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कहीं आप भी नहीं खाते है यह साग तो जानिए इससे जुड़़ें हेल्थ परिणाम
जयपुर: बथुआ का साग सर्दी के मौसम खूब खाया जाता है। जो औषधीय गुणों से भरपूर है ठंड के मौसम बथुआ ज्यादा पाया जाता है। बथुआ का उपयोग साग, दाल व सब्जी के रूप में होता है। इसमें कई खनिज पदार्थ व विटामिन पाए जाते है। बथुआ प्रतिदिन खाने से गुर्दों में पथरी नहीं होती। बथुआ आमाशय को बलवान बनाता है।
*बथुआ आमाशय को ताकत देकर कब्ज को दूर करता है। बथुए की सब्जी दस्तावर होती है, कब्ज वालों को बथुए की सब्जी नित्य खाना चाहिए। शरीर में ताकत आती है और स्फूर्ति बनी रहती है।
*पथरी हो तो एक गिलास कच्चे बथुए के रस में चीनी मिलाकर नित्य सेवन करें तो पथरी टूटकर बाहर निकल आएगी।
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*मासिक धर्म रुका हुआ हो तो दो चम्मच बथुए के बीज एक गिलास पानी में उबालें। आधा रहने पर छानकर पी जाएं। मासिक धर्म खुलकर साफ आएगा।
*बथुआ के सेवन से पेशाब में जलन, पेशाब कर चुकने के बाद होने वाला दर्द, टीस उठना ठीक हो जाता है।
*कच्चे बथुए का रस एक कप में स्वादानुसार मिलाकर एक बार नित्य पीते रहने से कृमि मर जाते हैं। बथुए के बीज एक चम्मच पिसे हुए शहद में मिलाकर चाटने से भी कृमि मर जाते हैं तथा रक्तपित्त ठीक हो जाता है।