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रहना है तनावमुक्त तो लें इस थेरेपी का मजा, बढ़ेगा रक्त-संचार, रहेंगा हरदम तरोताजा
जयपुर: स्पा एक लग्जरी ट्रीटमेंट है, जो सदियों से चला आ रहा है। पहले इसे शरीर के आराम और तनाव को दूर करने के लिए यूरोप के देशों में शुरू किया गया। इसके बाद ये थेरेपी पूरी दुनिया में फैल गई। ये थेरेपी त्वचा को पोषण के साथ-साथ तरोताजा भी करती है और स्पा से शरीर में रक्त संचार बढ़ता है, इसलिए स्पा की अलग-अलग तरह की थैरेपी की जाती है।
स्पा मसाज स्पा मसाज में शरीर की मसाज की जाती है। ये मालिश 15 मिनट से लेकर करीब एक घंटे तक चलती है। मालिश से व्यक्ति की इंद्रियों को सक्रिय किया जाता है, जिसकी वजह से बीमारियों का इलाज भी होता है। गुलाब, चमेली, लैवेंडर, नीम या फिर तिल के तेल में जड़ी-बूटियां को मिलाकर इससे मालिश की जाती है।
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वॉटर स्टीम बाथ त्वचा की समस्या से जूझ रहे हैं, तो वॉटर स्टीम बाथ का मजा भी ले सकते हैं, इसमें एक बड़े टब में कई तरह की जड़ी-बूटियां डालकर पानी उबाला जाता है और उस टब को उस मंजी के नीचे रखा जाता है, जिस पर व्यक्ति लेटा होता है। 25-30 मिनट के स्टीम से उस व्यक्ति की त्वचा की डीप क्लीनजिंग हो जाती है।
मड थेरेपी को त्वचा की समस्या, नसों में ब्लॉकेज, शरीर में रक्त का बहाव रुकना, बदन दर्द, थकावट इन सबके लिए दिया जाता है। इस स्पा में मिट्टी के अंदर नीम की पिसी पत्तियां और भी तरह की जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। इस मिश्रण को शरीर पर लगाया जाता है, इनमें सबसे खास बात ये है, कि इस स्पा में जिस मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है।
मड थेरेपी को त्वचा की समस्या, नसों में ब्लॉकेज, शरीर में रक्त का बहाव रुकना, बदन दर्द, थकावट इन सबके लिए दिया जाता है। इस स्पा में मिट्टी के अंदर नीम की पिसी पत्तियां और भी तरह की जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। इस मिश्रण को शरीर में लगाया जाता है, इनमें सबसे खास बात ये है, कि इस स्पा में जिस मिट्टी का किया जाता है, उसे समुद्र के अंदर से लाया जाता है और इजराइल और मुल्तानी या गाची मिट्टी का इस्तेमाल करते हैं।
पंचकर्म थेरेपी इस स्पा थैरेपी में शरीर की पांचों इंद्रियों पर काम किया जाता है, इसमें स्नेहन में घी या तेल पिलाकर और मालिश कर दोषों को दूर किया जाता है, और शरीर से पसीना निकाल कर बीमारियां को भी दूर किया जाता है।
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एक्यूपंक्चर स्पा थेरेपी अगर शरीर में जकड़न और हाथ-पैरों में झनझनाहट है, नसे चढ़ी हैं, तो इस थेरेपी को करवा सकते हैं, इस थेरेपी में इंसान के शरीर में छोटी-छोटी सुइयां एक्यूपाइंट्स स्किन में लगाई जाती हैं, जिससे शरीर में गर्मी और ऊर्जा का संचार होता है।
सोना स्टीम बाथ इस स्पा के लिए शख्स को स्टीम चैंबर के अंदर बिठा दिया जाता है, और उस कमरे को कोयले और पत्थरों से गर्म किया जाता है, जहां उन्हें 25-30 मिनट तक स्टीम दी जाती है।