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इस नई तकनीक की मदद से अंधे-बहरे देख सकेंगे टीवी, जरूरतमंदों को मिलेगी फ्री सुविधा

शोधकर्ताओं ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जो ब्रेल को वास्तविक समय में टाइप करती है और नेत्रहीन और बहरे लोगों को बिना किसी की सहायता के टीवी देखने में मदद करती है। यूनिवर्सिडाड कार्लोस थर्ड डे मैड्रिड के शोधकर्ताओं ने एक प्रसारित हो सकने वाले 'परवैसिव सब प्रोजेक्ट' चलाया है, जो टेलीविजन चैनलों के उपशीर्षकों को संकलित करता है और उन्हें मुख्य सर्वर को भेजता है, जो आगे उसे फिर स्मार्टफोन और टैबलेट को भेजता है।

priyankajoshi
Published on: 21 May 2017 6:50 PM IST
इस नई तकनीक की मदद से अंधे-बहरे देख सकेंगे टीवी, जरूरतमंदों को मिलेगी फ्री सुविधा
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लंदन : शोधकर्ताओं ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जो ब्रेल को वास्तविक समय में टाइप करती है और नेत्रहीन और बहरे लोगों को बिना किसी की सहायता के टीवी देखने में मदद करती है। यूनिवर्सिडाड कार्लोस थर्ड डे मैड्रिड के शोधकर्ताओं ने एक प्रसारित हो सकने वाले 'परवैसिव सब प्रोजेक्ट' चलाया है, जो टेलीविजन चैनलों के उपशीर्षकों को संकलित करता है और उन्हें मुख्य सर्वर को भेजता है, जो आगे उसे फिर स्मार्टफोन और टैबलेट को भेजता है।

वहां उन्हें एक एप्लिकेशन के माध्यम से अंधे-बहरे शख्स के ब्रेल लाइन को भेजा जाता है, जिससे अच्छे सिंक्रोनाइजेशन के साथ टीवी ब्रॉडकास्ट से सीधे कैप्चर हुए उपशीर्षकों की गति को नियंत्रित किया जा सकता है।

दे रहे है एक समान अवसर

स्पेनिश ब्रॉडबैंड और दूरसंचार प्रदाता टेलीफोनिका द्वारा परवसिवसब वित्त पोषित है। टेलीफोनिका (सस्टेनेबल इनोवेशन) के निदेशक अरांका डियाज-लाडो ने एक बयान में कहा, 'टेलीफोनिका में हम और अधिक सुलभ कंपनी बनने का प्रयास करते हैं। इस तरह हम सभी के लिए बराबर मौका पैदा कर रहे हैं। हालांकि, हमें अभी लंबा सफर तय करना है। नई तकनीक और डिजिटल क्रांति हमें वहां पहुंचने में मदद करने वाला सबसे अच्छा माध्यम है।'

जरूरतमंदों के लिए मुफ्त सुविधा

परीक्षण सफल रहा है और मैड्रिड के सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय डिजिटल टेरेस्ट्रियल टेलीविजन (डीटीटी) चैनलों के साथ इस सुविधा को जोड़ दिया गया है। शोधकर्ताओं का दल जरूरतमंदों को यह सुविधा मुफ्त में प्रदान कर रहा है।



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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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