम, विदाई में नम हुईं बहराइच की आंखें
बहराइच के मोतीपुर रेंज के जंगलों में मिली 'मोगली गर्ल' को वहां जिला अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। अब उसका नया घर नवाबों के शहर लखनऊ के जानकीपुरम स्थित दृष्टि सामाजिक सेवा संस्थान है ।
बहराइच: बहराइच के मोतीपुर रेंज के जंगलों में मिली 'मोगली गर्ल' को वहां जिला अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। अब उसका नया घर नवाबों के शहर लखनऊ के जानकीपुरम स्थित दृष्टि सामाजिक सेवा संस्थान है । 'मोगली गर्ल' वनदुर्गा को बहराइच से लखनऊ ले जाया गया है । जुवेनाइल कोर्ट ने 'मोगली गर्ल' की मानसिक मंदता के मद्देनजर ऐसा निर्णय लिया है। चाइल्ड लाइन ने उसे लखनऊ ले जाने की हामी भरी थी। वहां उसे अन्य बच्चों के साथ रखा जाएगा। मानवीय व्यवहार सिखाए जाएंगे, साथ ही कुशल मानसिक चिकित्सकों से इलाज भी कराया जाएगा।
शनिवार (8 अप्रैल) को प्रदेश की महिला बाल कल्याण विकास मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने बहराइच की वनदुर्गा 'मोगली गर्ल' से मुलाकात की। उन्होंने कहा है कि सरकार बच्ची की हर स्तर पर मदद करेगी। निर्वाण संस्था के निदेशक डॉ. एचके अग्रवाल ने मोगली गर्ल का नाम 'एहसास' रखा है। उन्होंने बताया कि एहसास पर अब कोई ट्रीटमेंट नहीं होगा, उसे अब आम लोगों के बीच रहना सिखाया जाएगा। रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि सरकार बच्चों की हर स्तर पर मदद करेगी
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सुबह छ बजे से ही अस्पताल के गेट पर भारी भीड़ खड़ी थी क्योंकि बहुचर्चित 'मोगली गर्ल' लखनऊ के लिए जाने वाली थी। लोग 'मोगली गर्ल' नाम से चर्चित उस लड़की को देखना चाहते थे। एंबुलेंस गेट पर खड़ी मोगली की इंतजार कर रही थी और जिला अस्पताल के आइशोलेशन वार्ड में लोगों का तांता सिर्फ एक झलक देखने के लिए बेताब दिख रहा था। सीएमएस डा. डी. के. सिंह वार्ड में पहुंचकर 'मोगली गर्ल' को लखनऊ भेजने के लिए तैयार थे।
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रो पड़ी उसकी देखभाल करने वाली
'मोगली गर्ल' की करीबी माने जाने वाली स्वीपर रेनू व माया को बुलाया गया और रेनू उसे अपनी गोद में लेकर एंबुलेंस की ओर चल पड़ी। जैसे-जैसे एंबुलेंस करीब आ रही थी, वैसे-वैसे अस्पताल कर्मियों के चेहरे पर मायूसी छा रही थी। एंबुलेंस के पास पहुंचते-पहुंचते आखिरकार रेनू व के आंखों से आंसू गिरने लगे। सवाल पर रेनू ने कहा कि ढाई महीने से मैं और माया ही इसकी सेवा कर रही हूं। आज लग रहा है कि मेरी बेटी मुुझसे अलग हो रही है।
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बयान देते समय रो पड़े सीएमएस
'मोगली गर्ल' जब लखनऊ के लिए रवाना हो रही थी, तो सीएमएस डा. डी. के. सिंह मीडिया से रूबरू हुए और उसके बारे में बात ही कर रहे थे कि अचानक उनकी आंखें नम हो गई और वो रोने लगे। उन्होंने कहा कि वो लखनऊ जा रही है, कुछ अच्छा नही लग रहा है। मैं और मेरे स्टाफ ने उसका अपनी बेटी से ज्यादा ख्याल रखा।
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स्वीपर को मिला इनाम
सीएमएस डा. डी. के. सिंह ने बताया कि स्वीपर माया और रेनू को एक-एक हजार रुपए का पुरूस्कार दिया है। जब से यह बालिका अस्पताल में आई है, तब से यह दोनों उसकी देखरेख कर रही हैं।
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