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एक जगह ऐसी भी जहां लगाई जाती है दूल्हों की बोली..
लखनऊ: जी हां, वैसे तो हमारे समाज में दहेज प्रथा को बुरा माना जाता है लेकिन हकीकत ठीक इसके उलट है। कई जगहों पर तो हालात इससे भी बुरे हैं। आज हम आपको बताते हैं एक ऐसी जगह जहां आज भी मंडी लगाकर दूल्हों की बोली लगाई जाती है। जी हां, बिहार के मिथिलांचल में यानि की मधुबनी जिले में आज भी बाकायदा दूल्हों की मंडी सजती है जैसे की राशन या सब्जी की लगती है। दूल्हों की इस मंडी को सौराठ सभा यानी दूल्हों का मेला कहा जाता है। लोग इसे सभागाछी के नाम से भी जानते हैं।
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इस इलाके में रहने वाले जाने वाले मैथिल ब्राह्मण इसका आयोजन करवाते हैं जिसमें बाकायदा एक मेला लगता है। और इस मेले में देश-विदेश से लड़कियों के मां बाप अपने लिए उचित वर को चुनने का काम करते हैं। बात केवल यहीं तक होती तो ठीक था लेकिन यहां तो दुल्हों की योग्यता और हैसियत को देखते हुए उनकी सौदेबाजी भी की जाती है।
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सबसे दिलचस्प बात यहां पर ये होती है कि जिन दूल्हों की यहां बोली लगती है उनको पंजीकृत किया जाता है। बिना पंजीकरण के ये सौदा मान्य नहींं रह जाता है। पंजीकरण में पिता की ओर से और ननिहाल पक्ष की ओर के सात पीढ़ियों तक के संबंधों को खंगाला जाता है। किसी तरह का संबंध रहने पर वर-कन्या का विवाह नहीं होता है, क्योंकि ब्राह्मणों के हिसाब से उनकी नाड़ी समान होती है।