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भय्यू महाराज ने लिखा- कोई संभाले परिवार की जिम्मेदारी, मैं बहुत परेशान हूं, जा रहा हूं

Manoj Dwivedi
Published on: 12 Jun 2018 11:26 AM GMT
भय्यू महाराज ने लिखा- कोई संभाले परिवार की जिम्मेदारी, मैं बहुत परेशान हूं, जा रहा हूं
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इंदौर: आध्यात्मिक गुरु भय्यू जी महाराज ने मंगलवार को यहां अपने घर पर गोली मारकर खुदकुशी कर ली। अस्पताल पहुंचने से आधा घंटे पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि अब कोई परिवार की जिम्मेदारी संभाले। मैं परेशान हो चूका हूं और जा रहा हूं। मौत से तीन घंटे पहले तक वे फेसबुक पर भी एक्टिव थे।

दाईं कनपटी पर गोली लगी

जमींदार परिवार से ताल्लुक रखने वाले भय्यू महाराज ने मॉडलिंग से करियर शुरू किया था। सूत्रों के मुताबिक भय्यू महाराज का अंतिम सस्कार बुधवार को किया जाएगा। अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को उनके बापट चौराहे स्थित सूर्यादय आश्रम में रखा जाएगा। सीएसपी जयंत राठौर के अनुसार भय्यू महाराज ने सिल्वर स्प्रिंग स्थित उनके घर में खुद को गोली मारी। बॉम्बे हॉस्पिटल के डॉ. राहुल पराशर के मुताबिक भय्यू महाराज को जब अस्पताल लाया गया, उससे आधा घंटे पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। उन्हें दाईं कनपटी पर गोली लगी थी।

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पिछले साल की थी दूसरी शादी

भय्यू महाराज की पहली पत्नी माधवी का नवंबर 2015 में पुणे में निधन हो गया था। वे महाराष्ट्र के औरंगाबाद की रहने वाली थीं। पहली शादी से उनकी एक बेटी कुहू हैं, वो पुणे में पढ़ाई कर रही हैं। 30 अप्रैल 2017 को मध्यप्रदेश के शिवपुरी की डॉ. आयुषी के साथ दूसरी शादी की थी। 1968 को जन्मे भय्यू महाराज का मूल नाम उदयसिंह देखमुख था। वे शुजालपुर के जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे। भय्यू महाराज ने कभी कपड़ों के एक ब्रांड के विज्ञापन के लिए मॉडलिंग भी की थी। सद्गुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट उनके ही देखरेख में चलता था। उनका मुख्य आश्रम इंदौर के बापट चौराहे पर है।

राज्य मंत्री का दर्जा ठुकराया था

मध्यप्रदेश सरकार के 2 जुलाई 2017 को 6.67 करोड़ पौधे लगाने के दावे को महाघोटाला करार देकर कुछ संतों ने ‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’ निकालने का ऐलान किया था। इनमें नर्मदानंदजी, हरिहरानंदजी, कंप्यूटर बाबा, भय्यू महाराज और पं. योगेंद्र महंत शामिल थे। राज्य सरकार ने अप्रैल 2018 में इन सभी को राज्यमंत्री का दर्जा दिया। हालांकि भय्यू महाराज ने सरकार के इस ऑफर को लेने से मना कर दिया। उन्होंने कहा था कि वे नर्मदा मैया की सेवा बिना किसी पद के साथ भी करते रहेंगे।

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तुड़वाया था मोदी और अन्ना का अनशन

भय्यू महाराज 2011 में तब चर्चा में तब आए जब अन्ना हजारे के अनशन को खत्म करवाने के लिए तत्कालीन यूपीए सरकार ने अपना दूत बनाकर भेजा था। बाद में अन्ना ने उनके हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ा था। उस वक्त उनके साथ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख भी थे। प्रधानमंत्री बनने के पहले सितंबर 2011 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी सद्भावना उपवास पर बैठे थे। तब उपवास खुलवाने के लिए उन्होंने भय्यू महाराज को आमंत्रित किया था।

बड़े लोग थे उनके शिष्य

पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देखमुख, शरद पवार, लता मंगेशकर, उद्धव ठाकरे और मनसे के राज ठाकरे, आशा भोंसले, अनुराधा पौडवाल, फिल्म एक्टर मिलिंद गुणाजी जैसे बड़े नाम उनसे जुड़े थे और सबने उनके आश्रम का दौरा किया था।

Manoj Dwivedi

Manoj Dwivedi

MJMC, BJMC, B.A in Journalism. Worked with Dainik Jagran, Hindustan. Money Bhaskar (Newsportal), Shukrawar Magazine, Metro Ujala. More Than 12 Years Experience in Journalism.

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